टैक्स बचाने के विकल्प

टैक्स-सेविंग के 6 बेस्ट ऑप्शन

टैक्स बचाने और पैसे बढ़ाने के काम आएंगे ये 6 निवेश के तरीक़े जिनकी सारी ख़ूबियों और ख़ामियों के बारे में यहां बात हो रही है...

टैक्स-सेविंग के 6 बेस्ट ऑप्शन

टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट: टैक्स बचाने का अच्छा निवेश वही है जिसका लक्ष्य, पहले निवेश हो और बाद में टैक्स बचाने का हो. इस समय ऐसी कई स्कीम उपलब्ध हैं, जो आपके टैक्स के बोझ को कम करती हैं. आइए, ऐसे छह लोकप्रिय विकल्पों पर नज़र डालते हैं -

1. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
ELSS फंड पूरी तरह से इक्विटी फंड होते हैं और इनका लॉक-इन पीरियड तीन साल होता है. इनमें किए गए निवेश (हर साल ₹1.5 लाख तक) पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट ली जा सकती है.

इनसे हुए फ़ायदे को लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (long-term capital gains) माना जाता है और इस पर 10 फ़ीसदी टैक्स लगता है. हालांकि, ₹1 लाख तक के फ़ायदे को टैक्स पर छूट मिलती है.

2. नेशनल सेविंग्स सर्टिफ़िकेट (NSC)
NSC, स्मॉल सेविंग्स का एक लोकप्रिय और सुरक्षित साधन है, जिसमें टैक्स सेविंग के साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है. सरकार के समर्थन के साथ, ये पोस्ट ऑफ़िस (post offices) में उपलब्ध सबसे सुरक्षित विकल्पों में से है.

निवेश
न्यूनतम: ₹1000 प्रति-वर्ष
अधिकतम: कोई लिमिट नहीं
ब्याज: 7% कम्पाउंडेड प्रति-वर्ष
अवधि: 5 वर्ष

3. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया लंबी अवधि की सेविंग का विकल्प है. ये लॉक-इन पीरियड के बाद सेविंग और विदड्रॉल पर टैक्स बेनिफ़िट की पेशकश करता है.

निवेश
न्यूनतम: ₹500 प्रति-वर्ष
अधिकतम: ₹1.5 लाख प्रति-वर्ष
ब्याज: 7.1% कम्पाउंडेड प्रति-वर्ष
अवधिः 15 वर्ष. 15 साल पूरे होने पर इस अकाउंट को पांच-पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है.

4. यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
ULIPs ऐसे हाइब्रिड प्रोडक्ट हैं, जिनमें इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेट को मिला दिया जाता है. किसी दूसरी जीवन बीमा स्कीम की तरह, ये इन्वेस्टमेंट के साथ लाइफ़ कवर की पेशकश करते हैं. पारदर्शिता, रिटर्न और लिक्विडिटी के मामले में, ख़ासतौर पर ELSS की तुलना में ULIPs ख़ासे पीछे नज़र आते हैं. इनमें बीमे की रक़म भी कम ही होती है.

5. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
ये लड़कियों के लिए टैक्स-फ़्री स्मॉल सेविंग स्कीम है. इसे 22 जनवरी, 2015 में शुरु किया गया था. 10 साल या इससे कम उम्र की बच्चियों के माता-पिता या कानूनी अभिभावक भारत में सेविंग बैंक का काम कर रहे किसी भी पोस्ट ऑफ़िस में या केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत कमर्शियल बैंक में SSY खाता खुलवा सकते हैं.

निवेश
न्यूनतम: ₹250 प्रति-वर्ष
अधिकतमः ₹1.5 लाख प्रति-वर्ष
ब्याज: 7.6 फ़ीसदी कम्पाउंडेड प्रति-वर्ष
अवधिः खाता खुलने की तारीख़ से 21 वर्ष. कुछ स्थितियों में पांच साल के बाद, यानी समय से पहले भी बंद कराया जा सकता है.

6. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
NPS, भारत सरकार की तरफ़ से सभी भारतीय नागरिकों को दिया गया पेंशन की सुविधा है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों और कुछ राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए NPS में निवेश करना अनिवार्य है. सरकार के निर्देश के तहत, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और NPS में से एक विकल्प दिया जाएगा. आमतौर पर कर्मचारियों का योगदान बेसिक सैलरी और DA का 10 फ़ीसदी होता है, जिसमें इम्प्लॉयर द्वारा इतना ही योगदान किया जाता है. इसमें, आपकी पूंजी सुरक्षित नहीं होती, क्योंकि NPS में कुछ रक़म इक्विटीज में निवेश की जाती है. इस तरह से, रिटर्न मार्केट लिंक्ड हो जाता है.

लिक्विडिटी
NPS के मामले में, अगर आप तीन साल तक स्कीम में रहते हैं, तो आप कुछ ख़ास तरह के ख़र्चों के लिए अंशदान का 25 फ़ीसदी तक निकाल सकते हैं. इसके तहत, आप ज़्यादा-से-ज़्यादा तीन बार पैसा निकाल सकते हैं.

पैसा निकालने का विकल्प
अगर आप 60 साल की उम्र से पहले पैसे निकालना चाहते हैं, तो आपको एन्युटी ख़रीदने के लिए 80 फ़ीसदी कॉर्पस ज़रूर इस्तेमाल करना चाहिए. आप अपने कॉर्पस का 20 फ़ीसदी निकाल सकते हैं, लेकिन इस पर आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब (income tax slab) के तहत टैक्स देना होगा. NPS से 60 फ़ीसदी विदड्राल उनके लिए टैक्स फ़्री है, जो 60 साल की उम्र होने पर एग्ज़िट करते हैं. बाक़ी 40 फ़ीसदी कॉर्पस की एन्युटी लेनी ज़रूरी होती है. हालांकि, अगर कुल कॉर्पस ₹5 लाख से ज़्यादा न हो, तो बिना एन्युटी लिए पूरा पैसा निकाला जा सकता है.

एन्युटी, प्लान से मिलने वाली पेंशन इनकम के साथ जुड़ जाती है और उस पर लागू स्लैब के तहत टैक्स लगता है.

सेक्शन 80C के तहत उपलब्ध अलग-अलग विकल्पों में सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) है. एक इक्विटी म्यूचुअल फंड (equity mutual fund) के तौर पर ELSS सैलरी पाने वाले ऐसे लोगों के ख़ासतौर पर काम का है, जो पहले से कुछ रक़म PF डिडक्शन के ज़रिये फ़िक्स्ड इनकम प्रोडक्ट्स में डाल रहे होते हैं. फ़िक्स्ड इनकम के विकल्पों में निवेश को बैलेंस करने के लिए इक्विटी बेस्ड इन्वेस्टमेंट सबसे अच्छा विकल्प है. इसके अलावा, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम के लिए तीन साल का लॉक-इन दूसरे टैक्स सेविंग फिक्स्ड इनकम ऑप्शंस की तुलना में सबसे छोटा है.


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