How to increase your life insurance cover: आज से 15 साल पहले राहुल ने 25 साल की उम्र में ₹10 लाख कवर वाली लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी. उस समय ये उसे परिवार की ज़रूरतों के लिहाज़ से काफ़ी लग रही थी. लेकिन, इस दौरान उसने बड़ा घर ले लिया और लग्ज़री कार भी ख़रीद ली जिसे अब मेंटेन करना है. परिवार में अब दो बच्चे हैं, जिनकी पढ़ाई का ख़र्च भी काफ़ी हो गया है.
15 साल पहले की तुलना में उसके लाइफ़ स्टाइल का ख़र्च भी अच्छा-खासा बढ़ चुका है. क्या ज़िंदगी में आए इतने बदलाव के बाद, उसका इंश्योरेंस कवर उसके परिवार के लिए काफ़ी होगा? अब ये सवाल भी राहुल के मन में उठने लगा है. राहुल ही क्यों, तमाम ऐसे लोग हैं जिनको ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. लेकिन क्या अब उनके पास कोई विकल्प है?
हक़ीक़त में, ज़िंदगी में बदलाव आते रहते हैं. इसीलिए, समय-समय पर अपने लाइफ़ इंश्योरेंस कवरेज (life insurance coverage) पर दोबारा ग़ौर करना ज़रूरी होता है. हालांकि, ये रिव्यू हर महीने या हर साल किया जाए, ऐसा ज़रूरी नहीं. इसके बजाय, ज़िंदगी में कुछ बड़ी उपलब्धियां हासिल करने या बड़े बदलावों के होने पर ही हमें इंश्योरेंस कवरेज पर के बारे में फिर से सोचना चाहिए. ज़िंदगी में होने वाली कुछ अहम घटनाएं ऐसी हैं, जिनके बाद हमें इंश्योरेंस कवरेज में बदलाव करने की ज़रूरत हो सकती है, जैसे:
- जब आप शादी करते हैं.
- अगर आपका जीवनसाथी कामकाजी नहीं हो, और फ़ाइनेंशियली आप पर निर्भर हो.
- जब आपके बच्चे हो जाएं.
- अगर आपकी कमाई में अच्छी बढ़ोतरी हुई हो और आपका लाइफ़स्टाइल पहले से ज़्यादा ख़र्चीला हो गया हो (जैसे - डिनर के भारी-भरकम बिल, विदेशों में छुट्टियां आदि). ऐसे में आपको ये पक्का करना होगा कि आपकी ग़ैरमौजूदगी में आपका परिवार इस लाइफ़स्टाइल को बनाए रखने के क़ाबिल रहे.
- अगर आपने कोई बड़ा क़र्ज़ (जैसे - होम लोन, एजुकेशन लोन आदि) लिया हो. अक्सर, लोन देने वाले, आपसे लोन के साथ एक जीवन बीमा पॉलिसी ख़रीदने का अनुरोध भी करते हैं, जिसे लोन प्रोटेक्शन प्लान कहा जाता है. लेकिन आप उनसे दूर रहें, क्योंकि ये महंगे होते हैं और ये आपकेा नहीं, बल्कि लोन देने वालों का हित साधते हैं.
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आपको कितने इंश्योरेंस की ज़रूरत है?
How much life insurance cover do I need: ये आप पर निर्भर करता है. जब आप ये सवाल ख़ुद से पूछेंगे, तो आपको इसका जवाब मिल जाएगा: "मेरे न रहने पर, तो मेरे परिवार को अपना ख़र्च चलाने के लिए कितने पैसों की ज़रूरत होगी?"
इस सवाल का जवाब आपके मासिक ख़र्च को तय करने में मदद करेगा. हर महीने के राशन से लेकर स्कूली शिक्षा का ख़र्च, होम लोन चुकाने से लेकर और लाइफ़स्टाइल पर होने वाला ख़र्च, आपको इन सभी ख़र्चों को जोड़ना होगा, और इसे 20-25 से गुणा करना होगा (आपके मुताबिक़ जितने सालों के लिए परिवार को पैसों की मदद चाहिए).
ये तो बात हुई बीमा कवरेज की अहमियत की. अब समझते हैं कि आप इस कवरेज को आसानी से, और किफ़ायती तरीक़े से कैसे बढ़ाएं.
इंश्योरेंस कवर बढ़ाइए
Increase your insurance coverage: मोटे तौर पर, कवरेज को बढ़ाने के चार तरीक़े हैं:
विकल्प 1ः अपना प्लान टॉपअप करें
Top up your Term Plan: कई टर्म प्लान, टॉप-अप प्लान जोड़ने की सुविधा देते हैं. दरअसल, टर्म प्लान, सभी इंश्योरेंस प्लान्स में सबसे अच्छा लाइफ़ इंश्योरेस प्लान है. इसमें आपकी बदलती ज़रूरतों का पूरा ध्यान रखा जाता है. आमतौर पर अपने मौजूदा प्लान को टॉप-अप करके सबसे प्रभावी तरीक़े से, अपना लाइफ़ कवरेज बढ़ा सकते हैं.
इन बातों को याद रखें
Things to remember about your term plan: आप ग़ौर करें कि क्या आपके पास समय के साथ बढ़ने वाला टर्म प्लान है. अगर आपके पास प्लान है, तो ये प्लान ख़ुद ही हर साल आपका कवरेज बढ़ाता रहेगा. आपको इसके लिए अलग से कुछ करने की ज़रूरत नहीं होगी. हालांकि, इसमें एक कमी है और वो ये कि आपका बीमा प्रीमियम भी हर साल बढ़ जाएगा.
अगर आपके पास लाइफ़ स्टेज ग्रोथ टर्म स्कीम है, तब क्या होगा? इस मामले में, हर बार, जब आप कोई व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल करते हैं या जीवन में कोई बड़ा बदलाव आता है, तो आपका कवरेज बढ़ जाता है. इसमें आपकी शादी या आपके परिवार के सदस्यों का बढ़ना शामिल है.
कुछ टर्म प्लान 'टॉप-अप' की सुविधा नहीं देते. ऐसे में, आपको दूसरे विकल्पों पर ग़ौर करना चाहिए.
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विकल्प 2: एक नया टर्म प्लान ख़रीदिए
Buy a new term plan: आप अतिरिक्त राइडर्स के साथ एक नया टर्म प्लान ख़रीद सकते हैं. हालांकि, अलग से प्रीमियम देना, न केवल ज़्यादा महंगा होता है (पहले विकल्प की तुलना में), बल्कि इसके लिए अलग से पेपरवर्क भी करना पड़ता है. एक नए प्लान को चुनने की अपनी परेशानियां होती हैं. हालांकि, इसमें नए मेडिकल टेस्ट से गुजरने की ज़रूरत का उल्लेख नहीं किया जाता. (ध्यान रखें, टॉप-अप टर्म प्लान के साथ भी, आपको कुछ मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा जा सकता है).
इन बातों को याद रखें
Things to remember: आपको दोनों बीमा कंपनियों को बताना होगा कि आपने दूसरा लाइफ़ प्लान ख़रीदा है. नहीं तो क्लेम के वक़्त परेशानी आ सकती है.
विकल्प 3: टर्म प्लान को पूरी तरह से लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी में कन्वर्ट करें
Complete Life Insurance: एक कंप्लीट लाइफ़ इंश्योरेंस का मतलब है, आपके परिवार को डेथ बेनेफ़िट (death benefits) मिलने का वादा, फिर चाहे आप सौ साल तक जीवित रहें. दूसरी ओर, एक टर्म प्लान केवल तयशुदा या निश्चित वर्षों के लिए कवरेज देता करता है. जब आपके टर्म प्लान का समय ख़त्म हो जाता है, तो आपके परिवार को कोई फ़ायदा नहीं मिलता.
इसका दूसरा फ़ायदा है कि आप एक कंप्लीट लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आप अपना कवरेज बढ़ा सकते हैं. दूसरे किसी टर्म प्लान (term plan) को कंप्लीट लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलने की लागत के लिए न्यूनतम फ़ीस की ज़रूरत होती है. ये पॉलिसी कैश वैल्यू भी प्रदान करती है, जिसे बाद में निकाला जा सकता है.
लेकिन इसमें कई कमियां भी हैं. सबसे पहले, तो ये प्लान भारत में बहुत कम इंश्योरेंस कंपनियां ऑफ़र करती हैं, इसलिए आपका टर्म प्लान बदलने का विकल्प मौजूद नहीं है. दूसरा, अगर आप ध्यान से देखें, तो पाएंगे कि इनके प्रीमियम महंगे हैं. तीसरा, हममें से ज़्यादातर लोगों को, अपने परिवार को उनके पूरे जीवन के लिए आर्थिक सुरक्षा या फ़ाइनेंशियल सिक्योरिटी देने की ज़रूरत नहीं होती.
अंत में एक और अहम बात समझ लें, कंप्लीट लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी में मिलने वाली कैश वैल्यू पर टैक्स लगता है और इसके लिए, आपको और भी ज़्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है.
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हमारी राय
कंप्लीट लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी से बचिए. ये महंगी और जटिल होती हैं.
विकल्प 4: अपने मौजूदा प्लान में राइडर्स जोड़िए
Riders in insurance plans: अपने मौजूदा टर्म प्लान में राइडर्स जोड़ना लाइफ़ कवरेज बढ़ाने का, तुलमात्मक रूप से सस्ता तरीक़ा है. कुछ ज़्यादा पसंद किए जाने वाले राइडर्स इस तरह हैं:
एक्सीडेंटल डेथ बेनेफ़िट: (Accidental death benefits) आप इस राइडर को काफ़ी कम क़ीमत पर ख़रीद सकते हैं. उदाहरण के लिए, ₹20 लाख के एक्सीडेंटल डेथ राइडर पर 30 साल के व्यक्ति के लिए सालाना लगभग ₹1,000 का ख़र्च आता है.
स्थायी या पूर्ण डिसएबिलिटी राइडर: (disability rider) अगर आप शारीरिक रूप से अपनी नौकरी या काम जारी रखने में असमर्थ हैं, तो ये सुविधा आपके परिवार की पैसों की जरूरत को पूरा कर सकती है. इस मामले में, आपको ₹10 लाख कवरेज के लिए हर साल ₹300 का भुगतान करना पड़ सकता है, बशर्ते आप 30 वर्ष के हों.
गंभीर बीमारी राइडर: (serious illness rider) अगर आपको किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए बड़ी रक़म की ज़रूरत है, तो इससे आपको मदद मिलेगी. हालांकि, उस गंभीर बीमारी का उल्लेख पॉलिसी में पहले से होना चाहिए. 30 साल के व्यक्ति के लिए, ₹10 लाख की गंभीर बीमारी के राइडर पर हर साल लगभग ₹3,000 अतिरिक्त ख़र्च होंगे.
इसके अलावा भी कुछ और राइडर्स होते हैं, लेकिन वो पॉलिसी के हिसाब से अलग-अलग हैं. इंश्योरेंस लेते समय आप अपनी बीमा कंपनी से इसकी जानकारी ज़रूर लें.
इन बातों को याद रखें
Things to remember: आप एक या ज़्यादा राइडर्स ख़रीद सकते हैं. गंभीर बीमारी या दूसरे स्वास्थ्य संबंधी राइडर का प्रीमियम, मूल पॉलिसी के प्रीमियम से 100 फ़ीसदी से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.
दूसरे राइडर्स का प्रीमियम, मूल पॉलिसी प्रीमियम के 30 फ़ीसदी से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.
आपको क्या करना चाहिए
What should you do: अपना कवरेज बढ़ाना या राइडर्स जोड़ना आपकी पॉलिसी कवरेज को बढ़ाने का सबसे आसान तरीक़ा है.
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