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छोटे निवेशक, बड़े गोल: हर महीने ₹10 हज़ार बचाना रिटायरमेंट के लिए काफ़ी होगा?

33 साल के प्रशांत हर महीने ₹10,000 बचा लेते हैं. हालांकि ये उनके लक्ष्य के लिए काफ़ी नहीं, लेकिन अगर निवेश में कुछ बदलाव करें तो ज़्यादा फ़ायदा मिलेगा.

छोटे निवेशक, बड़े गोल: हर महीने ₹10 हज़ार बचाना रिटायरमेंट के लिए काफ़ी होगा?

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33 साल के प्रशांत शादीशुदा हैं. उनकी दो साल की जुड़वां बेटियां हैं. वे अपने परिवार के साथ किराए के घर में रहते हैं. इसके लिए प्रशांत ₹12,000 मासिक किराया चुकाते हैं. वे बतौर प्रिंसिपल एनेलिस्ट काम कर रहे हैं और उनकी सैलरी ₹50,000 महीने की है. उनकी पत्नी घर संभालती हैं.

घर के किराए को मिलाकर, प्रशांत का कुल मासिक खर्च ₹40,000 का है. प्रशांत अपना घर ख़रीदने के लिए बहुत इच्छुक नहीं हैं. लेकिन वे अपने रिटायरमेंट के लिए एक बड़ा कॉर्पस बनाना चाहते हैं, जो रिटायर होने के बाद की उनकी ज़रूरतों को आसानी से पूरा कर सके. इसके अलावा वे अपनी बेटियों की हायर एजुकेशन और शादी के लिए ज़रूरी कॉर्पस भी बनाना चाहते हैं. अब तक वे अपने सेविंग बैंक अकाउंट में ₹23 लाख की रक़म जमा कर चुके हैं और अपने लिए फ़ाइनेंशियल रोडमैप तैयार करने में हमारी गाइडेंस चाहते हैं.

इमरजेंसी फ़ंड

सबको, कम-से-कम छह महीने के मासिक ख़र्च के बराबर इमरजेंसी फ़ंड रखना चाहिए. मुश्किल समय में ये बहुत काम आता है. ऐसे में, प्रशांत को कम-से-कम ₹2.4 लाख का इमरजेंसी फ़ंड बनाना चाहिए. और इसे स्वीप-इन फ़िक्स्ड डिपॉज़िट और शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फ़ंड के कॉम्बिनेशन में रखना चाहिए.

स्वीप-इन फ़िक्स्ड डिपॉज़िट और शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फ़ंड न सिर्फ सेविंग अकाउंट से ज़्यादा रिटर्न पाने में मदद करेंगे, बल्कि लिक्विडिटी (यानी जल्दी कैश पाने की सहूलियत) के लिहाज़ से भी अच्छे रहेंगे. इमरजेंसी फ़ंड बनाने के लिए प्रशांत, सेविंग बैंक अकाउंट में रखी रक़म के एक हिस्से का इस्तेमाल कर सकते हैं.

क्या करना चाहिए

प्रशांत को ₹2.4 लाख का इमरजेंसी फ़ंड बनाना चाहिए.

हेल्थ इंश्योरेंस

प्रशांत के परिवार का ₹5 लाख कवर वाला फ़ैमिली फ़्लोटर प्लान है. ये प्लान उनकी कंपनी की ओर से दिया गया है. ऐसे में प्रशांत को सबसे पहले कंपनी द्वारा मुहैया कराए गए प्लान के अलावा एक पर्सनल हेल्थ कवर लेना चाहिए, क्योंकि कंपनी का प्लान तब तक ही काम करता है जब तक आप संस्थान में काम कर रहे हैं. जब आप कंपनी से इस्तीफ़ा देकर नोटिस पीरियड सर्व कर रहे होते हैं, तब ये प्लान काम नहीं करता. इसके अलावा ज़रूरी नहीं कि आप जिस संस्थान में जा रहे हैं, वहां इस तरह की सहूलियत मुहैया कराई जाए. आज के समय में लोग अक्सर नौकरियां बदलते रहते हैं. ऐसे में हेल्थ कवर को लकेर इस बात का ध्यान रखना चाहिए.

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प्रशांत को दो अलग-अलग प्लान लेने चाहिए. एक प्लान में उनके माता-पिता कवर हों. और दूसरे प्लान में वे ख़ुद, पत्नी और बेटियां हों. ₹5 लाख कवर वाला फ़ैमिली फ़्लोटर प्लान सालाना लगभग ₹16,000 के प्रीमियम में मिलेगा. इस प्लान में उनकी पत्नी, बेटियां और वे ख़ुद कवर होंगे. और उनके माता पिता के लिए हेल्थ-प्लान उनकी उम्र के कारण इससे ज़्यादा महंगा हो सकता है.

क्या करना चाहिए

एक पर्सनल फ़ैमिली फ़्लोटर हेल्थ प्लान ख़रीदें. ये कंपनी की ओर से मुहैया कराए गए हेल्थ कवर के अतिरिक्त होना चाहिए.

लाइफ़ इंश्योरेंस

प्रशांत ने ₹75 लाख के लाइफ़ कवर वाला एक प्योर टर्म प्लान ख़रीदा है. टर्म प्लान लाइफ़ इंश्योरेंस के लिए सबसे सस्ता और सबसे बेहतर प्रोडक्ट है. इंश्योर्ड व्यक्ति न रहने पर ये प्लान नॉमिनी को लाइफ़ कवर के बराबर रक़म का भुगतान करता है. ₹75 लाख का लाइफ़ कवर प्रशांत के न रहने पर उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए शायद काफ़ी नहीं होगा. ऐसे में, उनको ₹50 लाख कवर वाला एक और टर्म प्लान लेना चाहिए. इसके लिए उनको सालाना लगभग ₹6,000 प्रीमियम चुकाना होगा.

क्या करें

₹50 लाख का अतिरिक्त लाइफ़ कवर लें.

बेटियों की हायर एजुकेशन और शादी

प्रशांत अपनी बेटियों की हायर एजुकेशन और शादी पर आज की वैल्यू के हिसाब से ₹1 करोड़ रुपए और ₹80 लाख ख़र्च करना चाहते हैं. अगर महंगाई दर 8 फ़ीसदी मान लें, तो जब उनको रक़म की ज़रूरत होगी तब ये राशि बढ़ कर ₹3.17 करोड़ और ₹4.70 करोड़ हो जाएगी. प्रशांत का अनुमान है कि ये गोल 15 और 23 साल दूर हैं.

इतनी लंबी अवधि के गोल के लिए इक्विटी फंड सबसे बेहतर तरीक़े से काम करते हैं. अब तक जो रक़म उन्होंने जमा की है, वो उनको 15 साल में ₹1.19 करोड़ देगी. इस कैलकुलेशन में सालाना रिटर्न 12 फ़ीसदी माना गया है. प्रशांत को ये सोचकर निराश नहीं होना चाहिए कि वे अपने गोल को पूरा करने के लिए ज़रूरी रक़म नहीं जुटा पाएंगे. फ़ाइनेंशियल प्लानिंग में कई शर्तें होती हैं और आख़िरकार आपकी ज़रूरत, आपके अनुमान से बहुत अलग भी हो सकती है. समय के साथ तस्वीर साफ़ होगी. प्रशांत को जितना ज़्यादा संभव हो उतना बचत और निवेश पर फ़ोकस करना चाहिए. और हर बार इनकम बढ़ने के साथ उनको निवेश भी बढ़ाना चाहिए.

क्या करें

गोल की रक़म को लेकर निराश न हों. बचत और निवेश पर फ़ोकस करें.

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रिटायरमेंट

प्रशांत की मौजूदा लाइफ़स्टाइल के आधार पर उनको रिटायरमेंट के बाद की अपनी ज़रूरतों के लिए ₹8.60 करोड़ के रिटायरमेंट कॉर्पस की ज़रूरत होगी. इसके लिए उनको हर माह ₹17,500 की SIP करने की जरूरत होगी. इसके अलावा उनको SIP कंट्रीब्यूशन की रक़म हर साल 10 फ़ीसदी बढ़ानी होगी. मौजूदा समय में उनके पास निवेश करने के लिए इतना सरप्लस नहीं है. उम्मीद करते हैं कि समय के साथ उनकी इनकम बढ़ेगी और वे ज़रूरी रक़म निवेश कर पाएंगे. तब तक उनको ज़्यादा से ज़्यादा रक़म बचाने और निवेश करने पर फ़ोकस करना चाहिए.

क्या करें

इनकम बढ़ने पर निवेश बढ़ाएं.

निवेश

इमरजेंसी फ़ंड बनाने के बाद प्रशांत के पास उनके बैंक अकाउंट में ₹20.60 लाख की रकम बचेगी. इस रक़म को इक्विटी फंड में निवेश किया जाना चाहिए, क्योंकि उनका गोल 15 साल दूर है. इतनी लंबी अवधि के लिए निवेश करने के लिहाज़ से प्योर इक्विटी फ़ंड सबसे बेहतर विकल्प है.

हालांकि, प्रशांत ने पहले किसी भी मार्केट लिंक्ड प्रोडक्ट में निवेश नहीं किया है. ऐसे में उनको निवेश की शुरुआत अग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड से करनी चाहिए. अग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड 65 से 80 फ़ीसदी रक़म इक्विटी में और बाक़ी रक़म डेट में निवेश करता है. डेट में निवेश बाज़ार में गिरावट के समय सहारा देता है और निवेश को तेज़ उतार चढ़ाव से बचाता है. इसलिए ये नए निवेश के लिए बेहतर है. वहीं इक्विटी वाला हिस्सा ऊंचा रिटर्न हासिल करने में मदद करता है.

प्रशांत को ये रक़म एकमुश्त यानी एक बार में नहीं निवेश करनी चाहिए. उनको ये रक़म SIP के जरिए 18 माह की अवधि में निवेश करनी चाहिए. इक्विटी में निवेश करने पर ये ख़तरा रहता है कि ऐसा न हो कि आपकी सारी रक़म उस समय निवेश हो जब बाज़ार अपने उच्चतम स्तर पर हो. और ऐसा करते हुए अगर आपको बड़ा नुक़सान हो गया तो इस नुक़सान की भरपाई में बहुत समय लग सकता है. एक तय अवधि में रक़म को फैला कर निवेश करने से निवेश की लागत भी औसत हो जाती है और जोख़िम कम हो जाता है. प्रशांत अपनी रक़म रखने के लिए लिक्विड फ़ंड चुन सकते हैं और सिस्टमैटिक तरीक़े से इक्विटी में 18 माह में रक़म ट्रांसफ़र करने के लिए दो तीन अग्रेसिव फ़ंड में सिस्टमैटिक ट्रांसफ़र प्लान यानी STP सेटअप कर सकते हैं.

प्रशांत अतिरिक्त इंश्योरेंस ख़रीदने के बाद बचा हूआ सरप्लस पैसा टैक्स सेविंग म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर सकते हैं. टैक्स सेविंग म्यूचुअल फ़ंड प्योर इक्विटी फ़ंड है और इसमें निवेश की गई रक़म पर 80C के तहत अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है. हालांकि इसमें लॉक-इन पीरियड तीन साल का होता है लेकिन इससे टैक्स बचाने में मदद मिलती है. अपने फ़ाइनेंशियल प्लान में प्रशांत इस फ़ंड को लंबी अवधि के गोल जैसे रिटायरमेंट, बेटियों की हायर एजुकेशन और शादी से जोड़ सकते हैं. इस तरह से उनके लिए लॉक-इन पीरियड की कोई समस्या नहीं रहेगी.

क्या करें

जमी की गई रकम 18 माह की अवधि में अग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड में निवेश करें। सरप्लस टैक्स सेविंग म्युचुअल फ़ंड में लगाएं।

अहम बातें

  • इमरजेंसी कॉर्पस स्वीप इन फ़िक्स्ड डिपॉज़िट और शॉर्ट ड्यूरेशन फ़ंड में रखें. ये छह माह के ख़र्च के बराबर होना चाहिए.
  • एक पर्सनल हेल्थ कवर ख़रीदें. जो कंपनी की ओर से मुहैया कराए गए हेल्थ प्लान के अतिरिक्त हो.
  • टर्म इंश्योरेंस प्लान लाइफ़ इंश्योरेंस के लिए सबसे सस्ता और बेहतर प्रोडक्ट है.
  • अगर आपके गोल की रक़म बहुत ज़्यादा है तो निराश न हों. ज़्यादा से ज़्यादा रक़म बचाकर निवेश करते रहें.
  • अगर आप इक्विटी से परिचित नहीं है तो निवेश की शुरुआत अग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड से करें.
  • इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम सबसे बेहतर टैक्स सेविंग फ़ंड हैं. इसे लंबी अवधि के गोल से जोड़ दें.

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