जोएल टिलिंगहास्ट को इतिहास में वैल्यू इन्वेस्टिंग को आगे बढ़ाने वाले के तौर पर याद किया जाएगा. एक बेहद सम्मानित फ़ंड मैनेजर, टिलिंगहास्ट को वैल्यू इन्वेस्टिंग जीनियस पीटर लिंच ने ही नियुक्त किया और प्रशिक्षित किया, जिन्होंने उन्हें 'एक ऐसा अनोखा निवेशक कहा जिसकी बराबरी नहीं की जा सकती.' टिलिंगहास्ट ने तीन दशकों से ज़्यादा वक़्त तक फ़िडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स में बतौर एक कामयाब फ़ंड मैनेजर अपनी काबिलियत साबित की. उन्होंने फ़िडेलिटी लो-प्राइस्ड स्टॉक फ़ंड को मैनेज किया, जिसने 1989 में अपनी स्थापना के बाद से करीब 13 फ़ीसदी का ज़बरदस्त सालाना रिटर्न दिया है. ये रिटर्न उसी अवधि (दिसंबर 2023 तक) में S&P 500 इंडेक्स के 10.4 फ़ीसदी के सालाना रिटर्न से कहीं ज़्यादा था.
हाल ही में हमें टिलिंगहास्ट का दिसंबर 2023 में रिटायरमेंट के बाद का इंटरव्यू देखने को मिला, जिसमें उन्होंने अपनी निवेश फ़िलॉसफ़ी और स्टॉक चयन करने के तरीक़े के अलावा दूसरे पहलुओं पर बात की. हम इस बातचीत से सामने आईं कुछ अहम बातों का उल्लेख कर रहे हैं.
पीटर लिंच के साथ अपने अनुभव पर
टिलिंगहास्ट ने निवेश का फ़ैसला लेने से पहले कई संभावनाओं पर विचार करने और उनका विश्लेषण करने की लिंच की क्षमता की तारीफ़ की. उन्होंने लिंच की खुले दिमाग से काम करने और किसी भी धारणा या पूर्वाग्रह को दूर करने की अद्भुत क्षमता का भी उल्लेख किया.
"पीटर ने कंपनियों और परिदृश्यों दोनों के मामले में निवेश की तमाम संभावनाओं पर विचार किया. वो हमेशा नई जानकारियां चाहते थे और अपनी सोच को उसी के मुताबिक़ समायोजित करते थे. उसका दिमाग असाधारण रूप से खुला हुआ है...मैंने उनसे बहुत सी चीजें सीखीं, जिन्हें मैं तुरंत और संक्षेप में नहीं बता सकता. उन चीज़ों पर ध्यान लगाएं जिन्हें आप अच्छी तरह समझते हैं और जिनके साथ आप तालमेल बिठा सकते हैं. अपनी खुद की व्यवहार संबंधी कमज़ोरियों को जानें."
क्यों टिलिंगहास्ट की 'अनौपचारिक विश्लेषणात्मक क्षमता' के फैन थे लिंच
हर निवेशक की तरह, टिलिंगहास्ट का निवेश फ़िलॉसफ़ी भी अनूठी थी, जो डेटा पर केंद्रित था. कंपनी की इनकम के टिकाऊ होने से जुड़ी उपयोगी जानकारी निकालने से लेकर ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट पर विचार करने तक, उनकी रिसर्च कई मेट्रिक्स पर आधारित थी.
उनके शब्दों में, "अलग-अलग लोग निवेश के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाते हैं और मैं मुख्य रूप से डेटा पर जोर देता हूं. हर निवेश में एक ऑपर्च्युनीटी कॉस्ट होती है, इसलिए मैं हमेशा संभावित विकल्पों को रैंक करना पसंद करता हूं... ज़्यादातर मामलों में मैं ये देखता हूं कि वक़्त के साथ डेटा और रेशियो कितने स्थिर हैं, ताकि ये देखा जा सके कि क्या मैं उन्हें भविष्य में लागू करने की हिम्मत कर सकता हूं. भविष्य की इनकम और कैश फ़्लो का अंदाज़ा लगाने की मेरी क्षमता पर असर डालने वाली कोई भी चीज़ मददगार होती है. मैक्रो डेटा उन पूर्वानुमानों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आमतौर पर भविष्य की मेरी अवधारणा में पिछली घटनाओं की एक श्रृंखला के ज़रिए से घूमना शामिल होता है. याद रखिए, मंदी तो आएगी. और, तेजी भी आएगी."
ये भी पढ़िए- इन 5 फ़ैक्टर्स पर वैल्युएशन करते हैं अश्वथ दामोदरन
अपने स्टॉक चयन की प्रक्रिया पर
टिलिंगहास्ट ने सुझाव दिया कि स्टॉक चुनने वालों को अपनी चयन प्रक्रिया अस्पष्ट निवेश संभावनाओं वाली कंपनियों को हटाकर शुरू करनी चाहिए. उनका मानना था कि महान निवेशकों में दूसरों की तुलना में चेतावनी के संकेतों को जल्दी पहचानने की क्षमता होती है, जिससे उन्हें गैर ज़रूरी जोखिमों से बचने और एक मजबूत लॉन्ग टर्म पोर्टफ़ोलियो बनाने में मदद मिलती है. संभावित स्टॉक का विश्लेषण करते वक़्त स्टॉक्स को खारिज करने के अपने बेहद सख्त मानदंडों की मदद से टिलिंगहास्ट ने भी ऐसा ही किया.
"मैंने उन इंडस्ट्री को हटा दिया, जहां मेरे पास आज से पांच या 10 साल बाद किसी कंपनी की इनकम का सटीक अंदाज़ा लगाने का कोई यकीनी तरीक़ा नहीं है. मैंने उन मैनेजमेंट्स को हटा दिया जो भरोसेमंद नहीं हैं और जिनका कैपिटल का इस्तेमाल उस तरह करने का इतिहास रहा है जो ख़राब रिटर्न देते हैं. मैंने उन कंपनियों को हटा दिया जिनका बिज़नस दूसरों पर बहुत ज़्यादा निर्भर है, या इसलिए क्योंकि उन पर कर्ज़ बहुत ज़्यादा है, या उनका बिज़नस कुछ अलग नहीं है."
वैल्यू खोजने पर
टिलिंगहास्ट के लिए निवेश का फ़ैसला लेने से पहले वैल्यूएशन सबसे महत्वपूर्ण मानदंडों में से एक था. उनके मुताबिक़, सही वैल्यू वाला स्टॉक ख़रीदना अहम है, क्योंकि महंगी वैल्यूएशन पर ख़रीदे जाने पर मुनाफ़ा कमाने वाले स्टॉक से भी ख़ास रिटर्न मिलने की उम्मीद नहीं होती. इसलिए उन्होंने कम P/E रेशियो पर कारोबार करने वाले स्टॉक ख़रीदना पसंद किया क्योंकि इससे उनमें गिरावट का जोखिम सीमित हो जाता है.
"कम P/E एक तरह से हाई FCF (मुक्त नकदी प्रवाह) हासिल करने का एक शॉर्टकट है, हालांकि हमेशा ये सही नहीं होता. कम P/E वाली कंपनी में औसतन उच्च P/E के मुकाबले में कम गिरावट होगी क्योंकि ये डिविडेंड और बायबैक द्वारा ज़्यादा कैश वापस कर सकती है. बेहतर बिज़नस के लिए, मैं एक कुछ ज़्यादा P/E का भुगतान करूंगा. 20 के आसपास के मल्टीपल पर भुगतान करने के लिए ये एक असाधारण बिज़नस होना चाहिए. लेकिन मेरे पास ज़्यादा महंगे स्टॉक हैं तो मैं उसे नहीं ख़रीदूंगा."
ये भी पढ़िए- विजय केडिया की तरह कैसे करें निवेश?
पढ़ना और स्वतंत्र सोच क्यों ज़रूरी है
सभी महान निवेशकों की तरह, टिलिंगहास्ट एक कामयाब निवेशक बनने के लिए लगातार सीखने और नए कौशल हासिल करने के महत्व पर ज़ोर देते हैं. उनका मानना है कि निवेशक जितना ज़्यादा पढ़ेंगे, उतने ही ज़्यादा सवाल पूछेंगे, जिससे उन्हें बिज़नस को गहराई से समझने में मदद मिलेगी. इससे निवेशक आत्मनिर्भर बन सकता है और एक नया नज़रिया पैदा कर सकता है, और निष्कर्ष निकालने के लिए दूसरे लोगों की रिसर्च पर निर्भर नहीं रह सकता.
"ज़्यादातर कामयाब निवेशक दिन के सभी घंटों में बहुत कुछ पढ़ते हैं और 10-K (एक फॉर्म 10-के यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की एक वार्षिक रिपोर्ट है, जो कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन का सार देती है) या किताबों आदि को पढ़ने के लिए समय की ज़रूरत होती है. जब मैं कुछ ध्यान से पढ़ रहा होता हूं तो मेरा दिमाग अक्सर बड़े और साधारण सवालों की ओर भटक जाता है, जैसे "क्या प्रबंधन ने नतीजों को बेहतर बनाने के लिए अकाउंटिंग के इस सिद्धांत को चुना या क्योंकि उन्हें लगा कि इससे वास्तविकता जाहिर होती है?" ऑफ़िस का बहुत सारा वक़्त एनालिस्ट्स और कंपनी मैनेजमेंट के साथ बैठकों में गुजरता है... जिस व्यक्ति ने आपके लिए सोचा था, वो हमेशा किसी बदलाव के समय मौजूद नहीं रहेगा. आपको समझ नहीं आएगा कि क्या करना है! इस तरह के तनावपूर्ण पल अक्सर बहुत सारा पैसा कमाने या गंवाने का मौक़ा बनते हैं."
ऊपर दिए गए अंश एक इंटरव्यू से लिए गए हैं. हालांकि, हम अपने रीडर्स से पूरा इंटरव्यू देखने का अनुरोध करते हैं. इसे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
ये भी पढ़िए- विलियम नाइग्रेन से जानें निवेश के शानदार तरीक़े