मैं 10-15 साल बाद घर ख़रीदने के बारे में सोच रहा हूं और मुझे लगता है कि इसका ख़र्च ₹2.5 से 3 करोड़ होगा. क्या इतने साल बाद दिए जाने वाले डाउनपेमेंट के लिए टाटा स्मॉल कैप, या एडेलवाइस स्मॉल कैप और मिराए एसेट मिडकैप फ़ंड या PGIM इंडिया मिडकैप फ़ंड में निवेश का कॉम्बिनेशन घर के डाउनपेमेंट के लिए ज़रूरत के मुताबिक़ पैसा जमा कर पाएगा? - आदित्य बी
अगर आप 10-15 साल बाद घर ख़रीदने के लिए अभी से प्लान कर रहे हैं, तो आप बिल्कुल सही रास्ते पर हैं. इतने समय में आपका निवेश अच्छी तरह से बढ़ सकता है. ये बात किसी इक्विटी फ़ंड में अच्छा रिटर्न पाने के लिए ज़रूरी होती है और यही बात, आपका डाउन पेमेंट जमा करने के लिए बेहद अहम होगी.
हालांकि, अगर आप घर की क़ीमत आज के हिसाब से तय करे हैं, तो आपको इस पैसे में महंगाई दर के असर को भी जोड़ लेना चाहिए. इससे ज़रूरत लायक़ डाउनपेमेंट की SIP कैलकुलेट करने में आपको मदद मिलेगी.
इसके बाद आप अपनी SIP, दो से तीन फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड्स में शुरू कर सकते हैं, जो आपके पोर्टफ़ोलियो का मुख्य हिस्सा होना चाहिए. इसके अलावा आप एक-दो मिड और स्मॉल-कैप फ़ंड्स में भी कुछ एलोकेशन रख सकते हैं, जो आपके पोर्टफ़ोलियो के 25-20 प्रतिशत से ज़्यादा का एलोकेशन नहीं होना चाहिए. आपके पोर्टफ़ोलियो में किस तरह के फ़ंड होने चाहिए, ये आपकी रिस्क लेने की क्षमता और इक्विटी फ़ंड्स में आपके पिछले अनुभव पर निर्भर करता है.
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अगर अब तक आप फ़ैसला नहीं कर पाए हैं?
जो लोग अब भी घर ख़रीदने के बारे में फ़ैसला नहीं ले पाए हैं, उनके लिए ये कहना सही होगा कि घर ख़रीदना पैसों से जुड़ा बड़ा फ़ैसला है और इसे बड़ा सोच-समझ कर किया जाना चाहिए. ज़्यादातर केस में, ऐसा घर जिसमें आप ख़ुद रहेंगे, उसके लिए लोन लेना बुरा नहीं है. होम लोन पर टैक्स में छूट भी मिलती है, और ये लॉन्ग-टर्म लोन होता है. हालांकि, आपको ये ज़रूर पक्का कर लेना चाहिए कि EMI, आपकी महीने की आमदनी के एक तिहाई से ज़्यादा न हो, और ऐसा करने एक तरीक़ा ये हो सकता है कि आप डाउन पेमेंट ज़्यादा दें और लोन का हिस्सा जितना कम कर सकें उतना बेहतर होगा.
मगर हां, मकान या फ़्लैट को निवेश के लिए ख़रीदने को हम अच्छा आइडिया नहीं कहेंगे. रियल एस्टेट में लिक्विडिटी काफ़ी कम होती है, क्योंकि मकान को जब चाहे ख़रीदना या बेचना संभव नहीं होता. रियल एस्टेट में निवेश के लिए बड़ी रक़म की ज़रूरत भी होती है, जिसकी वजह से एक इन्वेस्टमेंट के तौर पर इसे डाइवर्सिफ़ाई नहीं किया जा सकता, और अगर आपको पैसों की ज़रूरत है, तो आपको एक ही बार में इसे बेचना भी पड़ता है. इसके अलावा, घर की ऊंची क़ीमत इसके बिकने में परेशानी भी खड़ी करती है, जो इस सब को और भी उलझन भरा बना देता है.
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