वर्ड्स वर्थ

निवेश की 5 ग़लतियों से बचें

वॉल स्ट्रीट के एक दिग्गज का कहना है कि निवेश करते समय आपको कुछ बातों से बचना चाहिए

निवेश की 5 ग़लतियों से बचें

James O'Shaughnessy एसेट मैनेजमेंट (OSAM) के फाउंडर हैं, जो एक लीडिंग क्वांटिटेटिव एसेट मैनेजमेंट फ़र्म है जिसका पूरा मालिकाना हक़ फ्रैंकलिन टेम्पलटन के पास है. जेम्स ओ'शॉनसी 'व्हाट वर्क्स ऑन वॉल स्ट्रीट' के लेखक भी हैं.

एक ख़ास इंटरव्यू में, ओ'शॉनसी ने बाज़ार के उतार-चढ़ाव के दौरान निवेशकों द्वारा की जाने वाली सामान्य ग़लतियों के बारे में बात की. इसके अलावा, सफल निवेश करने के लिए ज़रूरी सलाह भी दी. यहां, हम उनके बताए ज़रूरी सुझाव और निवेश मे की जाने वाली ग़लतियों की लिस्ट पेश कर रहे हैं.

नुक़सान के डर से निवेश बेचना
ओ'शॉनसी पैसिव निवेशकों के बीच एक ख़ास ग़लती की ओर इशारा करते हैं जैसे बाज़ार का स्तर नीचे जाने पर घबराना और अपना इंडेक्स फ़ंड बेच देना.

असफलता का एक हिस्सा, जिसका सामना एक पैसिव इन्वेस्टर को करना पड़ता है, वो बाज़ार की गिरावट की स्थिति से परेशान होकर अपने सारे इंडेक्स फ़ंड बेच देना है. असल में यही एकमात्र ऐसी चीज़ है जिसके बारे में उन्हें चिंता करनी चाहिए... और मुझे दुख है कि मैंने ऐसे बहुत से लोगों को देखा है जिन्होंने क़सम खाई थी कि वो ऐसा कभी नहीं करेंगे, मगर हैरत है कि वो बिल्कुल उसके विपरीत काम कर रहे है.

हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि मामला सिर्फ़ पैसिव इन्वेस्टर्स तक ही सीमित नहीं है; ये एक्टिव इन्वेस्टर्स में भी काफ़ी आम है.

शॉर्ट-टर्म पर ही ध्यान देना रिस्की है
वो शॉर्ट-टर्म डेटा पर आधारित इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी के ख़तरों पर ज़ोर देते हैं. क्योंकि इसमें सही जानकारी की तुलना में शोर ज़्यादा होता है. इसलिए उनका तर्क है कि ये नज़रिया नाकाम होने के लिए ही बना है.

"इसलिए ज़्यादातर लोग जो वास्तव में इस बात पर फ़ैसला ले रहे हैं कि क्या वो एक एक्टिव स्ट्रैटजी पर टिके रहेंगे या नहीं, तो संभवतः सबसे ख़राब समय सीमा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि तीन साल की है... बहुत से लोग हैं, जिन्हें मैं जानता हूं और वो लोग जो कि इसे हर तिमाही (Quarterly) पर करते है, लेकिन जो मैं आपको बता सकता हूं, वो ये कि अगर आप इसे तिमाही आधार पर करते हैं, तो मैं गारंटी देता हूं कि आप असफल होंगे क्योंकि... ये बस मार्केट का शोर है और कुछ नहीं."

हमारे अपने पूर्वाग्रह
ओ'शॉनसी बिहेवियरल फ़ाइनेंस के दायरे में 'हाल में लिए गए निर्णयों' पर चर्चा करते हुए मनोवैज्ञानिक नज़रिये से अपने विचार रखते हैं. पूर्वाग्रह लोगों को हाल की घटनाओं पर ज़्यादा ध्यान देने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें भविष्य में ग़लतियों से सीखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.

"...बिहेवियरल फ़ाइनेंस में एक पूर्वाग्रह है, जिसे हाल का पूर्वाग्रह (recency bias) कहा जाता है, और हम सब इससे सीखते हैं... रीसेंसी बायस हमें समझाता है कि हाल ही में जो कुछ हुआ है उस पर हम सबसे ज़्यादा ध्यान देते हैं, और अपनी ग़लतियों को और बढ़ाने के लिए, आने वाले कल का अनुमान लगाना ये सीधे तौर पर बताता है कि हम कितनी बड़ी ग़लती कर रहे हैं."

"ओ'शॉनसी का कहना है कि सफल निवेशक ऐसे पूर्वाग्रहों को हमेशा नज़र अंदाज़ करते हैं और पहले से अनुमानित बातों पर भरोसा करने से बचते हैं."

केवल नतीजों पर ध्यान देना...
ओ'शॉनसी के अनुसार, एक अच्छा निवेशक हमेशा नतीजों से ज़्यादा अपनी प्रक्रिया को महत्त्व देता है.

जब आप नतीजे की तुलना में प्रक्रिया को ज़्यादा महत्व देते हैं तो आपके लिए सबसे ज़रूरी होता है, आपके पास उपलब्ध डेटा को ज़्यादा-से-ज़्यादा समझना और उसका अध्ययन करना कि आम तौर पर चीज़ें कैसे बदलती हैं. ये ध्यान रहना चाहिए कि आप हमेशा सही नहीं हो सकते.

"...अच्छे निवेशक परिणाम की तुलना में प्रक्रिया को महत्व देते हैं... बात बहुत साफ़ है, अगर आपके पास लॉन्ग-टर्म डेटा तक पहुंच है, तो आपको बेहतर जानकारी मिलेगी कि आप जिस प्रक्रिया को देख रहे हैं वो असल में उसका कोई सेंस है या नहीं".

अनुशासन का अभाव
ओ'शॉनसी इस बात पर थोड़ा ज़ोर देते हुए कहते है कि ऐक्टिव इन्वेस्टमेंट के लिए धैर्य, दृढ़ता और अनुशासन रखने की बहुत ज़रूरत होती है और आम तौर पर ये गुण ज़्यादातर लोगों में देखने को नहीं मिलता है.

"एक अच्छा ऐक्टिव इन्वेस्टर बनने के लिए हमें सब्र और मज़बूती की ज़रूरत होती है, और ज़्यादातर लोग इसे करने के लिए तैयार नहीं हो पाते हैं. हम बस रिज़ल्ट की तलाश में रहते हैं..."

वैसे एक निवेशक का सफ़र बड़े उतार-चढ़ाव से भरपूर होता है. जो किसी के निवेश द्वारा के लगाये गए पैसे में हाई 'ऐक्टिव शेयर' कंसंट्रेशन और मज़बूत भरोसे को बढ़ावा देता है.

अगर आप एक ऐक्टिव मैनेजर हैं, और आप इसे ख़ुद से ही करना चाहते हैं तो इस विचार पर आपको आने वाले वक़्त के लिए तैयार होना होगा. उस दौरान आप वाक़ई मूर्ख समझ आएंगे जब आपका ख़राब प्रदर्शन करेंगे. कभी-कभी बहुत ज़्यादा ही. तभी आपको अनुशासन रखना पड़ता है... और मैं आपको बता दूं, कि ये कहना वास्तव में बहुत सरल है कि आप अनुशासित हैं, मगर ऐसा करना लगभग असंभव सा है".

जबकि ये सारांश ओ'शॉनसी के मेजर पॉइंट्स को समाहित करता है, पूरा इंटरव्यू व्यापक नज़रिया देता है.

यह भी पढ़ें: निवेश से जुड़ी इन 7 गलतियों से बचें


टॉप पिक

₹12 लाख 3-4 साल के लिए कहां निवेश कर सकते हैं?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च

आसान सवालों के मुश्किल जवाब

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

आपको कितने फ़ंड्स में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

मार्केट में गिरावट से पैसा बनाने का ग़लत तरीक़ा

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

स्टॉक पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

बहुत छोटे IPO में बहुत बड़ी चेतावनी के संकेत

SME vs TUTE: निवेशकों को सिर्फ़ रिस्क लेने में और SME IPO से होने वाली बर्बादी के बीच का फ़र्क़ पता होना चाहिए.

दूसरी कैटेगरी