Sovereign Gold Bonds: भले ही भारतीय गोल्ड को लेकर दीवाने हैं, पर हम कभी सोने में निवेश की सलाह आपको नहीं देंगे. क्योंकि ये लंबे समय में आपकी पूंजी में बढ़ोतरी नहीं करता है.
पर अगर अब भी आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो हम आपको केवल सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में इन्वेस्ट करने का सुझाव देंगे. (गोल्ड म्यूचुअल फ़ंड नहीं, क्योंकि उन्होंने हाल ही में अपने इंडेक्सेशन का फ़ायदा गंवा दिए हैं). तो आइए समय बर्बाद किए बिना SGB की पूरी बात समझते हैं.
SGB क्या हैं?
SGB को RBI द्वारा जारी किए जाते हैं. वे फ़िजिकल गोल्ड रखने के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय विकल्प हैं.
ये बॉन्ड मूल रूप से 1 ग्राम सोने की क़ीमत को ट्रैक करते हैं.
SGB वर्ष के दौरान ख़ास तारीख़ों पर बैच में जारी किए जाते हैं, जिन्हें 'क़िश्त' कहा जाता है.
इन गोल्ड बॉन्ड्स का मेच्योरिटी पीरियड आमतौर पर आठ साल होता है. आइए थोड़ा विस्तार से इसके महत्व के बारे में समझते हैं.
क्या सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड अच्छा रिटर्न देते हैं?
SGB का रिटर्न आपके इन्वेस्टमेंट को भुनाते समय गोल्ड के मार्केट रेट पर निर्भर करता है.
RBI द्वारा पहली बार लॉन्च किए गए इश्यू प्राइस पर आपको हर छह महीने में अतिरिक्त 1.25 प्रतिशत ब्याज (2.50 प्रतिशत प्रति वर्ष) भी मिलेगा, जो फिजिकल गोल्ड और गोल्ड फ़ंड पर नहीं मिलता है.
इसके अलावा, SGB पर आपको मिलने वाला बेनेफ़िट मेच्योरिटी तक रखने पर टैक्स फ़्री होता है. साफ है कि आपका कर के बाद रिटर्न गोल्ड फ़ंड निवेश से अधिक होगा.
हम इन्हें कहां से ख़रीद सकते हैं?
आप SGB तब ख़रीद सकते हैं, जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) उन्हें जारी करेगा. इन्हें बैंकों और नामित डाकघरों से ख़रीदा जा सकता है.
SGB ख़रीदने का कोई बेहतर तरीक़ा?
आपको वास्तव में नए SGB के लिए RBI की पहल का इंतजार करने की ज़रूरत नहीं है.
आप जब चाहें इन्हें स्टॉक एक्सचेंजों (BSE या NSE) से आसानी से ख़रीद सकते हैं.
इसके लिए आपको बस एक डीमैट खाता (Demat Account) चाहिए.
ये भी ध्यान रखें कि चाहे आप इसे कहीं से भी ख़रीदें, हर वित्त-वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम SGB ख़रीद सकते हैं,
यदि आप संयुक्त रूप से SGB धारण कर रहे हैं, तो यह 4 किग्रा की सीमा केवल प्राइमरी होल्डर पर लागू होगी.
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क्या स्टॉक एक्सचेंज से SGB ख़रीदने से फ़ायदे होने की बात सच है?
ये सही है. आप असल में एक्सचेंज पर छूट पर SGB ख़रीद सकते हैं.
एक्सचेंज पर लागत कम है, क्योंकि एक्सचेंज पर ख़रीदारों की तुलना में बेचने वाले ज़्यादा हैं.
मैं स्टॉक एक्सचेंज पर छूट पर SGB ख़रीद सकता हूं, इससे मुझे लंबे समय में फ़ायदा होगा, क्या ये सही है?
है भी और नहीं भी.
याद रखें हमने कहा था कि SGB का मेच्योरिटी पीरियड आठ साल है? इसका मतलब ये है कि यदि आप अपने SGB इन्वेस्टमेंट को मेच्योर होने से पहले बेचते हैं, तो आपको उन्हें रियायती दाम पर भी बेचना होगा. साथ ही आपको टैक्स भी देना होगा!
दूसरी तरफ़, अगर आप अपने SGB इन्वेस्टमेंट के मेच्योर होने तक प्रतीक्षा करते हैं, तो आपको सोने का मार्केट रेट मिलेगा, जो स्टॉक एक्सचेंजों पर SGB की क़ीमत से हमेशा ज़्यादा होता है. आपको टैक्स बेनेफ़िट भी मिलेगा. हम इसे ‘अक्सर पूछे जाने वाले सवालों’ में समझाएंगे.
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स्टॉक एक्सचेंजों पर कई अलग-अलग ट्रैंच होती हैं. कौन सी ख़रीदी जाए?
सबसे महत्वपूर्ण है लिक्विडिटी. उन SGB को देखें जिनमें हाई लिक्विडिटी है. सरल शब्दों में SGB को देखें जिन्हें आसानी से बेचा जा सकता है. दरअसल, यदि आप ऐसा नहीं कर सकते, तो आप इसे भारी छूट पर बेचने के लिए मजबूर होंगे.
दूसरा, सुनिश्चित करें कि आपका ख़रीद का प्राइस, इश्यू प्राइस मूल्य से कम है. (इश्यू प्राइस वो प्राइस है जिस पर RBI ने मूल रूप से SGB ट्रैंच लॉन्च की थी).
SGB इन्वेस्टमेंट पर टैक्स कैसे लगाया जाता है?
यदि आप एक वर्ष के भीतर SGB बेचते हैं (सेकेंडरी मार्केट में)
आपको हुआ बेनेफ़िट आपकी सालाना इनकम में जोड़ा जाएगा और फिर आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा.
यदि आप एक वर्ष के बाद SGB बेचते हैं (सेकेंडरी मार्केट में)
आपके लाभ पर 20 प्रतिशत टैक्स लगेगा. हालांकि, आपको इंडेक्सेशन का बेनेफ़िट हासिल होगा, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाएगी. (टैक्स की कैलकुलेशन से पहले मुद्रास्फीति के लिए इंडेक्सेशन समायोजित होता है).
यदि आप SGB के मेच्योर होने की इंतजार करते हैं...
यदि आप SGB को उसकी मेच्योरिटी तक अपने पास रख सकते हैं, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा!
SGB पर मुझे साल में दो बार ब्याज मिलता है. क्या उस पर टैक्स लगता है?
जी, हां. इसे आपकी सालाना इनकम में जोड़ा जाता है और आपके आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.
अगर मुझे कुछ हो जाता है तो क्या मेरा परिवार इन SGB पर दावा कर सकता है?
- यदि आपने SGB तब ख़रीदा था जब RBI ने पहली बार उन्हें इशू किया था, तो आपके नॉमिनी को अपने दावे के साथ संबंधित प्राप्तकर्ता कार्यालय से संपर्क करना होगा. (प्राप्तकर्ता कार्यालय यानी बैंकों और नामित डाकघरों).
- यदि आपने SGB स्टॉक एक्सचेंज से ख़रीदे हैं, तो आपका डीमैट अकाउंट का नॉमिनी उन पर दावा कर सकता है.
- यदि डीमैट अकाउंट में कोई नॉमिनी नहीं है, तो आपका कानूनी वारिस संबंधित उचित दस्तावेज देकर दावा पेश कर सकता है.
क्या कोई और बात मुझे ध्यान में रखनी चाहिए?
- SGB को वैल्थ जेनरेट करने वाला निवेश विकल्प न समझें.
- स्टॉक एक्सचेंजों से SGB ख़रीदना बेहतर है.
- SGB न बेचें. इसे आठ साल के मेच्योरिटी पीरियड तक बनाए रखें. इस तरह से आपको अधिकतम बेनेफ़िट मिलेगा.
- इन सब बातों के साथ आखिर में एक नॉमिनी जोड़ना न भूलें.
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