मार्च 26 को PGIM इंडिया म्यूचुअल फ़ंड ने अपनी नई स्कीम, PGIM इंडिया रिटायरमेंट फ़ंड लॉन्च करने की घोषणा की. NFO (न्यू फ़ंड ऑफर) 9 अप्रैल, 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध है.
यहां आपको फ़ंड के बारे में वो हर बात बता रहे हैं, जो आपको जाननी चाहिए.
NFO स्नैपशॉट
फ़ंड का नाम | PGIM इंडिया रिटायरमेंट फ़ंड |
SEBI कैटेगरी | सॉल्यूशन ओरिएंटेड फ़ंड- रिटायरमेंट फ़ंड |
NFO पीरियड | 26 मार्च से 9 अप्रैल 2024 |
इन्वेस्टमेंट का उद्देश्य | इक्विटी, इक्विटी से संबंधित विकल्प, REITs, InvITs और फ़िक्स्ड इनकम सिक्योरिटी में इन्वेस्टमेंट करके इन्वेस्टर्स को उनके रिटायरमेंट गोल के अनुरूप पूंजी में बढ़ोतरी और इनकम उपलब्ध कराना. |
फ़ंड का इन्वेस्टमेंट |
इक्विटी और इक्विटी से संबंधित विकल्प: 75-100%
डेब्ट सिक्योरिटीज: 0-25% REITs और InvITs द्वारा जारी यूनिट: 0-10% |
बेंचमार्क | S&P BSE 500 TRI |
फंड मैनेजर | विनय पहाड़िया, पुनीत पाल |
लॉक इन पीरियड | फ़ंड में पांच साल का या 60 वर्ष की रिटायरमेंट की उम्र तक, जो भी पहले हो, लॉक-इन पीरियड है. |
कितना टैक्स |
यदि यूनिट एक साल के बाद बेची जाती हैं: ₹1 लाख से ज़्यादा के फ़ायदे पर 10% टैक्स लगाया जाता है. यदि यूनिट एक साल के भीतर बेची जाती हैं: फ़ायदे पर 15% टैक्स लगाया जाता है. |
PGIM इंडिया रिटायरमेंट फ़ंड के बारे में
PGIM इंडिया रिटायरमेंट फ़ंड इक्विटी, फिक्स्ड इनकम (Fixed Income), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) सहित सिक्योरिटीज़ में मिलाजुला कर निवेश करेगा.
फ़ंड में इक्विटी (equity) का एलोकेशन कम से कम 75 प्रतिशत होगा, जिसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है. डेट (debt) का एलोकेशन 25 प्रतिशत तक हो सकता है, जबकि REITs और InvITs द्वारा यूनिट के इश्यू में 10 प्रतिशत तक का निवेश किया जा सकता है.
दिलचस्प ये है कि जब इक्विटी की बात आती है, तो ये फ़ंड मल्टी-कैप फ़ंड्स द्वारा अपनाई गई रणनीति की नकल करेगा, जहां कम से कम 25 प्रतिशत पैसा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में एलोकेडेट किया जाता है.
फ़ंड मैनेजरों के बारे में
फंड को विनय पहाड़िया (Vinay Paharia) और पुनीत पाल (Puneet Pal) मैनेज करेंगे.
विनय पहाड़िया जनवरी 2023 में PGIM म्यूचुअल फंड में शामिल हुए, वर्तमान में इसके चीफ़ इन्वेस्टमेंट ऑफ़िसर (CIO) हैं. वो स्कीम का इक्विटी कंपोनेंट मैनेज करेंगे. पहाड़िया के पास फ़ाइनेंस, मुख्य रूप से इक्विटी रिसर्च और फ़ंड मैनेजमेंट में 20 साल से ज़्यादा का अनुभव है.
इससे पहले पहाड़िया ने यूनियन म्यूचुअल फ़ंड के CIO के तौर पर काम किया था और ₹7,800 करोड़ के एसेट मैनेज किए थे.
यूनियन म्यूचुअल फ़ंड में विनय पहाड़िया का परफॉर्मेंस
स्कीम | अवधि | फंड का रिटर्न (%) | कैटेगरी एवरेज (%) | AUM (करोड़ ₹) |
---|---|---|---|---|
यूनियन बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड | 26 जून 2018 से 24 जनवरी 2023 | 9.97 | 8.53 | 1,705.38 |
यूनियन फ्लेक्सी कैप फ़ंड | 03 अप्रैल 2018 से 24 जनवरी 2023 | 13.08 | 11.23 | 1,333.63 |
यूनियन स्मॉल कैप फ़ंड | 03 अप्रैल 2018 से 24 जनवरी 2023 | 12.59 | 13.35 | 711.35 |
नोट: हमने ओपन-एंडेड इक्विटी फ़ंड और AUM के लिहाज तीन सबसे बड़े फ़ंड पर विचार किया है. AUM जनवरी 2023 तक का है. |
यूनियन म्यूचुअल फ़ंड में उनके द्वारा मैनेज की जाने वाले तीन सबसे बड़े फंड्स का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है. उत्साहजनक बात ये है कि उनके कार्यकाल के दौरान तीन में से दो फ़ंड्स ने अपनी कैटेगरी एवरेज से बेहतर प्रदर्शन किया.
इस बीच, पुनीत पाल स्कीम के डेट, REIT और InvIT वाले हिस्से की देखरेख करेंगे. उन्होंने म्यूचुअल फ़ंड स्पेस के डेट मार्केट में दो दशकों से ज़्यादा समय तक काम किया है और वर्तमान में फ़ंड हाउस में फ़िक्स्ड इनकम के प्रमुख हैं.
हमारी राय
वैल्यू रिसर्च में, हमने हमेशा कहा है कि सॉल्यूशन ओरिएंटेड फ़ंड किसी भी दूसरी इक्विटी या हाइब्रिड म्यूचुअल फ़ंड स्कीम से अलग नहीं हैं. 'रिटायरमेंट' या 'चिल्ड्रन' शब्द जोड़ना अक्सर एक मार्केटिंग हथकंडा होता है. इन लक्ष्यों के लिए अगर निवेश करना हो, तो एक निवेशक किसी भी म्यूचुअल फ़ंड स्कीम से कर सकता है. देखना बस यही होता है कि फ़ंड की इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी निवेशक के रिस्क लेने की क्षमता और निवेश की ज़रूरतों से मेल खाती हो.
इसके अलावा, सॉल्यूशन ओरिएंटेड फ़ंड में लॉक-इन पीरियड के तौर पर एक बड़ी कमी होती है. PGIM इंडिया रिटायरमेंट फ़ंड भी अलग नहीं है. हालांकि, फ़ंड मल्टी-कैप स्ट्रैटजी के चलते मुख्य रूप से इक्विटी में इन्वेस्टमेंट करेगा.
फिर भी, अगर कोई मल्टी-कैप फ़ंड में निवेश करने का इच्छुक है, तो ठीक-ठाक ट्रैक रिकॉर्ड वाली कई स्कीमें पहले से ही मौजूद हैं. जैसा कि हम हमेशा कहते हैं, बिना किसी ट्रैक रिकॉर्ड वाली नई स्कीम को चुनने के बजाय जाने पहचाने ट्रैक रिकॉर्ड वाली स्कीम को चुनना बेहतर है.
ये भी पढ़िए- NFO में निवेश से पहले खुद से पूछें ये 3 सवाल