Rules of Money Management: इस दुनिया में पैसों की लगातार चलने वाली खोज, कभी ख़त्म नहीं होती है. पैसों का काम आपके सपनों को ताक़त देना है, आपकी कई तरह की मुश्किलें दूर करना और जीवन को आसान बनाना है. इसमें ध्यान ये रखना चाहिए कि पैसा साधन के बजाए साध्य या लक्ष्य ही न बन जाए.
चलिए, फ़ाइनांस के नियमों की गाइड की दुनिया में चलते हैं, जिसमें आपकी ज़िंदगी के फ़ाइनेंशियल सफ़र को आसान कर देने की ताक़त है.
लेकिन आगे बढ़ने से पहले समझ लेते हैं कि ये नियम (Financial rules) पत्थर की लकीर नहीं हैं. आख़िर हर किसी के लिए एक जैसे समाधान हो भी नहीं सकते. तो शुरुआत करते हैं इन सात नियमों की जानने और समझने की:
नियम 1: 6x का रूल
6x rule: फ़ाइनेंशियल रूल्स में पहला है "6 गुने का नियम" जो आपके लिए फ़ाइनेंशियल सिक्योरिटी का रास्ता तैयार करता है. ये जंगल में खोज के लिए आगे बढ़ने से पहले एक मज़बूत शेल्टर बनाने जैसा है. ये अपनी मेहनत की कमाई को उतार-चढ़ाव से भरे शेयर बाज़ार में निवेश की शुरुआत से पहले आपके लिए एक लाइफ़बोट तैयार करने की तरह है. ये लाइफ़बोट आपका इमरजेंसी फ़ंड है, और 6x का नियम आपके लिए एक गाइड है.
कल्पना कीजिए कि आप एक सामान्य व्यक्ति हैं, और आपका मासिक ख़र्च ₹50,000 है. 6x नियम आपको 6 महीने के ख़र्च के बराबर रक़म अलग रखने के लिए कहता है. तो, आप अपने मासिक ख़र्चों को छह से गुणा करें - ₹50,000 x 6, इस तरह आपके पास ₹3 लाख होने चाहिए. ये वो रक़म है, जिसे आपको अपने इमरजेंसी फ़ंड (emergency fund) में जमा करने की ज़रूरत होती है. ये आपकी फ़ाइनेंशियल सिक्योरिटी का सेफ़्टी नेट है, अगर कोई मुश्किल आती है, तो यही आपकी सुरक्षा करेगा.
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नियम 2: 20x का रूल
Term Insurance Rule: अब, "20 गुने टर्म इंश्योरेंस नियम" के बारे में बात करते हैं. आमतौर पर लोग लाइफ़ इंश्योरेंस (Life insurance) पर कम ही ध्यान देते हैं, लेकिन ये एक मज़बूत फ़ाइनेंशियल स्ट्रैटजी का अहम हिस्सा है. कल्पना कीजिए कि आप अपनी फ़ैमिली में कमाने वाले अकेले व्यक्ति हैं और हर साल ₹5 लाख कमाते हैं. 20x यानी 20 गुने के नियम के मुताबिक़, आपको ऐसी लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी पर विचार करना चाहिए जो किसी अप्रत्याशित घटना के होने पर ₹1 करोड़ का भुगतान करती हो. यहां आसान सी कैलकुलेशन काम करती है: ₹5 लाख x 20.
नियम 3: 70 का रूल
Rule of 70: ये रूल आपके लिए महंगाई के खिलाफ़ एक सीक्रेट हथियार है. दरअसल, महंगाई (inflation) आपकी वैल्थ को धीरे-धीरे निगलती जाती है.
यहां सवाल उठता है, आप कैसे अनुमान लगा सकते हैं कि आपका पैसा कब अपनी आधी परचेजिंग पावर खो देगा? इसी का जवाब है-70 का रूल. अगर महंगाई 6 फ़ीसदी के स्तर पर बनी हुई है, तो आप ये पता लगाने के लिए 70 को छह से विभाजित करें कि आपके पैसे की क्रय शक्ति आधी होने में लगभग 11साल 6 महीने लगेंगे. ये जानने के बाद आप महंगाई को उसके ही खेल में मात देने के लिए स्मार्ट निवेश का विकल्प चुन सकते हैं.
नियम 4: 72 का रूल
Rule of 72: चलिए अब निवेश की बात करते हैं और "72 के रूल" को जानते हैं. ये नियम, अंदाज़ा लगाने के लिए आपकी क्रिस्टल बॉल है जिसमें आपको पता चलता है कि आपके निवेश की वैल्यू कब दोगुनी हो जाएगी.
कल्पना कीजिए कि आपने ऐसे निवेश में ₹10,000 लगाए हैं जिस पर आपको सालाना 12 फ़ीसदी का रिटर्न मिलता है. बस 72 को उस 12 से भाग दें, और आप देखेंगे कि आपका पैसा क़रीब छह साल में दोगुना हो जाएगा. वो शुरुआती ₹10,000 जादुई रूप से ₹20,000 बन जाएंगे.
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नियम 5: 100 की उम्र का रूल
अब, आइए थोड़ा और आगे निकलते हैं और "100 साल की उम्र का नियम" समझते हैं. ये किसी रेसिपी के लिए सही सामग्री चुनने जैसा है. इस मामले में, आपका एसेट ही सामग्री है, और इसके निवेश का नुस्खा आपका फ़ाइनेंशियल फ़्यूचर है.
नियम सीधा है - अपनी उम्र को 100 से घटाएं, और ये आपकी बचत का वो प्रतिशत है, जिसे आपको इक्विटी जैसी जोख़िम भरी एसेट्स में निवेश करना चाहिए. इसलिए, अगर आप 32 साल के ऊर्जावान शख्स हैं, तो नियम कहता है कि आपको अपनी बचत का लगभग 68 फ़ीसदी हिस्सा शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहिए, और बाक़ी 32 फ़ीसदी डेट म्यूचुअल फ़ंड या FD जैसी सुरक्षित एसेट्स में निवेश करना चाहिए.
नियम 6: 25 गुना का रूल
रिटायरमेंट भले ही मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस रूल से आपको एक दिशा मिल सकती है. इससे संकेत मिलते हैं कि जब आपकी बचत आपके सालाना ख़र्चों से 25 गुना ज़्यादा हो जाए, तो आप पीछे हटने और अपनी मेहनत के फल का मज़ा लेने के लिए तैयार हो सकते हैं. अगर आप हर साल ₹10 लाख ख़र्च करते हैं, तो आप रिटायरमेंट के समय ₹2.5 करोड़ के कॉर्पस का टारगेट रखना चाहेंगे. ये ₹10 लाख x 25 है. ये कोई पक्की सीमा नहीं है, बल्कि आपके सफ़र को गाइड करने के लिए एक मील का पत्थर जैसा है.
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नियम 7: 4% विदड्रॉल का रूल
बरसों की मेहनत के बाद की गई बचत के बाद, आप रिटायरमेंट के गोल्डन टाइम में पहुंच जाएंगे. लेकिन आप ये कैसे पक्का करेंगे कि आपकी सेविंग पूरी ज़िंदगी चलती रहे? यहीं पर ये नियम लागू होते हैं.
कल्पना कीजिए कि आपको अपने सपनों रिटायरमेंट के लिए सालाना ₹10 लाख की ज़रूरत है. अगर आपने ₹2.5 करोड़ बचाए हैं, तो आप हर साल सुरक्षित रूप से उसका 4 फ़ीसदी यानी ₹10 लाख निकाल सकते हैं. आपका बाकी पैसा बढ़ता रहता है, जैसे एक बढ़िया शराब समय के साथ और बेहतर होती जाती है.
आखिरी बात: सबसे ज़रूरी है ये
अब, आप सोच रहे होंगे, "अगर मेरी स्थिति कुछ अलग है तो क्या होगा? क्या ये नियम मुझ पर लागू हो सकते हैं?" इन नियमों की ख़ूबी है कि ये आपके हिसाब से बदल सकते हैं. ये आपकी फ़ाइनेंशियल टूलकिट में स्विस आर्मी वाले चाकू की तरह हैं, जो बहुमुखी और उपयोगी होते हैं. आपका फ़ाइनेंशियल सफ़र की अपनी अलग ज़रूरतें हैं, और इसमें ये नियम आपके भरोसेमंद साथी होंगे, जो आपको एक दिशा देते रहेंगे.
अगली बार जब आप आर्थिक मुश्किलों का सामना करें, तो इन नियमों को याद रखें. ये आपके लिए ध्रुव तारे की तरह होंगे, जो पैसे की अंधेरी भूलभुलैया में रोशनी बन कर रास्ता दिखाएंगे. इनके साथ, आप फ़ाइनांस से जुड़े उतार-चढ़ाव को सफलता का एक रोमांचक सफ़र समझेंगे और हर मौक़े को अपने सपनों को पूरा करने वाली आर्थिक आज़ादी के सफ़र में बदल देंगे.