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ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदने की गाइड

हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदना चाहते हैं मगर तय नहीं कर पा रहे हैं कि कैसे सही इंश्योरेंस लें? यहां आपको मदद मिलेगी.

ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदने की गाइड

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कोविड का दौर भुलाया नहीं जा सकता. इसने हम सभी के जीवन पर बहुत बुरा असर डाला. ये वो दौर था जब परिवार के सभी सदस्यों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत पहले से कहीं ज़्यादा गहराई से महसूस की गई. हेल्थ इंश्योरेंस का एक और फ़ायदा है कि ये आपके टैक्स को भी कम करता है, क्योंकि प्रीमियम पर एक तय सीमा तक छूट दी जाती है. इसमें कोई शक़ नहीं कि हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदना ज़रूरी है और इस विषय में हर किसी को गंभीरता से सोचना चाहिए.

हालांकि, अक्सर लोगों के लिए सही हेल्थ पॉलिसी चुनना काफ़ी उलझन भरा होता है. भारत में, 30 से ज़्यादा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस दे रही हैं और हरेक के पास कई तरह की स्कीमें हैं. यहां हम बताएंगे कि आप सही हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें.

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हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की तुलना कैसे करें?

आप पॉलिसीबाज़ार और कवरफ़ॉक्स जैसी इंश्योरेंस-एग्रीगेटर वेबसाइट पर अलग-अलग इंश्योरेंस स्कीमों को देख सकते हैं और उनके प्रीमियम की आपस में तुलना कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने बारे में कुछ बुनियादी जानकारियां देनी होंगी, जैसे - उम्र, धूम्रपान की आदत और कितना कवर आप चाहते हैं. कुछ ही सेकंड में कई इंश्योरेंस कंपनियों के प्रीमियम के साथ एक टेबल तैयार हो जाएगी, जिससे आप आसानी से तुलना कर सकते हैं.

तो, प्रीमियम के आधार पर कुछ इंश्योरेंस स्कीमों को शॉर्टलिस्ट करने की ये क़वायद आपके लिए एक शुरुआती प्वाइंट है. आप वेटिंग पीरियड और अस्पतालों के नेटवर्क जैसे कुछ ज़रूरी फ़ैक्टर पर भी विचार करें. यानी, आपको जितने पैसों के इंश्योरेंस कवर की ज़रूरत है, उसे कैलकुलेट करें. कितना हेल्थ कवर आपके लिए काफ़ी होगा, इसे तय करने का कोई नियम नहीं है. आपको ऐसी पॉलिसियां भी मिल सकती हैं जो ₹1 करोड़ तक का कवर देती हैं.

हालांकि, इतना ज़्यादा कवर ख़रीदना ज़रूरी नहीं है, क्योंकि इससे आपका प्रीमियम बढ़ जाएगा. साथ ही, कवर का साइज़ (इंश्योरेंस से मिलने वाले पैसे की सीमा) ही अकेली ऐसी चीज़ नहीं है जिस पर हेल्थ इंश्योरेंस ख़रीदते समय विचार किया जाना चाहिए. इस लेख में जिन दूसरी बातों की चर्चा की गई है उनके बारे में भी आपको सोचना चाहिए. फिर भी, एक आइडिया देने के लिए, तीन से चार लोगों के परिवार के लिए कम-से-कम ₹15-20 लाख का कवर लेने के बारे में सोचें.

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हेल्थ इंश्योरेंस के फ़्लोटर और पर्सनल कवर की तुलना करें

फ़्लोटर प्लान आमतौर पर पर्सनल प्लान की तुलना में कम महंगे होते हैं. हालांकि, फ़्लोटर प्लान इस धारणा पर चलते हैं कि परिवार के सभी सदस्यों के एक ही साल में बीमार पड़ने और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बहुत कम है. हालांकि, कोविड इसका अपवाद कहा जाएगा.

इसके अलावा, फ़्लोटर कवर ख़रीदना हमेशा सस्ता नहीं होता. हेल्थ इंश्योरेंस की लागत उम्र के साथ बढ़ती है और आमतौर पर प्रीमियम सबसे बुज़ुर्ग सदस्य की उम्र पर आधारित होता है. इसलिए, अगर आपके घर में बुजुर्ग हैं, तो उनके लिए अलग से कवर लेना फ़ायदेमंद हो सकता है. मिसाल के तौर पर, 35 और 61 साल की उम्र के दो व्यक्तियों के लिए ₹10 लाख का फ़्लोटर कवर क़रीब ₹50,000 सालाना का होगा. दूसरी ओर, अगर वे ₹10-10 लाख का पर्सनल हेल्थ कवर चुनते हैं, तो कुल लागत लगभग ₹45,000 सालाना ही होगी.

इसलिए, अगर सबसे बुज़ुर्ग सदस्य और घर के दूसरे सदस्यों के बीच उम्र का अंतर काफ़ी बड़ा है, तो सभी के लिए फ़्लोटर या दो अलग-अलग कवर ख़रीदने के लिए कुल प्रीमियम की जांच करने के लिए ऑनलाइन कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके कई कॉम्बिनेशन आज़माएं - एक सबसे बुज़ुर्ग सदस्य के लिए और दूसरा युवा सदस्यों के लिए.

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हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अस्पतालों के नेटवर्क की जांच करें

क़रीब-क़रीब हर बीमा कंपनी अपनी वेबसाइट पर एक सर्च बॉक्स देती है, जिससे आप ये जांच सकते हैं कि उसके पैनल में कौन-कौन से अस्पताल हैं. पता करें, आपके घर के नज़दीक या आप जिन अस्पतालों में अक्सर जाते हैं, वे बीमा कंपनी के पैनल में हैं या नहीं. याद रखें, अगर आप पैनल के बाहर वाले अस्पताल में इलाज कराते हैं, तो आपको कैशलेस सुविधा नहीं मिलेगी. हालांकि आप अभी भी अपने ख़र्च की भरपाई का दावा कर सकते हैं, लेकिन अगर अस्पताल बीमाकर्ता के पैनल में नहीं है, तो शुरुआत में आपको अपनी जेब से ख़र्च उठाना होगा.

अगर नौकरी के लिए आपको यात्रा करनी पड़ती है या आपको अक्सर देश के दूसरे हिस्सों में जाना पड़ता है, तो सिर्फ़ अपने घर के नज़दीक के अस्पतालों को ही न देखें. अपनी खोज में उन क्षेत्रों को भी शामिल करें जहां आप अक्सर जाते हैं और वहां के नेटवर्क अस्पतालों के कवरेज को भी देखें. कुछ हेल्थ-इंश्योरेंस स्कीमें विदेशी कवरेज भी देती हैं. लेकिन ये आमतौर पर महंगा होता है. इसलिए, विदेश जाते समय, आपको ट्रैवल इंश्योरेंस भी लेना चाहिए. आमतौर पर, ट्रैवल इंश्योरेंस अचानक सेहत ख़राब होने पर पैसों के ख़र्च को भी कवर करता है और तुलनात्मक रूप से कम महंगा होता है.

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ये पहला पार्ट है. आप दूसरा पार्ट यहां पढ़ सकते हैं.


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