Small Cap Funds: बीते एक साल के दौरान 24.57 फ़ीसदी के दमदार रिटर्न के साथ स्मॉल-कैप फ़ंड्स का मार्केट में दबदबा देखने को मिला है. इस दौरान इनका प्रदर्शन क्रमशः 21.22 फ़ीसदी और 12.84 फ़ीसदी रिटर्न देने वाले मिड-कैप और लार्ज-कैप फ़ंड्स की तुलना में बेहतर रहा है.
ऐसे परफ़ॉरमेंस के चलते स्मॉल-कैप फ़ंड्स के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी भी बढ़ी है. सितंबर में, स्मॉल-कैप फ़ंड्स ने ₹2,678 करोड़ का निवेश आकर्षित किया, जो मिड-कैप फ़ंड्स के ₹2,234 करोड़ से ज़्यादा रहा था. अगस्त में भी ऐसा ही ट्रेंड देखा गया था. इसके विपरीत, कमज़ोर प्रदर्शन के चलते लार्ज-कैप फ़ंड्स से ₹110 करोड़ का आउटफ़्लो देखने को मिला.
हालांकि, स्मॉल-कैप फ़ंड्स में निवेश करने में दिलचस्पी रखने वालों को इनसे जुड़े रिस्क को समझना ज़रूरी है.
शॉर्ट टर्म में ज़्यादा उतार-चढ़ाव
पिछले 18 साल के आंकड़ों से पता चलता है कि स्मॉल-कैप फ़ंड्स में एक साल के निवेश के लिए, सबसे ख़राब स्थिति में 61.2 फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि, इनका एक स्पष्ट स्वभाव है - समय के साथ ये जोख़िम कम हो जाता है. तीन साल में, इसमें 16.4 फ़ीसदी की गिरावट आती है और पांच साल के दौरान ये घटकर मात्र 2.9 फ़ीसदी गिरावट रह जाती है. वहीं, 10 साल की सबसे ख़राब स्थिति में भी, स्मॉल-कैप फंड 7.4 फ़ीसदी का CAGR रिटर्न देते हैं.
ग्राफ़ स्पष्ट रूप से एक साल के रिटर्न की उतार-चढ़ाव भरे स्वभाव को दिखाता है, जैसे-जैसे हम अपने निवेश की समय सीमा बढ़ाते हैं, धीरे-धीरे ये कम होता जाता है.
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दुधारी तलवार
निवेश में, भले ही स्मॉल-कैप की सफलता की कहानियां आम हैं, लेकिन नुक़सान से जुड़े मामले भी आते रहते हैं. स्मॉल-कैप निवेश एक साल में आश्चर्यजनक रूप से 101 फ़ीसदी रिटर्न दे सकता है (जैसा कि 2009 में देखा गया था) लेकिन ये आपकी एसेट को 59 फ़ीसदी तक कम भी कर सकता है (जैसा कि 2008 में देखने को मिला था).
इसके अलावा, ये भी याद रखना चाहिए कि पिछले 23 साल में, केवल 13 फ़ीसदी स्मॉल-कैप स्टॉक ही मिड-कैप या लार्ज-कैप में आ पाए हैं, जबकि 29 फ़ीसदी माइक्रो-कैप कैटेगरी में चले गए यानी इनमें गिरावट आई थी.
इसलिए, स्मॉल-कैप में निवेश पर विचार करते समय, इन जोख़िमों को समझना ज़रूरी है.
आपको क्या करना चाहिए?
अपने पोर्टफ़ोलियो में समझदारी से स्मॉल-कैप फंड एलोकेट करें. वे ज़्यादा वैल्यू बढ़ाने वाले हो सकते हैं, लेकिन साथ ही भारी जोख़िम और अस्थिरता के साथ भी आते हैं. लंबी अवधि में, वे आपके कुल रिटर्न को बढ़ा सकते हैं.
आमतौर पर, आपके मुख्य पोर्टफ़ोलियो में लार्ज-कैप फ़ंड्स में 50-70 फ़ीसदी, मिड-कैप फ़ंड्स में 20-30 फ़ीसदी और स्मॉल-कैप फ़ंड्स में 10-20 फीसदी एलोकेट करने का सुझाव दिया जाता है. रिटर्न को अधिकतम करने के लिए पोर्टफ़ोलियो रीबैलेंसिंग करने का ध्यान रखें. जब स्मॉल-कैप स्टॉक बढ़ते हैं, तो कुछ बेच दें (क्योंकि आपके पोर्टफ़ोलियो में उनकी वैल्यू बढ़ जाएगी) और सुझाए गए एलोकेशन के हिसाब से बदलाव करते रहें. जब उनमें गिरावट आती है तो जरूरी एलोकेशन करने के लिए उन्हें सस्ती क़ीमत पर ख़रीदें.
अपने पोर्टफ़ोलियो में स्मॉल-कैप फ़ंड्स का सटीक रेशियो जानने के लिए यहां क्लिक करें.
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