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क्या लार्ज-कैप फ़ंड को अलविदा कहने का वक़्त आ गया है? कुछ समय पहले, ये निवेशकों के पोर्टफ़ोलियो का एक अहम हिस्सा हुआ करते थे, जो लंबे अर्से के निवेश में अच्छा रिटर्न देते थे और बाज़ार के उतार-चढ़ावों के बीच मज़बूती से जमे रहते थे. मगर, पिछले कुछ साल में लार्ज-कैप फ़ंड्स बेंचमार्क को मात देने के लिए जूझते रहे हैं. इसी स्थिति ने इंडेक्स फ़ंड्स को ज़्यादा आकर्षक विकल्प के तौर पर सामने ला दिया है, और, हाल के दिनों में फ़ैक्टर-बेस्ड फ़ंड एक विकल्प के तौर पर उभरे हैं.
फ़ैक्टर-बेस्ड फ़ंड्स क्या हैं?
जैसा कि नाम से पता चलता है, 'फैक्टर-बेस्ड फ़ंड' कुछ 'फ़ैक्टर्स' के आधार पर स्टॉक चुनते हैं, जिन्होंने अतीत में बेहतर रिटर्न देने में मदद की है. वर्तमान में, भारत में निवेश के लिए सिर्फ़ चार फ़ैक्टर ख़ास हैं. वे हैं:
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मोमेंटम:
मोमेंटम फ़ंड
मज़बूत मौजूदा मूल्य प्रदर्शन वाले शेयरों में निवेश करते हैं. जब स्टॉक की क़ीमतें ऊपर की ओर होती हैं, तो मोमेंटम फ़ंड उनमें निवेश करके उनका फ़ायदा उठाते हैं.
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वैल्यू:
ये फ़ंड उम्मीद से कम वैल्यू वाली कंपनियों की पहचान करते हैं और उनमें निवेश करते हैं और बेहतर डिविडेंट यील्ड और
ROCE
का दावा करते हैं. ऐसे फ़ंड मंदी के बाज़ार के दौरान चमकने के लिए जाने जाते हैं क्योंकि वे आमतौर पर सबसे पहले रिकवर कर जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके पास मौजूद स्टॉक पहले से ही कंज़रवेटिव प्राइस पर थे.
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क़्वॉलिटी:
ऊंची प्रॉफ़िटेबिलिटी या लाभप्रदता, कम क़र्ज़ और स्थिर आय वाले स्टॉक को चुनने वाले क्वॉलिटी पर केंद्रित फ़ंड. उतार-चढ़ाव के समय में, सुरक्षित रहते हैं क्योंकि क़्वॉलिटी वाले स्टॉक अपने मज़बूत फ़ंडामेंटल्स के कारण से तूफ़ान का सामना करने की बेहतर संभावना रखते हैं.
- कम अस्थिरता: कम उतार-चढ़ाव वाले फ़ंड्स ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनके प्राइस में कम उतार-चढ़ाव होता है, जिससे बाज़ार की उथल-पुथल के दौरान उनकी मुश्किलें कम रहती हैं.
फैक्टर फ़ंड्स और वैल्यू फ़ंड़्स का परफ़ॉर्मेस
हमने फैक्टर-बेस्ड फ़ंड्स के रिटर्न की तुलना, निफ़्टी 50 इंडेक्स और पांच साल के दौरान औसत लार्ज-कैप फ़ंड के रिटर्न से की. ये बेंचमार्क इसलिए चुना गया क्योंकि ये फ़ंड ख़ास तौर पर टॉप 200 कंपनियों (मार्केट कैप के मुताबिक़) में निवेश करते हैं, लेकिन ये अपने पोर्टफ़ोलियो का 80 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सा लार्ज-कैप में रखते हैं.
हमने पाया कि मोमेंटम और वैल्यू-बेस्ड फ़ंड़्स ने अपने लॉन्च के बाद से ही प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, और क्रमशः 75 फ़ीसदी और 88 फ़ीसदी समय में लार्ज-कैप फ़ंड्स और निफ़्टी 50 इंडेक्स की कैटेगरी एवरेज से आगे निकल गए हैं. इसके उलट, क्वॉलिटी और कम अस्थिरता पर आधारित फ़ंड्स ने बड़े पैमाने पर संघर्ष किया, और सिर्फ़ क्रमशः 30 फ़ीसदी और 45 फ़ीसदी समय में बेंचमार्क को पीछे छोड़ दिया.
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फ़ंड के प्रदर्शन में एक कारण से काम नहीं चलता
उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर, ये नतीजा निकालना आसान हो सकता है कि मोमेंटम और वैल्यू पर आधारित फ़ंड निवेश करने लायक़ हैं. हालांकि, कोई भी एक फ़ैक्टर सिर्फ़ अपने बूते पर प्रदर्शन को बरक़रार नहीं रख सकता है.
इसकी वजह हम यहां बता रहे हैं. बुल मार्केट और लगातार बने हुए ट्रेंड के दौरान, इन्वेस्टर के पॉज़िटिव सेंटिमेंट के कारण, मोमेंटम स्टॉक आमतौर पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं. इसके उलट, मंदी के दौर या आर्थिक मंदी के दौरान, वैल्यू स्टॉक अक्सर बेहतर प्रदर्शन करते हैं क्योंकि वे पहले से ही अपेक्षाकृत कम वैल्यू पर होते हैं और उनमें गिरावट आने की संभावना कम होती है. मोमेंटम और वैल्यू का ये मेलजोल एक संतुलित प्रदर्शन तय करता है, जो अलग-अलग मार्केट साइकल में रिटर्न को सुचारू बनाता है.
हमने इसका परीक्षण करने के लिए निफ़्टी 200 मोमेंटम 30 और निफ़्टी 50 वैल्यू 20 इंडेक्स से बैक-टेस्टेड डेटा का इस्तेमाल किया. हमने निफ़्टी 50 और पांच साल के मंथली रोलिंग रिटर्न का से औसत लार्ज-कैप फ़ंड के साथ मोमेंटम-वैल्यू के कॉम्बिनेशन (दोनों के लिए 50-50 एलोकेशन) की तुलना की.
इसका नतीजा? मोमेंटम-वैल्यू कॉम्बो ने निफ़्टी 50 इंडेक्स और लार्ज-कैप फंड्स से 94 फ़ीसदी बेहतर प्रदर्शन किया. इसके अलावा, 10 साल के SIP रिटर्न पर एक नज़र डालने से पता चला कि मोमेंटम-वैल्यू कॉम्बिनेशन ने निफ़्टी 50 इंडेक्स और लार्ज-कैप फंड्स को क्रमशः 4.6 फ़ीसदी और 4.4 फ़ीसदी से पीछे छोड़ दिया.
SIP रिटर्न में कौन आगे है?
मोमेंटम-वैल्यू कॉम्बो अच्छे मार्जिन के साथ बेंचमार्क से आगे रहता है
निफ़्टी 50 | लार्ज कैप फ़ंड | मोमेंटम वैल्यू कोम्बो |
---|---|---|
16.4% | 16.6% | 21.2% |
हमारी सलाह
हमने देखा है कि मोमेंटम और वैल्यू-बेस्ड फ़ैक्टर फ़ंड के कॉम्बिनेशन ने असरदार नतीजे दिए हैं. इसलिए, इन फ़ंड्स को लार्ज-कैप फ़ंड्स के विकल्प के तौर पर देखना सही है.
लेकिन यहां एक चेतावनी है: मार्केट में आगे क्या होगा इसका अंदाज़ा लगा कर फ़ैक्टर-बेस्ड फ़ंड्स में निवेश से बाज़ार को मात देने की कोशिश न करें. अगर पूंजी खड़ी करनी है तो लंबे समय तक इनमें निवेश जारी रखें.
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