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टाटा कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स अधिग्रहण की होड़ में

₹7,000 करोड़ के अधिग्रहण के बाद, ₹6,500 करोड़ की पूंजी जुटाने की घोषणा

Tata Consumer Products on an acquisition spree

फ़ूड और बेवरेज सेक्टर की बड़ी कंपनियों में शुमार टाटा कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स ने हाल में दो नए अधिग्रहण (acquisitions) की घोषणा की है. कैपिटल फ़ूड्स और ऑर्गैनिक इंडिया का ये अधिग्रहण ₹7,000 करोड़ की बड़ी रक़म का है.

कंपनी लगभग ₹5,100 करोड़ में कैपिटल फ़ूड्स और ₹1,900 करोड़ में ऑर्गेनिक इंडिया का पूर्ण स्वामित्व हासिल करेगी. इसके बाद, इसने क़र्ज़ (कमर्शियल पेपरों के ज़रिए) और ₹3,000 करोड़ के राइट्स इश्यू के माध्यम से ₹6,500 करोड़ की पूंजी जुटाने की घोषणा की.

दो प्रमुख अधिग्रहणों के साथ विस्तार

चिंग्स सीक्रेट और स्मिथ एंड जोन्स जैसे प्रसिद्ध ब्रांड्स के पीछे कैपिटल फूड्स है, जो गैर-भारतीय व्यंजनों में विशेषज्ञता रखती है, जो घरेलू खपत की बढ़ती मांग को पूरा करती है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 के बीच अच्छी बढ़त देखी, जिसमें तीन साल की रेवेन्यू में बढ़ोतरी सालाना 20 प्रतिशत थी. हालांकि, FY21-23 के बाद, ग्रोथ रेट घटकर लगभग 3 प्रतिशत रह गई.

इसके विपरीत, ऑर्गेनिक इंडिया हाई ग्रोथ वाले सेक्टरों पर ध्यान केंद्रित करता है और अपने रेवेन्यू का लगभग 40 प्रतिशत हर्बल सप्लीमेंट्स से, अन्य 40 प्रतिशत चाय और इनफ़्यूज़न से और बाक़ी 20 प्रतिशत जैविक खाद्य पदार्थों से पैदा करता है. स्वास्थ्य और कल्याण क्षेत्र में 100 से ज़्यादा उत्पादों के साथ, ऑर्गेनिक इंडिया का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023 में ₹324 करोड़ तक पहुंच गया.

अधिग्रहण के पीछे तर्क

टाटा कंज़्यूमर का लक्ष्य इन अधिग्रहणों से फ़ायदा उठाना है क्योंकि उनके पास बिना किसी ओवरलैप के एक कॉम्प्लीमेंट्री प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो है. कैपिटल फ़ूड्स कई प्रोडक्ट कैटेगरी में अव्वल है और इसका ₹21,400 करोड़ का बाज़ार है.

इस बीच, ऑर्गेनिक इंडिया के पास प्रीमियम पोर्टफ़ोलियो और ₹82,000 करोड़ के संभावित बाज़ार के साथ एक मज़बूत अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है.

फ़ंड इकट्ठा करने का उद्देश्य

इन अधिग्रहणों को सुविधाजनक बनाने के लिए, टाटा कंज़्यूमर्स ने कमर्शियल पेपरों के ज़रिए ₹3,500 करोड़ और राइट्स इश्यू के माध्यम से ₹3,000 करोड़, यानी कुल ₹6,500 करोड़ जुटाने की योजना बनाई है. ये कमर्शियल पेपर अधिग्रहण की ब्रिज फ़ाइनेंसिंग के लिए हैं.

हाल के वर्षों में टाटा कंज़्यूमर्स का परफ़ॉर्मेंस

TTM सितंबर 2023 FY23 FY22 FY21 FY20 3 साल की ग्रोथ (% सालाना)
रेवेन्यू (करोड़ ₹) 14154 13783 12425 11602 9637 12.7
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (करोड़ ₹) 1960 1856 1719 1544 1292 12.8
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन (%) 13.8 13.5 13.8 13.3 13.4
PAT (करोड़ ₹) 1351 1347 1079 994 535 36
डेट टू इक्विटी 0.09 0.07 0.07 0.08 0.09

निवेशक का कोना

ये अधिग्रहण टाटा कंज़्यूमर की अपने पोर्टफ़ोलियो में डाइवर्सिटी यानी विविधता लाने और ग्रोथ के नए रास्ते तलाशने की महत्वाकांक्षा दिखाते हैं. जबकि ऑर्गेनिक इंडिया प्रीमियम प्रोडक्ट्स की एक रेंज देता है, कैपिटल फ़ूड्स कई प्रोडक्ट कैटेगरी में नेतृत्व लाता है, जो टाटा कंज़्यूमर के मौजूदा बिज़नस मॉडल में सहजता से फ़िट बैठता है.

इस अहम फ़ाइनेंशियल क़दम के बावजूद, कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेशियो प्रभावित नहीं होने की उम्मीद है. हालांकि, राइट्स इश्यू की शर्तें ये तय करेंगी कि प्रमोटर होल्डिंग्स में कोई कमी होगी या नहीं. सितंबर 2023 तक टाटा कंज़्यूमर्स के पास ₹3,045 करोड़ का कैश रिज़र्व था. अधिग्रहण और ब्रिज फ़ाइनेंसिंग का भुगतान लौटाने के बाद, कंपनी का कैश रिज़र्व क़रीब ₹300 करोड़ होने का अंदाज़ा है. निवेशकों को आने वाले वक़्त में कंपनी के भीतर की व्यवस्था और उसकी योजना पर भी कड़ी नज़र रखनी चाहिए.

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