आप हर महीने अपनी सैलरी मिलने के समय अपना इनकम टैक्स अदा कर सकते हैं. या फिर, आप सेट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) द्वारा मैनेज किए जा रहे इनकम टैक्स पोर्टल पर जा सकते हैं और अपना टैक्स अदा कर सकते हैं. इनकम टैक्स कैलकुलटेर का इस्तेमाल करते समय, आपको कुछ बेसिक डिटेल जमा करने होंगे, इसमें आपकी सालाना आमदनी और ख़र्च शामिल होते हैं जिनमें होम लोन EMI शामिल होगी, एजुकेशन लोन का ब्याज (अगर है), आपका टैक्स बचत के निवेश, आपका किराया, ट्यूशन फ़ीस जैसी चीज़ें शामिल होंगी.
साल 2020 के बजट के दौरान, भारत सरकार ने एक नई टैक्स रिज़ीम (new tax regime) शुरू की और पुरानी टैक्स रिज़ीम (old tax regime) को भी जारी रखा. अब, आपके पास हर साल, वित्त-वर्ष की शुरुआत में नई या पुरानी टैक्स रिज़ीम को चुनने का विकल्प है. चाहे आप किसी भी रिज़ीम को चुनें, आप अपना इनकम टैक्स भारत के किसी भी टैक्स कैलकुलेटर पर टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं.
हमारा इनकम टैक्स कैलकुलेटर 2023-24 के यूनियन बजट में प्रस्तावित बदलावों के मुताबिक़ काम करता है.
इनकम के स्रोत क्या होते हैं?
जब बात इनकम टैक्स की हो, तो आपकी आमदनी या इनकम को इन हिस्सों में बांटा जा सकता है:
सैलरी से होने वाली इनकम: आपकी जो आमदनी इस माध्यम से होती है, उस पर इस मद में टैक्स लगता है. हालांकि, इसके तहत टैक्स देने के लिए नियोक्ता-कर्मचारी (employer-employee) का संबंध होना ज़रूरी है.
कैपिटल गेन से होने वाली इनकम: ये तब होता है जब आप अपने किसी कैपिटल एसेट को बेचने पर प्रॉफ़िट कमाते हैं. ये टैक्स उसी वित्त-वर्ष में लिया जाता है जिसमें आप सेल करते हैं.
संपत्ति से मिलने वाली इनकम: इसमें टैक्सपेयर को किराए से होने वाली आमदनी शामिल की जाती है. ये आमदनी एक ख़ास संपत्ति (जैसे मकान) की सालाना क़ीमत पर आधारित होती है, जो सेक्शन 23 के प्रावधानों के तहत तय की जाती है.
किसी बिज़नस या व्यवसाय की इनकम: अगर आपको किसी बिज़नस या पेशे से आमदनी होती है, जैसे कि वकालत, डाक्टरी, आदि, तो ऐसी आमदनी इसके तहत टैक्स के दायरे में आती है.
अन्य स्रोतों से मिलने वाली इनकम: इसके तहत वो सारी आमदनी शामिल होती है जो ऊपर दिए चार इनकम के स्रोतों के अलावा होती है. हालांकि, सभी ख़र्चों को इस मद में कटौती के तौर पर नहीं माना जाता है. उनमें से कुछ में डिविडेंड से इनकम, खेलों में जीतने से मिलने वाली पुरस्कार राशि आदि शामिल हैं.
इनकम टैक्स कैसे कैलकुलेट करें?
जब बात इनकम टैक्स कैलकुलेटर के इस्तेमाल से इनकम टैक्स कैलकुलेट करने की हो, तो आपको ये स्टेप फ़ॉलो करने चाहिए:
स्टेप 1: Gross Taxable Income: कुल टैक्स योग्य आमदनी पता लगाएं: इसे कैलकुलेट करने के लिए, आपको अपनी कुल सैलरी से सभी कटौतियों को हटाने के बाद अपनी नेट सैलरी तय करनी होगी. फिर, अगर आपके पास आमदनी के दूसरे स्रोत हैं, तो आपको उस आमदनी को अपने शुद्ध वेतन में जोड़ना होगा. तब, आपको अपनी सकल कर योग्य आय जानना संभव होगा.
स्टेप 2: Total Tax Benefits: अपने टैक्स के सभी बेनेफ़िट पता लगाएं: अब, अगर आपके पास कोई टैक्स -सेविंग के लिए किया गया निवेश है या अगर आपको कोई छूट मिलती है, तो आपको कुल बेनेफ़िट्स की गणना करने की ज़रूरत है. आपके कुल टैक्स बेनेफ़िट्स में सेक्शन 80C के तहत आपके सभी निवेश, आपके होम लोन का इंटरेस्ट (यदि कोई हो), हेल्थ इन्श्योरेंस प्रीमियम और अन्य शामिल हो सकते हैं.
स्टेप 3: अपनी कुल टैक्सेबल इनकम का पता लगाएं: अब, आपको अपनी कुल टैक्सेबल इनकम जानने की ज़रूरत है. इसके लिए आपको अपनी टैक्सेबल इनकम से कुल टैक्स बेनेफ़िट घटाने होंगे. तो, इसका फॉर्मूला है: आपकी कर योग्य आय = आपकी कुल कर योग्य आय - आपके कुल टैक्स बेनेफ़िट्स
स्टेप 4: अपनी कुल टैक्स लायबिलिटी का पता लगाएं: अब, आप ख़ुद पर लागू स्लैब रेट के अनुसार फ़ाइनेंशियल ईयर के लिए अपनी इनकम टैक्स की लायबिलिटी पता लगा सकते हैं. आप नए या पुराने टैक्स रीज़ीम. में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं.
बजट 2020 में घोषित नए टैक्स रीज़ीम में स्लैब रेट कम हैं. लेकिन याद रखें कि अगर आप नई टैक्स रीज़ीम चुनते हैं, तो आपको सेक्शन 80C और HRA सहित कई कटौतियां नहीं मिल सकती हैं. नीचे दी गई टेबल से ये समझने में मदद मिलेगी कि आपको पुरानी और नई टैक्स रीज़ीम में कितना टैक्स देना होगा.
पुरानी टैक्स रीज़ीम के तहत उपलब्ध कटौती/ छूट
अगर आप पुरानी टैक्स रीज़ीम चुनते हैं, तो आपको निम्नलिखित कटौती और छूट का फ़ायदा मिलेगाः
सेक्शन |
कटौती/ छूट |
1. सेक्शन 16 |
सैलरी पाने वाले लोगों के लिए ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन |
2. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 का सेक्शन 10 (5) |
LTA |
3. सेक्शन 80C |
₹1,50,000 तक |
4. सेक्शन 80D |
मेडिकल ख़र्च |
5. सेक्शन 80E |
हाइयर एजुकेशन लोन का ब्याज |
6. सेक्शन 80G |
चैरिटी का डोनेशन या दान |
7. सेक्शन 80TTA |
सेविंग अकाउंट से ब्याज की आय पर रु. 10,000 तक |
8. सेक्शन 24 |
जिस घर में रह रहे हैं उसके होम लोन के ब्याज पर रु. 2 लाख तक |
नई टैक्स रिज़ीम के तहत कटौती/छूट
ये कुछ कटौतियां और छूट हैं, जो नई टैक्स रिज़ीम के तहत मिलती हैं:
सेक्शन |
कटौती/ छूट |
1. सेक्शन 24 (b) |
किराए पर दिए घर का लोन पर जो ब्याज दिया गया |
2. 80CCD (1B) |
NPS पर इंप्लॉयर का योगदान |
3. सेक्शन 80C |
सुकन्या समृद्धि योजना और PPF ब्याज और मेच्योरिटी के फ़ायदे |
4. सेक्शन 80CCH |
कॉर्पस फ़ंड के डिडक्शन या कटौती |
5. सेक्शन 80CCH |
अग्निवीर C में आपका योगदान |
6. सेक्शन 57(iia) |
पारिवारिक पेंशन की आमदनी की डिडक्शन |
7. सेक्शन 16 |
रु. 50,000 वेतन पाने वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन |
धनक का इनकम टैक्स कैलकुलेटर कैसे इस्तेमाल करें?
धनक पर हमारा इनकम टैक्स कैलकुलेटर इस्तेमाल में बेहद आसान है. इसमें आप अपने टैक्स के दायरे में आने वाली आमदनी पर टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं. हमारा इनकम टैक्स कैलकुलेटर पुरानी या नई टैक्स रिज़ीम के तहत आपके कुल टैक्स का अंदाज़ा लगाने के लिए आपकी उम्र, बेसिक मासिक वेतन, HRA, सकल वार्षिक आय और टैक्स-बचत के निवेश सहित सभी ज़रूरी फ़ैक्टर्स शामिल करता है. यहां हमारे कर कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने के लिए स्टेप-बाइ-स्टेप गाइड दी गई है.
- यहां क्लिक करें: https://dhanak.valueresearchonline.com/calculators/ और टैक्स कैलकुलेटर टूल ‘ज़रूरी टूल्स’ टैब के नीचे मिलेगा.

- टैक्स कैलकुलेटर आइकन पर क्लिक करें, और पेज खुल जाएगा.

- अब ज़रूरी जानकारी दिए गए बॉक्स में भरें और ‘अगला’ टैब पर क्लिक करें.

- दिए गए बॉक्स को भरें और ‘अगला’ टैब पर क्लिक करें.

- इस पेज पर, आपको कुछ और जानकारियां देनी होंगी और फिर ‘अगला’ टैब पर क्लिक करें.

- अब, आपको सेक्शन 80C के तहत आने वाली सारी कटौतियां (deductions) सबमिट करनी हैं. इनमें पूरे फ़ाइनेंशियल ईयर की आपकी ELSS की SIPs और दूसरे निवेश शामिल हैं. एक बार आप सबमिट कर देते हैं, तो ‘अगला’ टैब पर क्लिक करें.

- इस पेज पर, आपको दूसरे डिडक्शन सब्मिट करने होंगे. अगर आप पर टैक्स बनता है तो ‘कैलकुलेट टैक्स’ टैब पर क्लिक करें. आपको कुछ सेकंड के भीतर नतीजे मिल जाएंगे.

धनक का इनकम टैक्स कैलकुलेटर इस्तेमाल करने के फ़ायदे
बात जब आपके आर्थिक लक्ष्यों की हो, तो उन्हें हासिल करने के लिए आपको सावधानी से प्लान करना चाहिए. इस काम में धनक का इनकम टैक्स कैलकुलेटर आपकी काफ़ी मदद करेगा. हमारे इनकम टैक्स कैलकुलेटर के कुछ फ़ायदे इस तरह हैं.
आपके लिए बेहतर टैक्स रिज़ीम चुनने में आपकी मदद करेगा: अब, आप नई या पुरानी टैक्स रिज़ीम के तहत टैक्स फ़ाइल कर सकते हैं. हमारे इनकम टैक्स कैलकुलेटर से, आप दोनों रिज़ीम के तहत आपकी टैक्स देनदारी कितनी होगी इसे समझ सकते हैं.. इसके अलावा, हमारा टैक्स कैलकुलेटर आपको टैक्स बचाने के आइडिया भी देगा.
इस्तेमाल में आसान: हमारा इनकम टैक्स कैलकुलेटर इस्तेमाल में बेहद आसान है. आपको सिर्फ़ अपनी कुछ बेसिक डिटेल देनी होंगी, जो कि आसानी से उपलब्ध है. इसमें बस कुछ ही क्लिक लगेंगे. आप इसे कभी भी और कहीं से भी कर सकते हैं, और वो भी फ़्री!
आपकी फ़ाइनेंशियल प्लानिंग में मदद करता है: हममें से ज़्यादातर लोगों को टैक्स बचाने के तरीक़े नहीं पता होते, जिसमें ELSS स्कीम हैं होम लोन पर मिलने वाला टैक्स का फ़ायदा है, NPS और इसी तरह के और तरीक़े हैं. हमारा इनकम टैक्स कैलकुलेटर इन सभी फ़ीचर्स को ध्यान में रख कर आपको ये बताता है कि आप टैक्स कैसे बचा सकते हैं.
इनकम टैक्स कैलकुलेटर के कुछ आम इस्तेमाल होने वाले टर्म
एग्ज़मशन या छूट: छूट का मतलब है आपकी आमदनी की ऐसी कुल रक़म जिसे टैक्स कैलकुलेट करने में शामिल नहीं किया जाता. छूट के कुछ उदाहरणों में से आपके वेतम में शामिल LTA (Leave Travel Allowance) का हिस्सा, टैक्स-फ़्री बॉन्ड से कमाया गया ब्याज और इसी तरह से कुछ और छूट.
डिडक्शन या कटौती: चैप्टर VI-A पर आधारित, और साथ ही सेक्शन 80 के तहत आपको, टैक्स के दायरे में आने वाली कुल आमदनी पर कटौती की छूट मिलती है. आप ये टैक्स कटौती अपने बच्चे की ट्यूशन फ़ीस की मद में ले सकते हैं, अपनी, लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी की एवज में और इसी तरह की कुछ और मद में पाते हैं.
फ़ाइनेंशियल ईयर या वित्त-वर्ष: इस अवधि में, आपको अपने सभी निवेशों के डिटेल इकट्ठा करने और सबमिट करने होंगे. ये विचाराधीन या किसी विशिष्ट वर्ष की 01 अप्रैल को शुरू होता है और अगले साल की 31 मार्च को ख़त्म होता है.
असेसमेंट ईयर या आकलन वर्ष: विचाराधीन या किसी विशिष्ट वित्तीय वर्ष के लिए आपकी सभी आमदनी का मूल्यांकन अगले वित्तीय वर्ष में किया जाता है. इसे असेसमेंट ईयर कहा जाता है.
प्रीवियस ईयर या पिछला वर्ष: एक निर्धारण वर्ष में पिछले वित्तीय वर्ष की आमदनी का आकलन किया जाता है. फिर, पिछले वित्तीय वर्ष को पिछले वर्ष के रूप में जाना जाता है.
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