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जूतों का ये दिग्गज रिटेलर जीतेगा रेस?

क्या शूज़ के इस मिड-कैप रिटेलर का स्पोर्ट्स फ़ुटवियर की दुनिया में रखा क़दम क़िस्मत बदलेगा

जूतों का ये दिग्गज रिटेलर जीतेगा रेस?

एक फ़िट और हेल्दी लाइफ़ स्टाइल की चाहत भारतीयों में बढ़ रही है. यही वजह है कि फ़िटनेस इंडस्ट्री मज़बूती हुई है और जूते, कपड़े और दूसरे सहायक उपकरणों सहित, खेल और एथलेटिक्स प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ी है. कंसल्टिंग फ़र्म टेक्नोपैक की एक रिपोर्ट बताती है कि FY15 और FY20 के बीच कैज़ुअल और फ़ॉर्मल सेगमेंट के मुक़ाबले, ये सेगमेंट सबसे तेज़ी से (इस्तेमाल के मामले में) बढ़ा है. स्पोर्ट्स फ़ुटवियर कैटेगरी ने इस ट्रेंड का फ़ायदा उठाया है, जिसमें कई ग्लोबल और लोकल कंपनियों की मौजूदगी से कॉम्पिटीशन बढ़ा है.

अपनी जैसी दूसरी कंपिनयों से तुलना

मेट्रो हर मामले में अपने पीयर्स से बेहतर प्रदर्शन करती है

कंपनी का नाम रेवेन्यू(5 साल के दौरान सालाना ग्रोथ) ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट(5 साल के दौरान सालाना ग्रोथ) प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स(5 साल के दौरान सालाना ग्रोथ) 5 साल का मीडियन ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन (%) 5 साल का मीडियनROCE
मेट्रो ब्रांड्स 15 19 21 19 34
बाटा इंडिया 6 11 8 13 31
रिलेक्सो फ़ुटवियर 7 -3 -1 12 25
ख़ादिम इंडिया -2 -10 -14 4 10
लिबर्टी शूज़ 4 1 14 4 10
मिर्ज़ा इंटरनेश्नल -8 -24 -20 9 12
हमने कैम्पस एक्टिववियर नहीं लिया क्योंकि इसके पांच साल के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे.
इनकी गणना FY18-FY23 से की गई है न कि TTM के आधार पर, क्योंकि मेट्रो दिसंबर 2021 में लिस्ट हुई और इसका 5 साल का तिमाही वार TTM डेटा उपलब्ध नहीं है

मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के हिसाब से सबसे बड़ी फु़टवियर कंपनी, मेट्रो ब्रांड्स , तेज़ी से बढ़ती स्पोर्ट्स फ़ुटवियर कैटेगरी में एंट्री करने वाली सबसे नई कंपनी है. साल 2022 में, इसने ग्लोबल दिग्गज फ़िला ( Fila) और घरेलू कंपनी प्रोलाइन (Proline) के रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर क्रेवेटेक्स ब्रांड्स (Cravatex Brands) का टेक ओवर किया और इसे मेट्रो एथलीज़र (Metro Athleisure) के तौर पर दोबारा ब्रांड किया. इसने हाल ही में अपने स्टोर के स्वामित्व और संचालन के लिए अमेरिकी प्रीमियम एथलेटिक फ़ुटवियर रिटेलर, फ़ुट लॉकर के साथ एक रणनीतिक साझेदारी भी की है.

मेट्रो ने देश में प्रीमियम प्रोडक्ट के बढ़ते चलन को भुनाने के लिए फ़ुट लॉकर ब्रांड को सिर्फ़ मेट्रो और टियर-वन शहरों में विकसित करने की योजना बनाई है. इसने शुरुआत में इस साल मार्च तक 4-6 फ़ुट लॉकर स्टोर खोलने और FY25 तक इसे बढ़ाने की योजना बनाई है. फ़िला के लिए, इसकी योजना जून तक अपने मौजूदा 14 स्टोर बंद करने और अपने मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स (MBO) के बड़े डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का फ़ायदा उठाकर ब्रांड को फिर से लॉन्च करने की है.

लेकिन वो क्या है जो इसे इसे दूसरों पर बढ़त देता है? क्या कंपनी इतने जोशीले सेगमेंट में क़ामयाब होने लायक़ है? इसके पक्ष के फ़ैक्टर पर एक नज़र डालते हैं.

1) प्रीमियम प्रोडक्ट्स की मांग और उसकी पेशकश
मेट्रो ब्रांड्स की अलग-अलग सेगमेंट में जूतों की पेशकश इस तरह है - इकोनॉमी (₹501-1,000), मिड (₹1,000-3,000) और प्रीमियम (₹3,000 से ज़्यादा). हालांकि, ये प्रोडक्ट को प्रीमियम बनाने पर अपना ध्यान लगा रहा है, जिससे पिछले कुछ साल के दौरान में इसकी औसत बिक्री के दाम में लगातार बढ़ेतरी हुई है.

अपने प्रतिस्पर्धियों के बीच इसका औसत बिक्री मूल्य सबसे ज़्यादा है और ये पिछले पांच साल में इंडस्ट्री में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला खिलाड़ी रहा है. अपनी ख़ुद की मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिट नहीं होने के बावजूद, कंपनी का मार्जिन और रिटर्न ऑन कैपिटल इंप्लॉयड (ROCE) या नियोजित पूंजी पर रिटर्न सबसे ज़्यादा रहा है. सबसे उंचे औसत बिक्री के दाम के साथ फ़िला को शामिल करना भी इसकी प्रीमियम बोने की रणनीति के साथ मेल खाता है.

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2) ग्रोलब ब्रांडों का पसंदीदा
वैश्विक गठजोड़ के लिए ये कंपनी सबसे पसंद की जाती है और इसके पास सबसे बड़ा थर्ड पार्टी पोर्टफ़ोलियो है, जिसमें क्रॉक्स , स्केचर्स , फ़िटफ़्लॉप जैसे बड़े नाम शामिल हैं. ये इसके बड़े डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क और बरसों के तजुर्बे की वजह से है, जो इसके अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को उनकी निर्माण की अवधि कम करने और क़ामयाबी की संभावना को बढ़ाने में मदद करता है.

मेट्रो ब्रांड्स के साथ साझेदारी से ग्लोबल कंपनियों को बढ़त मिलती है, क्योंकि उन्हें 192 शहरों में कंपनी के 612 MBO तक पहुंच मिलती है (9M FY24 तक)। मेट्रो को भी MBO में कुल स्टोर प्रोडक्ट सेल का एक-चौथाई हिस्सा थर्ड पार्टी से हासिल होता है.

3) भीतरी इलाकों में मज़ूबत पकड़
प्रतिस्पर्धियों के मुक़ाबले इसके सबसे उंची औसत बिक्री मूल्य के बावजूद, कंपनी अपने मज़बूत डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क, बाज़ार में एंट्री और अलग-अलग कैटगरी के कस्टमर की सर्विस के रिटेल एक्सपीरियंस के कारण मिलाजुला कर अपने रिवेन्यू का 40 प्रतिशत (9M FY24 तक) टियर-2 और टियर-3 शहरों से कमाती है.

4) अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड
कंपनी के पास एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसने 1955 में अपनी स्थापना के बाद से अलग-अलग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स के साथ क़ामयाबी के साथ साझेदारी की है और उन्हें आगे बढ़ाया है. इसके बड़े रिटेलिंग अनुभव को देखते हुए, इसके लिए इस सेगमेंट में प्यूमा (Puma), एडिडास (Adidas) और नाइकी (Nike) जैसे मौजूदा दिग्गजों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल नहीं होगा.

निवेशकों का कोना

दिसंबर 2021 में लिस्ट होने के बाद से कंपनी के स्टॉक ने हर साल 45 फ़ीसदी तक का रिटर्न लगातार दिया है. हालांकि, निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि ये 28 मार्च, 2024 तक 96 गुना के भारी प्राइस-टू-अर्निंग पर क़ारोबार कर रहा है. इसके अलावा, इसका एसेट क़ारोबार FY19 में 1.4 गुना से घटकर 9M FY24 (TTM आधार) पर 0.8 हो गया है.

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