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निवेश एक बार में करें या क़िश्तों में?

आपके लिए एक ही बार में पैसे इन्वेस्ट करना फ़ायदे की बात होगी या धीरे-धीरे क़िश्तों में करना मुनाफ़े का सौदा होगा? हम अगर इस सवाल का जवाब अगर अच्छी तरह समझ जाएं, तो इन्वेस्टमेंट भी आसान हो जाएगा और नुक़सान का ख़तरा भी कम हो जाएगा, तो इसी बात को यहां समझते हैं.

निवेश एक बार में करें या क़िश्तों में?

सबसे पहली समझने वाली बात है कि SIP के ज़रिए क़िश्तों में निवेश कहीं बेहतर होता है. क्यों? क्योंकि Systematic Investment Plan या SIP से निवेश करना कहीं आसान है. SIP के फ़ायदे कुछ इस तरह से आपको मिलते हैं:

कम पैसे में निवेश
अगर आप SIP के ज़रिए निवेश करते हैं तो हर महीने आप ₹500 की छोटी रक़म से शुरुआत कर सकते हैं. पर आप सोच सकते हैं कि इतने कम पैसों के इन्वेस्टमेंट का क्या फ़ायदा? तो, हम दावा करते हैं कि अगर इस छोटी लगने वाले 500 रुपए को आप लगातार इन्वेस्ट करते रहते हैं, तो एक वक़्त आएगा जब यही छोटी रक़म तेज़ी से बड़ी होने लगेगी. एक बड़ी पूंजी इकठ्ठी करने में आपकी मदद करेगी. कैसे? तो लगे हाथ इसे भी समझ लेते हैं:

रिस्‍क ज़रूरी नहीं
कम पैसों से निवेश की शुरुआत एक तरह से बेहतर रहती है क्‍योंकि अगर आप शुरुआत में ग़लत जगह निवेश कर भी देते हैं, तो भी कोई बड़ी रक़म दांव पर नहीं लगी होगी. वहीं अगर, अगर आप इंतजार करते हैं कि जब मेरे पास कोई बड़ी रक़म इकठ्ठा हो जाएगी तभी इन्वेस्टमेंट शुरु करंगा, तो उसमें शायद काफ़ी देर लगे.

अनुशासन ज़रूरी है
अक्सर हम लोगों में एक कमी होती है कि हम अपने इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान पर क़ायम नहीं रह पाते. कभी मन ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों पर ख़र्च करने के लिए ललचाता है, और कभी स्‍टॉक मार्केट के तेज़ उतार-चढ़ाव, हमारा प्‍लान पटरी से उतार देते हैं. यहीं का आती है SIP. जब आप SIP करते हैं तो हर महीने आपके अकाउंट से पैसा कट जाता है. अगर SIP महीने की शुरुआत में ही कट जाए तो और भी अच्छा, क्योंकि इससे पहले कि आप कोई फ़ालतू का ख़र्च करें आपका पैसा इन्वेस्ट हो चुका होगा. निवेश को लेकर अनुशासन लाने का ये सबसे अच्छा तरीक़ा है कि पहले निवेश कर लें फिर बाक़ी के ख़र्च करें. इसे आप वैल्‍थ बनाने का सीक्रेट समझिए.

मार्केट के झूले
बहुत अनुभवी निवेशक भी मार्केट में निवेश का सही मौक़ा नहीं पहचान पाते. सही मौक़ा, यानी ऐसा समय जब मार्केट नीचे हो. इसीलिए एक ही साथ निवेश करने का तरीक़ा आपकी पूंजी को बड़ा नुक़सान दे सकता है. देखिए, मान लेते हैं कि आपने अभी एक बड़ी रक़म एक ही बार में इन्वेस्ट कर दी, और जल्दी ही मार्केट धड़ाम से नीचे गिर गया. अब क्या होगा? अब उसे वापस आपके निवेश के स्तर तक पहुंचने में समय लगेगा. तब तक आपका निवेश घाटा ही दिखाएगा.

इसी की एक असली मिसाल देखते हैं. अगर साल 2008 में आपने रु12 लाख एक ही साथ निवेश किए होते, तो ये निवेश साल के अंत तक 50% से ज़्यादा कम हो गया होता. यानी सिर्फ़ रु6 लाख के आसपास रह गया होगा. तो, जो लोग ज़्यादा रिस्‍क उठा सकते थे, वही इस दौर का सामना कर पाए और साल 2009 के अंत तक उनका एक बार में निवेश किया पैसा वापस बढ़ कर रु10.6 लाख हो पाया. मगर तब भी वो नुक़सान में ही थे और उससे बाहर निकलने में उन्हें काफ़ी समय लगा.

SIP के ज़रिए किए गए निवेश में भी गिरावट दर्ज की गई. लेकिन एकमुश्‍त निवेश की तुलना में ये गिरावट कम चिंता वाली बात थी. इसके अलावा, 2009 के अंत तक रु12 लाख का निवेश, बढ़ कर रु16.39 लाख तक पहुंच गया. इसका मतलब है कि SIP निवेशक ने एक बार में निवेशक करने वाले की तुलना में रु 6 लाख से ज़्यादा का मुनाफ़ा कमाया.

तो अब साफ़ हो गया कि जब मार्केट नेगेटिव होता है, तो SIP एक बार में किए गए निवेश को बड़े अंतर से पछाड़ देती है.

हालांकि, एकमुश्‍त निवेश आमतौर पर उस समय अच्‍छा करता है जब मार्केट बढ़त पर हो. कोविड-19 की पहली लहर में लगे लॉक-डाउन के दौरान ऐसा हुआ था (चार्ट देखें). लेकिन ये बढ़त मामूली थी.

SIP रिस्‍क कैसे कम करती है? ऐसा कास्‍ट एवरेजिंग (cost averaging) की वजह से हो पाता है. SIP के ज़रिए आप हर महीने निवेश करते हैं. इस तरह से आप मार्केट की गिरावट में म्‍यूचुअल फ़ंड की ज़्यादा यूनिट्स ले पाते हैं. और जब मार्केट बढ़ रहा होता है तो आप कम यूनिट ख़रीद पाते हैं. जिससे निवेश का ख़र्च औसत हो जाता है.

किसी के लिए भी स्‍टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव का अंदाज़ा लगाना लगभग नामुमकिन है, ऐसे में इक्विटी इन्‍वेस्टिंग के साथ आने वाले कम अवधि के उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने का व्‍यावहारिक विकल्प एक ही है, SIP. अगर आप SIP के ज़रिए निवेश कर रहे हैं तो मार्केट के हालात के बारे में बिना सोचे अपना निवेश जारी रखें. लंबे समय में आप फ़ायदे में ही रहेंगे.

इसके अलावा, अगर निवेश के लिए बड़ी रक़म नहीं भी है, तो भी बड़ी रकम के इकठ्ठा होने का इंतज़ार न करें. कम पैसे के साथ ही SIP शुरू करें. लंबे समय में SIP आपको काफ़ी बड़े नतीजे दे सकती है.

और अगर आपके पास निवेश के लिए बड़ी रक़म है, तो इसे 6-12 महीने की बराबर-बराबर हिस्सों में SIP के ज़रिए निवेश करें. इससे निवेश की लागत औसत हो जाएगी और आप अगर मार्केट के ऊंचे स्‍तर के समय भी शुरुआत कर रहे हैं तो भी आपका ख़र्च कम हो जाएगा. ये सब करने से, मुश्किल समय में निवेश की वैल्‍यू गिरने पर आपकी नींद हराम नहीं होगी और लंबे समय में शानदार रिटर्न भी पा सकेंगे.


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