स्टोरी के तीसरे भाग में हमने आपकी जरूरतों के हिसाब से उपलब्ध बेस्ट टैक्स सेविंग ऑप्शंस पर बातचीत की। इसे जारी रखते हुए यह देखते हैं कि अगर आपके पास निवेश के लिए जरूरी रकम नहीं है तो आप क्या कर सकते हैं
निवेश के लिए नहीं है जरूरी रकम
सेक्शन 80 सी कुछ खास खर्च पर टैक्स बेनेफिट मुहैया कराता है लेकिन आपको अपने निवेश को इस तरह से व्यवस्थित करना चाहिए कि आप इस लिमिट का पूरा उपयोग कर सकें। इससे सिर्फ टैक्स बचाने से बड़ा मकसद हासिल किया जा सकता है। ये निवेशक बचत की आदत को बढ़ावा देते हैं, जो कि एक औसत टैक्सपेयर की लाइफ में बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। ELSS आम तौर पर बहुत से निवेशकों के लिए पहला इक्विटी इन्वेस्टमेंट होता है। इसलिए यह लॉंग टर्म इक्विटी निवेशक बनाने में एक नींव की तरह काम करता है।
हालांकि, अगर आपके वित्तीय हालात जरूरी रकम बचत करने की अनुमति नहीं देते हैं, तो आपको उन खर्चो के अगेंस्ट टैक्स छूट क्लेम करनी चाहिए। ‘टैक्स सेविंग एक्सपेंसेज’ टेबल में हमने सबसे कॉमन खर्च को संक्षेप में दिया जिन पर सेक्शन 80 सी और इनकम टैक्स एक्ट के दूसरे नियमों के तहत टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है। अगर आप 80 सी लिमिट का पूरा उपयोग नहीं कर पाएं तो आपके पास और भी तरीके हैं।
टैक्स सेविंग एक्सपेंसेज
NSC पर मिला ब्याज: अगर NSC में आपका निवेश पहले से है, तो आप उस वर्ष के ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं, जिस वर्ष आपकी रकम री-इन्वेस्ट किया गया। उदाहरण के लिए, अगर आप वित्त वर्ष 2021-22 में टैक्स छूट के लिए मार्च 2022 में NSC में निवेश करते हैं तो आप अर्जित किए गए ब्याज पर वित्त वर्ष 2022-23 में टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं।ELSS की रकम: अगर आप के पास पुराना ELSS निवेश है, जिसने तीन वर्षों के लिए अनिवार्य लॉक इन पीरियड पूरा कर लिया है, तो आप निवेश का भुना कर और मिली रकम को री इन्वेस्ट करके टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। निश्चित तौर पर री इन्वेस्ट की गई रकम दोबारा तीन साल के लिए लॉक हो जाएगी।