NSC क्या है? (What is NSC)
NSC को निवेश के पारंपरिक विकल्पों में सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक माना जाता है. दरअसल, NSC में निवेश किया पैसा पूरी तरह सुरक्षित होता है, क्योंकि इसे भारत सरकार की गारंटी होती है. लेकिन, NSC आम तौर पर आपको महंगाई से सुरक्षा नहीं दे पाता. हम यहां NSC से जुड़ी कई अहम बातें बता रहे हैं.
सुरक्षा गारंटी
नेशनल सेविंग्स सर्टिफ़िकेट (NSC) पर ब्याज की गारंटी होती है. हालांकि, इसकी ब्याज़ दर को सरकार समय-समय पर या आम तौर पर हर तिमाही के लिए बदल सकती है. इस समय ब्याज दरें 5 साल के निवेश पर 7.7 फ़ीसदी हैं, और NSC के 10 साल वाले विकल्प को बंद कर दिया गया है. 2016-17 से इसकी ब्याज़ दर, हर तिमाही पर सरकार के बॉन्ड रेट के आधार पर रिवाइज़ होती है. बहरहाल, एक बार आप NSC में निवेश कर देते हैं, तो पूरे पीरियड के दौरान एक जैसा ब्याज मिलता है.
कर्ज़ की सुविधा
स्कीम की अवधि ख़त्म होने से पहले NSC पर क़र्ज़ लिया जा सकता है.
प्री-मेच्योर विड्रॉल कैसे होगा?
NSC में किया गया निवेश अपने पूरे समय के लिए लॉक रहता है. आगे बताई गई स्थितियों में प्री-मेच्योर विड्रॉल संभव है-
1. सिंगल अकाउंट में अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए, या एक ज्वाइंट अकाउंट में सभी या किसी एक अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए.
2. राजपत्रित सरकारी अधिकारी होने के नाते गिरवीदार द्वारा ज़ब्त करने पर, जब प्रतिज्ञा इन नियमों के अनुरूप हो.
3. अगर किसी न्यायालय का आदेश हो
कितना टैक्स लगता है
NSC (National Savings Certificate) में किए गए इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. लेकिन ये छूट किसी एक फ़ाइनेंशियल ईयर में, इस पर मिले ब्याज़ को मिलाकर, ₹1.5 लाख तक ही हो सकती है. दरअसल, NSC से मिला ब्याज, ख़ुद ही री-इन्वेस्ट हो जाता है. मगर ब्याज़ पर हर साल टैक्स नहीं लगता, मगर मेच्योरिटी पर पूरी रक़म टैक्स के दायरे में आती है.
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कहां से ख़रीदें
NSC को किसी भी हेड या जनरल पोस्ट ऑफ़िस से ख़रीदा जा सकता है.
कैसे ख़रीदें
- आपको पोस्ट ऑफ़िस में मिलने वाला NSC का एप्लीकेशन फ़ॉर्म भरना होगा.
- सर्टिफ़िकेट ख़रीदते समय जांच के लिए अपनी कुछ ज़रूरी डिटेल्स जैसे ID प्रूफ़ अपने साथ ज़रूर रखें.
- आप कैश या फिर पोस्ट ऑफ़िस के पोस्ट मास्टर के नाम चेक या डिमांड ड्राफ्ट से सर्टिफ़िकेट ख़रीद सकते हैं.
- इसके लिए नॉमिनी तय करना ज़रूरी है.
कुछ और जानकारी
- NSC सर्टिफ़िकेट को भारत के किसी भी पोस्ट ऑफ़िस में कैश करा सकते है, बशर्ते इसके ट्रांसफ़र का अधिकार आपके पास हो.
- NSC सर्टिफ़िकेट हर पोस्ट ऑफ़िस में ट्रांसफ़र हो सकते हैं.
- ब्याज की इनकम पर टैक्स लागू होता है, मगर ये टैक्स सोर्स के आधार पर नहीं लिया जाता (अगर इसे सैक्शन 80C के तहत क्लेम नहीं किया गया है).
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ऑनलाइन बैंकिंग
- NSC का एप्लीकेशन फ़ॉर्म ऑनलाइन नहीं भर सकते. हालांकि आप इसका फ़ॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं. साथ ही, आप DOP ई-बैंकिंग पोर्टल के ज़रिए अपने अकाउंट और लेन-देन की डीटेल्स ऑनलाइन ले सकते हैं.
निवेश का उद्देश्य और रिस्क
- NSC में निवेश करने का ख़ास उद्देश्य टैक्स में छूट और अश्योर्ड रिटर्न पाना है.
किसके लिए है
- वो इन्वेस्टर जो पांच साल तक के अपने एकमुश्त निवेश पर सेफ़ और अश्योर्ड रिटर्न चाहते हैं. साथ ही, सेक्शन 80C तहत टैक्स छूट भी चाहते हैं.
किसके लिए नहीं है
- वो लोग जो कि लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट से अच्छा पैसा बनाना चाहते हैं क्योंकि इसमें महंगाई के रेट से ज़्यादा रिटर्न का लाभ नहीं मिलता है.
- वो इन्वेस्टर जो छोटी रक़म को लगातार निवेश करना चाहते हैं.
इसके विकल्प क्या हैं
- 5 साल का बैंक फ़िक्स डिपॉज़िट
- 5 साल का पोस्ट ऑफ़िस टाइम डिपॉज़िट
- NSC की तुलना में डेट म्यूचुअल फ़ंड बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. मगर इसमें टैक्स छूट नहीं मिलती है.
- कंपनी डिपॉज़िट, हालांकि इसमें भी टैक्स छूट नहीं मिलती.
याद रखने वाली कुछ ज़रूरी बातें
- NSC सरकार द्वारा चलाई गई गारंटी वाली स्कीम है.
- NSC में निवेश और ब्याज़ दोनों के लिए सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की रक़म पर छूट है.
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