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एक साधारण भारतीय परिवार में कमाई करने वाला कोई युवा, निवेश को लेकर मार्गदर्शन चाहता है, तो अक्सर बड़े-बुज़ुर्ग उन्हें पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF) की सलाह देते हैं.
इस मामले में, आप उन्हें दोष नहीं दे सकते. 1985 से 2000 के बीच, PPF सालाना 12 फ़ीसदी तक का रिटर्न दे रहा था. इतने ज़्यादा रिटर्न के कारण PPF एक पसंदीदा निवेश विकल्प बन गया था.
ऐसे में, कई लोगों ने PPF को अपनाया है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, मार्च 2023 तक PPF में निवेशकों का ₹9.4 लाख करोड़ का निवेश था.
लेकिन क्या PPF समय की कसौटी पर खरा उतरता है? या ये गुज़रे ज़माने का विकल्प बन गया है? हमारे एक सब्सक्राइबर ने हाल ही में ये सवाल पूछा. हाल के कुछ सालों में म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री की ग्रोथ को देखते हुए, वो पूछते हैं कि PPF के मुक़ाबले उनका रिटर्न कैसा होगा.
सब्सक्राइबर के वाजिब सवाल से हमारी दिलचस्पी भी जगी, इसलिए हमने सभी म्यूचुअल फ़ंड कैटेगरीज़ पर ग़ौर किया और उन फ़ंड्स (ग्रोथ प्लान्स) की पहचान की जिन्होंने तीन दशक पूरे कर लिए हैं. देखिए, हमने क्या पाया:
PPF Vs म्यूचुअल फ़ंड
मान लीजिए कि पिछले 30 वर्षों में हर महीने ₹1,000 का निवेश किया गया है. (कुल निवेश की गई राशि ₹3.6 लाख हुई)
पोर्टफ़ोलियो की मौजूदा वैल्यू | सालाना आधार पर % में रिटर्न (XIRR) | |
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पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF) | 16 लाख | 8.6 |
फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा फ़ंड | 1.9 करोड़ | 20.9 |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ MNC फ़ंड | 1.3 करोड़ | 19.1 |
फ्रैंकलिन इंडिया ब्लूचिप फ़ंड | 1 करोड़ | 18.2 |
HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फ़ंड | 96.2 लाख | 17.6 |
टाटा लार्ज एंड मिड कैप फ़ंड | 81.9 लाख | 16.8 |
HDFC लार्ज एंड मिड कैप फ़ंड | 54.1 लाख | 14.8 |
टॉरस फ़्लेक्सी कैप फ़ंड | 49 लाख | 14.3 |
LIC MF फ़्लेक्सी कैप फ़ंड | 21 लाख | 10.0 |
LIC MF एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड | 18.5 लाख | 9.4 |
नोट: यहां रेग्युलर ग्रोथ प्लान्स पर विचार किया गया है. पोर्टफ़ोलियो की 31 मई 2024 तक की वैल्यू है. रिटर्न कर-पूर्व हैं. मासिक NAV उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में पिछले महीने का NAV इस्तेमाल किया गया है. |
पिछले 30 सालों में कमज़ोर प्रदर्शन करने वाले म्यूचुअल फ़ंड भी PPF से आगे निकल गए हैं, जो PPF के दबदबे में कमी का संकेत है. मोटे तौर पर कहें तो पिछले 30 सालों में म्यूचुअल फ़ंड ने आपको सालाना 9.4 से 20.9 फ़ीसदी के बीच रिटर्न दिया होगा, जो PPF के सालाना 8.6 फ़ीसदी रिटर्न से ज़्यादा है.
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PPF vs Mutual Funds: तुलना सही नहीं?
ऐसा कहने के बाद, ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि PPF और म्यूचुअल फ़ंड (कम से कम वे जिनका ऊपर दी गई टेबल में ज़िक्र है) एक दूसरे से ख़ासे अलग हैं. भले ही, म्यूचुअल फ़ंड इक्विटी (equity), डेट (debt), सोना (gold) और दूसरी एसेट में निवेश कर सकते हैं, लेकिन उनके साथ बाज़ार में उतार-चढ़ाव का जोख़िम जुड़ा है. इसके विपरीत, PPF एक फ़िक्स्ड इनकम वाला विकल्प है जो पूरी तरह से कम जोख़िम, कम फ़ायदे वाली सरकारी सिक्योरिटीज़ में निवेश करता है.
लेकिन, अगर आप एक लंबे समय के निवेशक (पांच साल और उससे ज़्यादा) हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड वेल्थ बढ़ाने के लिहाज़ से दमदार हो सकते हैं. ये बात उनके लंबे समय के रिटर्न से भी जाहिर होती है. असल में, भले ही इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड कम समय में अस्थिर हों, लेकिन वे आम तौर पर लंबे समय में ज़्यादा रिटर्न देते हैं.
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बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें
Best Mutual Fund: अच्छे रिटर्न के लिहाज़ से म्यूचुअल फ़ंड बेहतर विकल्प हैं. हक़ीक़त में, हर कोई अपने लिए बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड ही चुनना चाहता है. इस मामले में धनक ( dhanak.com ) आपके लिए मददगार हो सकता है.
इसमें निवेश के लिए सबसे अच्छे लगने वाले फ़ंड को फ़ाइव स्टार रेटिंग दी जाती है. इस तरह से हम 1 स्टार से 5 स्टार तक की रेटिंग देते हैं. और, जिन फ़ंड्स को निवेश के लायक़ नहीं मानते है, उन्हें कोई रेटिंग नहीं दी जाती. हमारे इस फ़ीचर को इस्तेमाल करिए और निवेश के ज़रिए खुद को आर्थिक तौर पर सफ़ल बनाएं.