स्टॉक में निवेश, उतार-चढ़ाव से भरे रोलरकोस्टर की सवारी जैसा है. इसमें आप ऊपर तब होते हैं, जब किसी अच्छी कंपनी की जल्दी पहचान कर लेते हैं और इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के शामिल होने से पहले निवेश कर देते हैं. इस सवारी में आप नीचे तब होते हैं, जब ग़लत स्टॉक चुनते हैं और अपना सारा पैसा गंवा देते हैं.
हालांकि, एक बार म्यूचुअल फ़ंड जैसे इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करते हैं, तो आप निश्चिंत हो सकते हैं कि उनके (स्टॉक होल्कर) फ़ंड के पूरी तरह से बरबाद होने की संभावना कम है. इसके अलावा, रिटेल इन्वेस्टर, फ़ंड हाउसों की बढ़ी हुई भागीदारी का इस्तेमाल कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस और मैनेजमेंट क्वालिटी की प्रॉक्सी के तौर पर कर सकते हैं.
इसे ध्यान में रखते हुए, आइए उन शेयरों पर नज़र डालें जिन्होंने सितंबर 2023 से फ़ंड मैनेजर का ध्यान खींचा है. इस अर्से में, मोटे तौर पर दो कैटेगरी की लिस्टिड कंपनियां और IPOs (इनिशियल पब्लिक ऑफ़र) आते हैं.
स्टॉक कैसे चुने गए?
सितंबर 2023 और जनवरी 2024 के बीच एक्टिवली मैनेज्ड इक्विटी फ़ंड्स द्वारा इन्वेस्ट की गई 939 कंपनियों में से हमने अपनी लिस्ट को 11 शेयरों तक सीमित कर दिया है.
स्टॉक सलेक्शन के लिए इन फ़ैक्टर्स को लागू किया गया:
ऐसे स्टॉक जो फ़ंड हाउसों के पास इतने ज़्यादा नहीं थे (30 सितंबर, 2023 तक) लेकिन 31 जनवरी, 2024 तक कम से कम 1 प्रतिशत के एवरेज एलोकेशन के साथ ज़्यादा रखे गए.
ज़्यादा लिए गए स्टॉक (30 सितंबर, 2023 तक) जिनमें 31 जनवरी, 2024 तक कम से कम 1 प्रतिशत के एवरेज एलोकेशन के साथ, इन्वेस्टमेंट करने वाली स्कीम की संख्या दोगुनी होने के क़रीब देखी गई.
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जिन स्टॉक्स ने 1 अक्टूबर, 2023 और 15 फ़रवरी, 2024 के बीच दोहरे अंको का रिटर्न दिया, IREDA जैसी कंपनियों ने 254.1 प्रतिशत का चौंका देने वाला रिटर्न दिया.
नीचे उन कंपनियों की लिस्ट दी गई है, जिन्होंने हाल ही में फ़ंड मैनेजरों का ध्यान खींचा है.
जोश में फ़ंड मैनेजर
इन शेयरों में म्यूचुअल फ़ंड्स की रुचि अचानक बढ़ी है
कंपनी | रिटर्न | इन स्टॉक में इन्वेस्टमेंट करने वाली स्कीम की संख्या (सितंबर 23 तक) | इन स्टॉक में इन्वेस्टमेंट करने वाली स्कीम की संख्या (जनवरी 24 तक) | एवरेज एलोकेशन |
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इंडियन बैंक | 24.1 | 53 | 105 | 1.3 |
कायन्स टेक्नोलॉजी | 20.6 | 50 | 85 | 1.1 |
सेल | 34 | 38 | 80 | 1.2 |
बैंक ऑफ़ इंडिया | 30.7 | 14 | 64 | 1.5 |
LIC | 62.5 | 32 | 59 | 2.3 |
शोभा | 98 | 25 | 52 | 1.2 |
CAMS | 15.9 | 22 | 48 | 1.4 |
अपार इंडस्ट्रीज | 11.5 | 22 | 43 | 1.4 |
इंडिया शेल्टर फाइनेंस कॉर्पोरेशन | 3.9 | 0 | 39 | 1 |
इरेडा | 254.1 | 0 | 38 | 1.3 |
नोट: 1 अक्टूबर, 2023 से 15 फ़रवरी, 2024 में और इस दौरान लिस्टिड कंपनियों के लिए लिस्टिंग के बाद से रिटर्न। 31 जनवरी 2024 तक एवरेज एलोकेशन. सभी सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी और हाइब्रिड फ़ंड्स पर विचार किया गया. |
इन स्टॉक में अधिकांश निवेश सेक्टरल/थीमैटिक फ़ंड्स से आया, जैसा कि कायन्स टेक्नोलॉजी, IREDA और इंडिया शेल्टर फ़ाइनेंस कॉर्पोरेशन या उनके संबंधित मार्केट केपिटलाइज़ेशन, फ़ंड्स के मामले में देखा गया है. उदाहरण के लिए हमारी लिस्ट में लार्ज-कैप कंपनियों में इन्वेस्टमेंट करने में लार्ज-कैप फ़ंड सबसे आगे थे. उनमें से कुछ जैसे कि सोभा और सेल ने फ़ंड्स की सभी कैटेगरी में ज़्यादा व्यापक रुचि देखी.
अचानक क्यों बढ़ी दिलचस्पी?
कम समय में इन स्टॉक से मिले भारी रिटर्न, फ़ंड मैनेजरोंं द्वारा ली गई कॉल के बारे में बहुत कुछ बताता है. हालांकि, क्या इन्वेस्टमेंट स्कीम की संख्या में बढ़ोतरी मुख्य रूप से इन कंपनियों द्वारा अर्जित हाई रिटर्न के कारण हुई, ये पक्का नहीं हुआ है. केवल समय ही बताएगा कि क्या ये मौजूदा गति का अधिकतम लाभ उठाने के लिए स्ट्रैटेजिक कॉल थी या स्टॉक के बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर लॉन्ग-टर्म का दांव था.
क्या आपको ये स्टॉक ख़रीदना चाहिए?
हालांकि,
म्यूचुअल फ़ंड
द्वारा बढ़ा हुआ इन्वेस्टमेंट कंपनियों के प्रदर्शन के बारे में कुछ हद तक दृढ़ विश्वास प्रदान कर सकता है, केवल इसलिए इन्वेस्ट न करें, क्योंकि फ़ंड मैनेजर उन्हें ख़रीद रहे हैं. इन्वेस्टमेंट का फ़ैसला लेने से पहले किसी कंपनी के बिज़नस मॉडल को समझकर और अपने लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग फ़्रेमवर्क और रिस्क उठाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए रिसर्च करें.
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