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Mutual Fund में P/E रेशियो का मतलब और इसकी अहमियत क्या है?

Mutual Fund Scheme का चुनाव करते समय P/E रेशियो चेक करना क्यों ज़रूरी है? आइए इसे समझते हैं

Mutual Fund में PE Ratio क्या होता है?

हमारे एक रीडर का एक सवाल है कि वैल्यू रिसर्च की ऑनलाइन वेबसाइट पर Mutual Fund scheme की प्राइस-टू-अर्निंग्‍स यानी (P/E) रेशियो कैसे चेक कर सकते हैं. और, क्‍या हिस्‍टोरिकल पीरियड के P/E रेशियो भी चेक करने चाहिए?

P/E रेशियो वेबसाइट पर ऐसे चेक करें

Dhanak value research online: वैसे, कोई भी शख्स धनक वैल्यू रिसर्च की ऑनलाइन पर वर्तमान P/E रेशियो चेक कर सकता है. इसके लिए उसे फ़ंड पेज के 'पोर्टफ़ोलियो' टैब पर क्लिक करना होगा. और कॉन्सनट्रेशन हेडिंग वाला बॉक्‍स देखें. इसमें P/E रेशियो के अलावा, आप फ़ंड का वर्तमान प्राइस-टू-बुक (P/B) रेशियो भी जान पाएंगे. लेकिन हमारी वेबसाइट पर फ़ंड का हिस्‍टोरिकल P/E रेशियो और P/B रेशियो को एक्‍सेस करना मुमकिन नहीं है.

क्या फ़ंड का हिस्‍टोरिकल P/E रेशियो और P/B रेशियो चेक करना सच में इतना ज़रूरी है? एक और सवाल जो हमसे अक्‍सर पूछा जाता है- Equity Mutual Fund scheme का चुनाव करते समय P/E रेशियो चेक करना कितना ज़रूरी है? इसका जवाब जानने से पहले ये समझते हैं की P/E रेशियो क्‍या होता है.

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P/E रेशियो क्‍या है

What is P/E ratio in Mutual Fund: एक कंपनी का P/E रेशियो ये बताता है कि निवेशक उसकी ₹1 की अर्निंग (मुनाफ़े) के लिए कितना चुकाने के लिए तैयार हैं. ये कंपनी के शेयर प्राइस की तुलना में उसकी प्रति शेयर होने वाली कमाई (EPS) का रेशियो है. EPS वो मुनाफ़ा है जो कंपनी प्रति शेयर के आधार पर बनाती है. ऐसे में EPS अगर 1 है, तो P/E रेशियो वो प्राइस दिखाएगा जो निवेशक कंपनी के ₹1 मुनाफ़े के लिए चुकाएगी. फ़ाइनांस की भाषा में इस रेशियो को अर्निंग मल्टीपल भी कहते हैं.

फ़ॉर्मूला - P/E रेशियो= (एक शेयर का मौजूदा मार्केट प्राइस / प्रति शेयर अर्निंग

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ग्रोथ स्‍टॉक्‍स और वैल्‍यू स्‍टॉक्‍स में फ़र्क

Growth stocks & Value stocks: कुछ शेयर का P/E रेशियो ऊंचा होता है और कुछ शेयर का कम. ऊंचा P/E रेशियो बताता है कि निवेशकों की शेयर से उम्‍मीदें जुड़ी हैं. इसकी वजह ये है कि निवेशकों को उम्‍मीद रहती है कि ये अर्निंग ग्रोथ के बाद शेयर के प्राइस में ग्रोथ दिखेगी. ऐसे में, अगर निवेशक एक शेयर के लिए ज़्यादा भुगतान करने के लिए तैयार है तो इसकी वजह साफ है कि वो मुनाफ़ा तेज़ी से बढ़ने की उम्‍मीद में है. इन शेयर को आम तौर पर ग्रोथ स्‍टॉक्‍स कहा जाता है.

दूसरी तरफ़, कुछ कंपनियों का अर्निंग मल्टीपल कम होता है, जहां, निवेशक ज़्यादा ग्रोथ की उम्‍मीद नहीं करते हैं. इन स्‍टॉक्‍स को वैल्‍यू स्‍टॉक्‍स कहा जाता है. हालात बदल भी सकते हैं क्‍योंकि जिस कंपनी की ग्रोथ सुस्‍त है उसकी रफ़्तार तेज़ हो सकती है. और तेज़ी से ग्रोथ करने वाली कंपनी ग्रोथ के मोर्चे पर सुस्‍त हो सकती हैं.

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इन बातों पर ग़ौर करना ज़रूरी है

जैसा कि एक इक्विटी फ़ंड तमाम शेयर का कलेक्शन होता हैं. इसलिए, एक फ़ंड का P/E रेशियो पोर्टफ़ोलियो में मौजूद सभी स्‍टॉक्‍स के P/E रेशियो का एवरेज है. फ़ंड के पोर्टफ़ोलियो में बदलाव के साथ, P/E भी बदलेगा और इससे संबंधित एसेट्स की ग्रोथ संभावनाएं जाहिर नहीं होंगी. एक फ़ंड का P/E उसके स्‍टॉक्‍स का वेटेज का औसत है. यहां कैश का कोई रोल नहीं होता है. इसलिए, यहां थोड़ा सजग रहना चाहिए और P/E रेशियो के साथ कैश कंपोनेंट का भी ध्‍यान रखना चाहिए. इसी तरह से, नुकसान में चल रही कंपनियों को जीरो वैल्‍यू असाइन की जाती है. इसी बात को ध्यान में रखें तो शेयर की तुलना में फ़ंड के P/E रेशियो को ज़्यादा अहमियत नहीं दी जानी चाहिए.

इसके बावज़ूद, फ़ंड के P/E का इस्‍तेमाल उसकी कैटेगरी के फ़ंड या कैटगरीज़ की तुलना में किया जा सकता है. हालांकि, ये वैल्‍यूएशन के लिए किसी सामान्य गाइड से ज़्यादा नहीं है. ना ही इसके आधार पर कोई फ़ैसला लेना चाहिए.

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बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड वाले फ़ंड

शुरुआत में, निवेशकों का ध्यान ऐसे फ़ंड और फ़ंड मैनेजर की पहचान करने पर होना चाहिए जिनका अलग-अलग मार्केट साइकल में लगातार अच्‍छा प्रदर्शन करने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. ऐसे में उस फ़ंड को देखा जाना चाहिए जिसने मार्केट के उतार-चढ़ाव में अच्‍छा प्रदर्शन किया हो और बड़े झटके के दौरान बचा रहा हो. जब निवेशक ऐसे फ़ंड की लिस्‍ट बना लेते है, फिर फ़ंड का चुनाव करने की स्‍टाइल में डायवर्सिटी लाने के लिए फ़ंड की वैल्‍यूएशन जैसे P/E रेशियो को देख सकते हैं.

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बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें

Best Mutual Fund: अच्छे रिटर्न के लिहाज़ से म्यूचुअल फ़ंड बेहतर विकल्प हैं. हक़ीक़त में, हर कोई अपने लिए बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड ही चुनना चाहता है. इस मामले में धनक (dhanak.com) आपकी मुश्किल आसान कर सकता है. इसमें निवेश के लिए सबसे अच्छे लगने वाले फ़ंड को फ़ाइव स्टार रेटिंग दी जाती है. इस तरह से हम 1 स्टार से 5 स्टार तक की रेटिंग देते हैं. और, जिन फ़ंड्स को निवेश के लायक़ नहीं मानते है, उन्हें कोई रेटिंग नहीं दी जाती. हमारे इस फ़ीचर को इस्तेमाल करिए और निवेश के ज़रिए खुद को आर्थिक तौर पर सफ़ल बनाएं.

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