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टैक्स बचाना चाहते हैं लेकिन नहीं जानते कि किससे पूछें, तो आप सही जगह पर आए है। हमारा आसान ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर नई या पुरानी टैक्स रिज़ीम (कर व्यवस्था) के तहत कुल दिए जाने वाले टैक्स का अंदाज़ा लगाने के लिए ग्रॉस एनुअल इनकम, बेसिक मंथली सैलरी, टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट और HRA जैसे फ़ैक्टर्स पर विचार करेगा। सैलरी टैक्स कैलकुलेटर आपको तुरंत अनुमानित आंकड़ा देकर आपका क़ीमती समय और पैसा, दोनों बचाने में आपकी मदद करेगा।
आपके डीटेल
एडिट
सालाना आय ₹0
बेसिक सैलरी( महीने )
आपकी उम्र
EPF में कर्मचारी का योगदान( महीने ) ₹0
EPF में कंपनी का योगदान( महीने ) ₹0
NPS में कंपनी का योगदान( महीने ) ₹0
NPS में कंपनी का योगदान( महीने ) ₹0
घर के किराए का ब्यौरा
एडिट
मासिक किराया( महीने ) ₹0
मासिक HRA( महीने ) ₹0
मेट्रो में रहते हैं -
होम लोन डीटेल
एडिट
ब्याज दिया -
मूल राशि ₹0
सैक्शन 80सी के तहत छूट
एडिट
मौजूदा छूट ₹0
लाइफ़ इन्श्योरेंस ₹0
PPF ₹0
इक्विटी लिंक सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) ₹0
नेशनल सेविंग सर्टिफ़िकेट (एनएससी) ₹0
5-वर्ष फिक्स डिपॉज़िट ₹0
ट्यूशन फ़ी ₹0
सीनियर सिटिज़न सेविंग स्कीम (एससीएसएस) ₹0
कोई और ₹0
दूसरे डिडक्शन
एडिट
डोनेशन (सेक्शन 80G) ₹0
एजुकेशन लोन पर ब्याज (सेक्शन 80E) ₹0
कोई और ₹0
आप हेल्थ इन्श्योरेंस के लिए कितना प्रीमियम देते हैं? (अपना, पत्नी/ पति, बच्चे) ₹0
आप अपने माता-पिता के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए कितना प्रीमियम देते हैं? ₹0
इनकम टैक्स कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है जो ये कैलकुलेट करने में आपकी मदद करता है कि आपकी इनकम के आधार पर आपको कितना टैक्स देने की ज़रूरत है. अलग-अलग इनकम टैक्स ब्रैकेट में आने वाले लोगों को अपनी सालाना आमदनी पर के एक हिस्से पर टैक्स देना होता है.
और देखेंइनकम टैक्स कैलकुलटेर TDS को शामिल नहीं करता है. हालांकि, आकलन वर्ष (असेसमेंट ईयर) के लिए टैक्स की सारी देनदारी इसमें तय की जाती है.
जब वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए छूट सीमा की बात आती है, तो ये HUFs और NRIs सहित सभी के लिए 2.5 लाख रुपये तक है.
केंद्रीय बजट 2022 में कुछ प्रमुख कर प्रावधान प्रस्तुत किए गए. इनमें शामिल हैं:
नहीं, नई टैक्स रिज़ीम अनिवार्य नहीं है. हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में, आप नई या पुरानी टैक्स व्यवस्था को अपना सकते हैं.
नई टैक्स रिज़ीम का कोई कैलकुलेटर मार्केट में उपलब्ध नहीं है. 2023-24 के लिए अपनी इनकम कैलकुलेट करने के लिए आप किसी भी इनकम टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अगर आप नई टैक्स रिज़ीम का विकल्प चुनते हैं, तो आपको चैप्टर VIA के तहत कोई डिडक्शन नहीं मिलेगा. इनमें शामिल है 80CCD, 80C, 80CCC, 80GG, 80GGC, 80GGA, 80DDB, 80G, 80DD, 80E और 80D. इसके अलावा, अगर आपकी पारिवारिक पेंशन से कोई आमदनी है या हाउसिंग लोन है, तब भी आपको कोई डिडक्शन नहीं मिलेगा. साथ ही, LTA और HRA जैसे अलाउंस की भी अनुमति नहीं है.
इनकम टैक्स (आयकर) की गणना हमेशा नेट सैलरी पर की जाती है. इनकम टैक्स कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते समय, आपको अपनी नेट सैलरी तब मिलेगी जब आप अपने कुल वेतन से अपनी सभी कटौतियाँ और भत्ते घटा देंगे.
आपकी कर योग्य आय या टैक्स के दायरे में आने वाली आमदनी को कम करने के कई तरीक़े हैं. आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आप 1,50,000 रुपये तक की छूट पा सकते हैं. हालांकि, याद रखें कि यदि आप नई कर व्यवस्था चुनते हैं, तो आपको ये कटौतियाँ नहीं मिलेंगी. इसके अलावा, आप मकान किराया, होम लोन, NPS योगदान और स्वास्थ्य बीमा पर छूट का दावा कर सकते हैं.
अपनी कुल कर योग्य आय और कुल देय कर की गणना करें. कर प्रतिशत की गणना का सूत्र इस प्रकार है:
कर प्रतिशत = कुल देय कर शुद्ध कर योग्य आय
किसी विशेष वित्तीय वर्ष के लिए अपना कुल कर योग्य आय लें और फिर इसे 12 महीने से विभाजित करें.
यदि आपकी कर योग्य आय एक वित्तीय वर्ष में मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तो आपको आयकर रिटर्न. दाखिल करना चाहिए. हालांकि, अगर आप नई टैक्स रिज़ीम या नई कर व्यवस्था चुनते हैं और आपकी कुल कर योग्य आय 3 लाख से अधिक हो जाती है, तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा. इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी हैं. निम्न तालिका बेहतर तरीक़े से समझाएगी.
हालांकि, कुछ अन्य अपवाद भी हैं.
आपको कई विवरण जमा करने होंगे. इसमें शामिल है:
आपको अपना आयकर रिटर्न 31 जुलाई तक दाखिल करना होगा. हालांकि, सरकार तारीख बढ़ा सकती है.
यदि आप समय सीमा चूक जाते हैं लेकिन 31 दिसंबर तक भुगतान करते हैं, तो आप पर जुर्माना लगाया जाएगा. अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से ज़्यादा है तो जुर्माना 5,000 रुपये होगा और अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से कम है तो जुर्माने की रक़म 1,000 रुपये होगी.
इसके अलावा, हर महीने आपसे 1 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूला जाएगा. इसके अलावा, आपसे आपकी बक़ाया कर राशि पर हर महीने 1 प्रतिशत का ब्याज लिया जाएगा. इसलिए, यदि आपकी कर देनदारी 10,000 रुपये है और आप समय सीमा चूक जाते हैं, तो आपका जुर्माना हर गुजरते महीने 100 रुपये बढ़ जाएगा.
इसके अलावा, अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दिसंबर 31 तक फ़ाइल नहीं करते हैं, तो आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.