बात जब लाइफ़ इंश्योरेंस की आती है, तो मार्केट में बहुत सारे प्रॉडक्ट्स हैं जैसे - मनीबैक, यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP), पेंशन प्लान, वगैरह. एक आम आदमी के लिए क्या बेहतर है और उसे कौन सी इंश्योरेंस ख़रीदनी चाहिए? - जितेंद्र
जितेंद्र, लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदना एक स्मार्ट और समझदारी भरा फ़ैसला है. जिस भी शख़्स के ऊपर परिवार का कोई सदस्य आर्थिक तौर पर निर्भर है, उस व्यक्ति को लाइफ़ इंश्योरेंस या जीवन बीमा कराना ही चाहिए. कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने की दुखद स्थिति में, इंश्योरेंस पॉलिसी परिवार वालों के लिए एक सबसे ज़रूरी आर्थिक सहारा होती है.
मगर, मनीबैक, ULIP और इस तरह की तमाम हाइब्रिड पेंशन स्कीमें, इंश्योरेंस के लिहाज़ से उतनी सही नहीं होती. ये सभी लाइफ़ इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट एक साथ ऑफ़र करती है.
सुनने में तो ये अच्छा लगता है, लेकिन हक़ीक़त में ऐसा नहीं है.
ऐसा इसलिए, क्योंकि इन पॉलिसियों में -
a) लाइफ़ कवर काफ़ी नहीं होता (inadequate),
b) इन्हें ख़रीदना काफ़ी महंगा होता है (expensive), और
c) इनका निवेश वाला हिस्सा कम ही रिटर्न देता है (low returns).
इसलिए, इंश्योरेंस और निवेश को अलग-अलग रखने में ही भलाई है.
निवेश के लिए, इक्विटी (equity) और इक्विटी-ओरिएन्टेड फ़ंड्स (equity-oriented funds) की तलाश करें.
और जब बात लाइफ़ इंश्योरेंस की आए, तो केवल प्योर टर्म-प्लान (pure term plans) पर ही विचार करें.
हाइब्रिड प्लान की तुलना में प्योर टर्म-प्लान बहुत किफ़ायती होते हैं. मोटे तौर पर कहें, तो एक 35 साल का स्वस्थ इंसान, क़रीब ₹15,000 के सालाना प्रीमियम पर ₹1 करोड़ का कवर पा सकता है.
इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने वालों से सावधान रहें
कई लोग, एजेंट या ब्रोकर के ज़रिए लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदते हैं. ये एजेंट ज़्यादातर हाइब्रिड प्लान ही आपको बेचते हैं क्योंकि इसके लिए उन्हें मोटा कमीशन मिलता है.
मगर आप बहकावे में न आ कर, ये निश्तिच करें कि आपको प्योर टर्म-प्लान (pure term plan) ही ख़रीदना है.
प्योर टर्म प्लान की पहचान क्या है?
प्योर टर्म-प्लान को पहचानने का सबसे आसान तरीक़ा, लाइफ़ इंश्योरेंस के सरवाइवल बेनिफ़िट्स (survival benefits) को चेक करना है. एक प्योर टर्म-प्लान पॉलिसी में 'ज़ीरो' सरवाईवल बेनिफ़िट होगा. इसका मतलब ये है कि आपके प्रियजनों को इंश्योरेंस की रक़म (लाइफ़ कवर) सिर्फ़ तभी मिल सकती है, जब पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है. इंश्योरेंस के टर्म या मियाद ख़त्म होने पर इंश्योरेंस कराने वाला व्यक्ति जीवित रहता है, तो कोई पैसा वापस नहीं मिलता है.
अक्सर लोग कहते हैं कि क्या हाइब्रिड पॉलिसियां प्रीमियम वापस देती हैं और उन्हें इसमें फ़ायदा दिखता है. मगर ये एक भ्रम है, हाइब्रिड पॉलिसियां आपको कुछ पैसा वापस ज़रूर करती हैं, लेकिन ये बहुत कम होता है, और लागत के मुक़ाबले बहुत ऊंचा प्रीमियम वसूला जाता है.
अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है कि टर्म इंश्योरेंस प्लान कैसे ख़रीदें? तो आप इस गाइड को फ़्री में डाउनलोड करें और पढ़ें.
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