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SGB: नए गोल्ड बॉन्ड में फ़ायदा है या पुराना ख़रीदने में?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में दिलचस्पी रखने वाले निवेशकों के सबसे ज़रूरी सवालों का जवाब यहां मिलेगा

SGB: नए गोल्ड बॉन्ड में फ़ायदा है या पुराना ख़रीदने में?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) 2023-24 की तीसरी सीरीज़ लॉन्च की है. ये सबसे हालिया सीरीज़ 22 दिसंबर, 2023 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली है. बॉन्ड की क़ीमत ₹6,199 प्रति ग्राम सोना रखी गई है, पर ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल चैनलों के ज़रिये पेमेंट करने वाले निवेशकों को ₹50 प्रति ग्राम की तुरंत छूट दी जा रही है.

हालिया SGB सीरीज़

2023-24 सीरीज़ III 2023-24 सीरीज़ IV
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ December 18-22, 2023 February 12-16, 2024
जारी करने की तारीख़ December 28, 2024 February 21, 2024

क्या सब्सक्राइब करें?
सोना अपनी कभी न ख़त्म होने वाली चमक की वज़ह से बड़ा लुभावना लगता है. इसके साथ इसका पारंपरिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद, वैल्यू रिसर्च (Value Research) कभी भी इस पीली धातु में निवेश करने का बड़ा पक्षकार नहीं रहा है क्योंकि ये एक वेल्थ बनाने वाला एसेट नहीं है.

पिछले 10 साल में सोने ने सिर्फ़ 8 फ़ीसदी रिटर्न दिया है, जिससे एक मध्यम दर्जे के निवेश के रूप में इसकी पहचान बनी है. हालांकि, इक्विटी मार्केट में बड़ी गिरावट के दौरान ये चमक सकता है. इसलिए, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड उन लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है जो मार्केट क्रैश के दौरान अपने निवेश को सुरक्षित रखना चाहते हैं.

कौन सा SGB आपके लिए बेहतर है? हालिया या पहले का
जब भी SGB में निवेश की बात आती है, तो हमारे पाठक अक्सर सबसे बेहतर तरीक़े के बारे में पूछते हैं. क्या आपको हालिया जारी किए गए SGBs सब्सक्राइब करने चाहिए या सेकेंडरी मार्केट में पहले से उपलब्ध SGBs ख़रीदने चाहिए? आइए जानते हैं.

सेकेंडरी मार्केट में पहले से क़ारोबार कर रहे SGBs छूट वाली क़ीमतों पर मिल सकते हैं. चूंकि SGBs में होल्डिंग पीरियड आठ साल का होता है और मार्केट में कुछ ही ख़रीदार होते हैं, इसलिए बेचने वाले, कम क़ीमत पर भी अपना निवेश बेचने के लिए मजबूर हो सकते हैं.

इसलिए, सेकेंडरी मार्केट से SGBs ख़रीदना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

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मौजूदा SGB क़ीमतें इस बात का सबूत हैं. जैसा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2023-24 की तीसरी सीरीज़ ₹6,199 प्रति ग्राम सोने की क़ीमत पर उपलब्ध है, पर आप 2030-31 के आसपास मैच्योर होने वाले बॉन्ड कम क़ीमत पर ख़रीद सकते हैं (नीचे दी गई टेबल देखें). कुछ मामलों में, आप ये गोल्ड बॉन्ड ₹6,114 प्रति ग्राम से भी कम क़ीमत पर ख़रीद सकते हैं.

मेच्योरिटी के क़रीब बाकी SGBs

SGB सीरीज़ फेस वैल्यू (₹) रिडेम्शन तारीख़ लास्ट ट्रेडेड प्राइस (₹) वॉल्यूम वैल्यू (करोड़ ₹) छूट (%) करंट यील्ड (%)
2023-24, सीरीज़ II 5923 20-Sep-31 6114 3188 1.95 -1.4 2.42
2023-24, सीरीज़ I 5926 27-Jun-31 6159.97 2039 1.25 -0.7 2.4
2022-23, सीरीज़ IV 5611 14-Mar-31 6135 86 0.05 -1.1 2.29
2022-23, सीरीज़ III 5409 27-Dec-30 6198 418 0.26 -0.1 2.18
2022-23, सीरीज़ II 5197 30-Aug-30 6114.01 60 0.04 -1.4 2.13
2022-23, सीरीज़ I 5091 28-Jun-30 6140.1 10 0.01 -1 2.07
2021-22, सीरीज़ X 5109 08-Mar-30 6130 72 0.04 -1.2 2.08
2021-22, सीरीज़ IX 4786 18-Jan-30 6157 92 0.06 -0.7 1.94
*19 दिसंबर, 2023 तक का डेटा, सोने की कीमत: 6202 रुपये/ग्राम

अगर पुराना डेटा देखा जाए, तो SGBs में और भी तगड़ी छूट देखी गई थी. मिसाल के तौर पर, पहले से जारी SGBs में इस साल 6 फ़ीसदी तक की छूट देखी गई थी.

लिक्विडिटी की समस्या
सेकेंडरी मार्केट से छूट पर SGBs ख़रीदने के बाद आप ख़ुशी मना सकते हैं, पर सावधान रहें, क्योंकि अगर आप मैच्योरिटी से पहले इन्हें बेचने की कोशिश करेंगे तो पासा पलट भी सकता है.

मिसाल के तौर पर, ऊपर टेबल में दिखाई गई 2022-23 सीरीज़ II 1.4 फ़ीसदी छूट पर उपलब्ध है, पर इसमें ट्रेडिंग वॉल्यूम सिर्फ ₹4 लाख है. इसलिए, ख़रीदार ढूंढना मुश्किल हो सकता है और आपको अपना SGB कम क़ीमत पर बेचना पड़ सकता है.

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टैक्सेशन
अगर आप मैच्योरिटी तक SGB होल्ड करते हैं, तो कैपिटल गेन्स पर टैक्स छूट मिलती है.

हालांकि, अगर आप एक साल के अंदर ही बॉन्ड बेच देते हैं, तो किसी भी तरह का फ़ायदा आपकी सालाना आय में जोड़ा जाएगा और लागू इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा. अगर आप एक साल के बाद SGB बेचते हैं, तो इंडेक्सेशन फ़ायदे के हिसाब से कैपिटल गेन पर 20 फ़ीसदी टैक्स लगाया जाएगा.

हमारा मानना है
सेकेंडरी मार्केट में SGBs ख़रीदने के बारे में तभी सोचें जब वे छूट पर उपलब्ध हों. मैच्योरिटी तक इन्हें होल्ड करने से आपको टैक्स छूट लेने में भी मदद मिल सकती है.

हालांकि, जब भी कोई नया SGB जारी होता है, तो उसकी क़ीमत की तुलना सेकेंडरी मार्केट में उसी मैच्योरिटी वाले मौजूदा SGB से करें. अगर नए SGB की क़ीमत कम है, तो आप इसे सब्सक्राइब करने के बारे में सोच सकते हैं.


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