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रिटायरमेंट के लिए मैं वर्ष 2040 तक हर महीने ₹25,000 निवेश कर सकता हूं. वेल्थ बनाने के लिए म्यूचुअल फ़ंड या ETF में से कौन सा विकल्प बेहतर है? - एक सब्सक्राइबर
ETF vs Index Fund: एक्सचेंज-ट्रेडेड फ़ंड (ETF) सेंसेक्स या निफ़्टी 50 जैसे किसी ख़ास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और स्टॉक एक्सचेंज पर स्टॉक की तरह ही ट्रेड करते हैं. असल में, इनमें स्टॉक का एक निश्चित सेट यानी समूह शामिल होता है. इसलिए ETF के ज़रिए किए जाने वाले निवेश को 'पैसिव' निवेश भी कहते हैं. ETF की एक ख़ूबी ये भी है कि ये कम ख़र्च वाले इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट होते हैं.
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म्यूचुअल फ़ंड के दायरे में उनसे सबसे ज़्यादा मिलती जुलता विकल्प इंडेक्स फ़ंड है. दरअसल, SIP की सरलता के कारण ये बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं. और, ETF के साथ सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) संभव नहीं है, क्योंकि वो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं. इसलिए एक निवेशक को हर बार उन्हें ख़रीदना पड़ता है. दूसरी ओर, SIP आपके मंथली निवेश को ऑटोमेट करने में मदद करती हैं, जिससे आपके निवेश में स्थिरता और अनुशासन दोनों आते हैं.
जहां तक पैसिव फ़ंड (चाहे वो इंडेक्स फ़ंड हो या ETF) का सवाल है, तो लार्ज-कैप स्पेस में एक्टिव फ़ंड के मुक़ाबले ये ज़्यादा बेहतर होते हैं. तो, आप निवेश में सरलता को ध्यान में रखते हुए इंडेक्स फ़ंड का चुनाव कर सकते हैं. लेकिन, ये पक्का कर लें कि सैलरी बढ़ने के साथ SIP की रक़म भी बढ़ती रहे.
निष्कर्ष
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