Is SIP right for retirement planning: जब हम रिटायरमेंट की बात करते हैं तो हमारा मन आराम की दुनिया में खो जाता है. हम सब रिटायरमेंट को जीवन का ऐसा दौर मानते हैं जब काम धंधे की चिंता नहीं होती है और अपनी जिंदगी मन चाहे तरीक़े से जी सकते हैं. ये सही बात है कि रिटायरमेंट के बाद काम या ऑफ़िस से जुड़ी चिंता नहीं होती है लेकिन ज़रूरी नहीं है कि आपको पैसों के बारे में चिंता न करनी पड़े. रिटायरमेंट के बाद नौकरी से मिलने वाली हर की इनकम या सैलरी बंद हो जाती है. ऐसे में रिटायरमेंट का आनंद उठाने के लिए बचत करना बहुत ज़रूरी है.
अब वो दिन नहीं रहे जब ज़्यादातर लोग सरकारी नौकरी करते थे और रिटायरमेंट के बाद उनको पेंशन मिलती थी. आजकल सरकारी नौकरी करने वालों को भी रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए निवेश करना पड़ रहा है. लोगों की एवरेज उम्र बढ़ रही है. ऐसे में रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग करना और भी ज़रूरी हो गया है. रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी 30 या 40 साल लंबी हो सकती है और उम्र बढ़ने के साथ काम करने की क्षमता कम होती जाती है. ऐसे में ज़रूरतों को पूरा करने के लायक कॉर्पस बनाना और भी ज़रूरी हो जाता है.
रिटायरमेंट सेविंग के लिए क्या करें
अक्सर लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट सेविंग कब शुरू करनी चाहिए. सबसे अच्छा तो यही है कि आप जब कमाना शुरू करें तभी से रिटायरमेंट सेविंग शुरू कर देनी चाहिए. लेकिन बहुत से लोग करियर की शुरुआत में रिटायरमेंट प्लानिंग का महत्व नहीं समझते. आजकल ख़र्च के लिए कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन बचत करने की बात कम लोगों के दिमाग में आती है. लेकिन आप इस बात पर सोच सकते हैं कि अगर आप 23 साल की उम्र में हर महीने ₹10,000 इक्विटी SIP में निवेश करना शुरू करते हैं और निवेश की रक़म हर साल 10 फ़ीसदी बढ़ाते रहते हैं तो 60 साल की उम्र में आपके पास ₹40 करोड़ होंगे. ये माना गया है कि इक्विटी आपको सालाना 15 फ़ीसदी रिटर्न देगी.
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कंपाउंडिंग और अनुशासन की ताकत
₹40 करोड़ की रक़म आपको कुछ हद तक जादू की तरह लग रही होगी. लेकिन ये कोई जादू नहीं है. ये कंपाउंडिंग और अनुशासन की ताकत है. इक्विटी फ़ंड आपके लिए कंपाउंडिंग करता है. वहीं, SIP आपके निवेश में अनुशासन लाती है. इस तरह से ये छोटे निवेश के ज़रिए लंबे समय में बड़ा कॉर्पस बनाने में आपकी मदद करती है.
ये बात साफ है कि आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे आपको एक अनुमानित रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने के लिए उतनी ही रक़म निवेश करनी होगी. वहीं 35 से 40 साल के एज ग्रुप के व्यक्ति को जिसने अभी निवेश करना शरू नहीं किया है, उसे उतनी ही रक़म बनाने के लिए SIP में ज़्यादा रक़म निवेश करनी होगी.
अगर हम हर साल टैक्स सेविंग फ़ंड में ₹1.5 लाख ही निवेश करें तो हम टैक्स बचाने के साथ एक अच्छा रिटायरमेंट कॉर्पस बना सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत आप सालाना ₹1.5 लाख टैक्स सेविंग फ़ंड में निवेश करके टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. सालाना ₹1.5 लाख निवेश के अलावा एक दो अच्छे इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड में निवेश से आप बड़ी रक़म बना सकते हैं.
अब उन लोगों का क्या जो रिटायरमेंट के नज़दीक हैं और पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF) जैसे निवेश के पारंपरिक विकल्पों में निवेश कर रखा है. रेगुलर इनकम के लिए कुछ रक़म सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम (SCSS) में लगाने के बाद ऐसे लोग बाकी रक़म डेट फ़ंड में निवेश कर सकते हैं. और अगले कुछ महीनों में डेट फ़ंड से रक़म सिस्टमैटिक तरीक़े से बैलेंस्ड फ़ंड में ट्रांसफर कर सकते हैं. एक फ़ंड से दूसरे फ़ंड में SIP को सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान यानी STP कहते हैं. बैलेंस्ड फ़ंड में रक़म पारंपरिक विकल्पों के मुक़ाबले तेज़ी से बढ़ती है और रिटायरमेंट के बाद महंगाई के असर से निपटने में मदद भी करती है.
अपने निवेश को कैसे ट्रैक करें?
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