Most Profitable Companies: अगर भारत की सबसे ज़्यादा प्रॉफिटेबिल कंपनी का नाम पूछा जाए तो जाहिर तौर पर ज़्यादातर लोग रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) यानी RIL का नाम लेंगे. वास्तव में, ये बात सही भी है. लेकिन प्रॉफ़िट की क्वालिटी, लगाई गई पूंजी पर रिटर्न यानी ROCE जैसे कई अहम पैमानों पर देखें तो एक बिल्कुल अलग तस्वीर सामने आती है.
वैसे भारत में ऐसी तमाम कंपनियां हैं, जो मुनाफ़े के मामले में रिलायंस, टाटा समूह की कंपनियों और SBI जैसी कंपनियों से कहीं आगे हैं. वैल्यू रिसर्च ने अपनी मैगजीन वेल्थ इनसाइट के जून 2023 के इशू की कवर स्टोरी 'Profit 100' में देश की टॉप-100 प्रॉफ़िट वाली कंपनियों की लिस्ट जारी की है. हम यहां इस लिस्ट की, टॉप 10 में शामिल एक कंपनी के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे. हमारा मक़सद आपके साथ उन पैमानों या पैरामीटर की ख़ूबियों को साझा करना है जिसके तहत हम न सिर्फ़ इन कंपनियों की कमाई देखते हैं, मगर इसके अलावा भी कई बातें शामिल करते हैं. वैसे, 'प्रॉफ़िट-100' कंपनियों की पूरी लिस्ट के लिए आप हमारी मैगजीन वेल्थ इनसाइट के डिजिटल, प्रिंट या दोनों इश्यू सब्सक्राइब कर सकते हैं.
प्रॉफ़िट-100: गुजरात थेमिस बायोसिन की मिसाल
सबसे मुनाफ़े वाली 100 कंपनियों की इस लिस्ट में Gujarat Themis Biosyn छठे पायदान पर रही. क़रीब ₹1,100 करोड़ के टर्न-ओवर वाली ये हेल्थ-केयर कंपनी हमारे PAT ग्रोथ, ROCE, ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन सहित सभी मानकों पर ख़री उतरी.
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इस कंपनी की PAT ग्रोथ, बीते 5 साल में 70.7 फ़ीसदी और 10 साल में 48.6 फ़ीसदी रही. इसके अलावा, 5 साल और 10 साल दोनों अवधि का ROCE 67.9 फ़ीसदी रहा.
कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन भी दमदार बना हुआ है, जो बीते 5 साल में औसतन 37.8 फ़ीसदी रहा.
शेयर का प्रदर्शन
इस शेयर ने कम समय में और लंबे अवधि में अपने निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दिया है. एक साल में (3 मई, 2023 तक के डेटा के मुताबिक) शेयर ने 57 फ़ीसदी, पांच साल में 79 फ़ीसदी (सालाना) और 10 साल में 49.9 फ़ीसदी (सालाना) का रिटर्न दिया है.
हमारे फ़िल्टर
वैसे तो हमने इस लिस्ट को तैयार करने के लिए कई फ़िल्टर इस्तेमाल किए हैं पर यहां हम चुनिंदा फ़िल्टर आपको बता रहे हैं:
1) सबसे पहले बैंकिंग, फ़ाइनेंशियल सर्विस और इंश्योरेंस कंपनियों को लिस्ट से बाहर किया.
2) ₹500 करोड़ से कम मार्केट-कैप वाली कंपनियों के बारे में आमतौर पर कम डिस्क्लोज़र होते हैं और जानकारी काफ़ी नहीं होती. इसलिए, ऐसी कंपनियों को हमने अपनी कवरेज से बाहर कर दिया.
3) हमने ऐसी कंपनियां चुनीं, जिन्होंने बीते 10 साल के दौरान हर साल नेट प्रॉफ़िट दर्ज किया. इस फ़िल्टर के इस्तेमाल से क़रीब आधी कंपनियां बाहर हो गईं.
4) हमने ऐसी कंपनियां चुनीं, जिनकी नेट प्रॉफ़िट ग्रोथ, पिछले पांच और 10 साल के दौरान कम-से-कम 10 फ़ीसदी रही.
5) किसी भी बिज़नस के लिए प्रॉफ़िट के साथ-साथ कैश-फ़्लो भी ज़रूरी होता है. इसलिए हमने 10 साल में से कम-से-कम आठ साल के दौरान पॉज़िटिव कैश-फ़्लो दर्ज नहीं करने वाली कंपनियों को बाहर कर दिया.
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प्रॉफ़िट की क्वालिटी
1) इसकी जांच के लिए हमने ROCE के लिहाज से कैपिटल इफ़िशिएंसी और ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन पर गौर किया. इसमें हमने ये फ़िल्टर लगाए:
2) 10 साल में से कम-से-कम आठ साल ROCE 15 फ़ीसदी या उससे ज़्यादा रहा हो.
3) मौजूदा ROCE कम से कम 15 फ़ीसदी हो.
4) 10 साल का औसत ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन कम से कम 10 फ़ीसदी हो.
5) मौजूदा ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन कम-से-कम 10 फ़ीसदी हो.
वैल्यू रिसर्च के तौर पर हम, आपके निवेश के सफर को आसान बनाने के लिए 100 मोस्ट प्रॉफ़िटेबल कंपनियों की लिस्ट दे रहे हैं. हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि हम इन स्टॉक्स को ख़रीदने की सलाह दे रहे हैं.
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