एन.एफ़.ओ. रिव्यू

NFO review: हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड

यहां हम ये भी बता रहे हैं कि आप इस फ़ंड में निवेश करें या नहीं

NFO review: हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड

Helios Mutual Fund ने अपना तीसरा फ़ंड - हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड लॉन्च किया है. NFO (न्यू फंड ऑफ़र) 20 मार्च 2024 तक मेंबरशिप के लिए खुला है.

यहां हम वो सबकुछ बता रहे हैं जो आपको फ़ंड के बारे में जानने की ज़रूरत है.

NFO एक नज़र में

फ़ंड का नाम हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड
SEBI कैटेगरी हाइब्रिड बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड
NFO पीरियड 11 मार्च से 20 मार्च 2024
निवेश का उद्देश्य इक्विटी में संभावित तेज़ी से लाभ उठाने और इक्विटी और ऋण के बीच डायनैमिक एलोकेशन के जरिये गिरावट से बचाने के लिए
फ़ंड कहां इन्वेस्ट करेगा 1-100 % इक्विटी में, 0-100 % डेट में
बैंचमार्क CRISIL HYBRID 50+20
फ़ंड मैनेजर आलोक बहल, प्रतीक सिंह, उत्सव मोदी
एग्ज़िट लोड 10% से ज़्यादा यूनिट के लिए, अलॉटमेंट डेट से 3 महीने के भीतर रिडेम्शन या स्विच करने पर उस समय लागू NAV का 1% चार्ज वसूल किया जाएगा.

हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड के बारे में

ये देखते हुए कि ये एक बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड है, इसमें इक्विटी एलोकेश को 0 और 100 फ़ीसदी के बीच कहीं भी रखने की आज़ादी है. फ़ंड की इक्विटी और डेट एलोकेशन के मोटे तौर पर चार आधार हो सकते हैं - मैक्रो कंडिशन, मौजूदा बाज़ार की कंडिशन, वैल्युएशन और मार्केट सेंटिमेंट. जब ये सभी बातें ठीक होंगी तो इक्विटी एलोकेशन ज़्यादा होगा और जब ये सही नहीं होंगी तो एलोकेशन कम होगा.

हालांकि, AMC की वेबसाइट पर मौजूद दस्तावेज़ों के मुताबिक़, फ़ंड 65 फ़ीसदी से ज़्यादा का ग्रॉस इक्विटी एक्सपोज़र बनाए रखने की कोशिश करेगा, ताकि निवेशकों को अनुकूल कर तरीक़े से मुनाफ़ा मिल सके. ये बाज़ार की प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाव के लिए अलग-अलग डेरिवेटिव स्ट्रैटजी का इस्तेमाल करेगा. इसके अलावा, फ़ंड एलोकेशन बनाए रखने के लिए हर महीने रिबैंलेंसिंग भी करेगा.

बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड क्या होते हैं?

इन्हें डायनेमिक एसेट एलोकेशन फ़ंड के तौर पर भी जाना जाता है, बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड इक्विटी और डेट, दोनों में होशियारी से निवेश करते हैं. वे हाइब्रिड कैटेगरी के हैं, जिसमें 33 फ़ंड हैं और एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) करीब 2.51 लाख करोड़ रुपये है.

जो बात हाइब्रिड कैटेगरी को दूसरों से अलग करती है, वो इसका लचीलापन है. इसलिए, इस कैटेगरी के फ़ंड्स को फ़िक्स्ड एसेट एलोकेशन के पैमानों का पालन करने की ज़रूरत नहीं है.

हेलिओस म्यूचुअल फ़ंड क्या है?

हेलिओस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री में अपेक्षाकृत नया है. पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट सर्विस कंपनी के तौर पर, 2005 में समीर अरोड़ा द्वारा स्थापित, हेलिओस को अगस्त 2023 में अपना म्यूचुअल फ़ंड लाइसेंस मिला. इसके ओवरनाइट फ़ंड (अक्टूबर 2023 में लॉन्च) और फ्लेक्सी-कैप फ़ंड (नवंबर 2023 में लॉन्च) ने, क्रमशः ₹26 करोड़ और ₹550.54 करोड़ इकठ्ठा किए.

1990 के दशक में अरोड़ा तब सुर्खियों में आए, जब उनके द्वारा मैनेज किए जाने वाले तीन अलायंस कैपिटल फ़ंड्स ने बड़े अंतर से बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया.

एलायंस फंड मैनेजर के रूप में समीर अरोड़ा का प्रदर्शन

कार्यकाल फ़ंड का रिटर्न (%) S&P BSE सेंसेक्स (%)
एलायंस टैक्स रिलीफ़ '96 अप्रैल 1996 से अगस्त 2003 तक 37.68 1.27
एलायंस '95 फरवरी 1995 से अगस्त 2003 तक 23.36 0.71
एलायंस इक्विटी सितंबर 1998 से अगस्त 2003 तक 27.55 5.23
*लिस्ट में सिर्फ़ वही फ़ंड शामिल किए गए हैं, जिनका प्रबंधन अरोड़ा ने चार साल से ज़्यादा वक्त तक किया है

हेलिओस AMC एक अद्वितीय निवेश फ़िलॉसफ़ी का पालन करता है जिसे ‘एलीमिनेशन इन्वेस्टिंग’ या उन्मूलन निवेश (elimination investing),' के तौर पर जाना जाता है. इस स्ट्रैटजी में जो ये पहचानने की कोशिश की जाती है कौन से ऐसे स्टॉक हैं जिन्हें निवेश की लिस्ट से बाहर कर देना चाहिए. फ़ंड हाउस का मानना है कि अच्छे की पहचान करने से ज़्यादा आसान है कि कौन सा निवेश अच्छा नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि अच्छे स्टॉक की पहचान करने के लिए कई पैरामीटर देखने की ज़रूरत पड़ती है. मगर किसी भी स्टॉक में अगर एक भी बात ऐसी है जो निवेश के तय पैमाने पर खरी नहीं उतरती, तो उसे तुरंत ही निवेश के लिए चुने जा रहे स्टॉक की लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है.

हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज के फंड मैनेजर

हेलिओस बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का प्रबंधन तीन फ़ंड मैनेजरों की टीम करेगी जिसमें - आलोक बहल, प्रतीक सिंह और उत्सव मोदी हैं.

मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) आलोक बहल के पास निवेश प्रबंधन का 30 साल से ज़्यादा का अनुभव है, जिसमें हेलिओस में 18 साल का प्रभावशाली कार्यकाल भी शामिल है.

प्रतीक सिंह को फ़रवरी 2024 में हेलिओस AMC में फ़ंड मैनेजर - इक्विटी नियुक्त किया गया था. उनके पास MBA की डिग्री और एक दशक से ज़्यादा का तजुर्बा है. हेलिओस में शामिल होने से पहले, उन्होंने मोतीलाल ओसवाल की संस्थागत इक्विटी रिसर्च टीम में इक्विटी रिसर्च एनेलिस्ट के तौर पर काम किया, जिसमें पूंजीगत वस्तुओं (capital goods) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के क्षेत्र (consumer durables sector) पर नज़र रखी जाती थी.

उत्सव मोदी, जिनका 11 साल से ज़्यादा का तजुर्बा है, वो भी उनके साथ टीम में शामिल होंगे. हेलिओस AMC में अपनी भूमिका से पहले, मोदी ने ग्रो म्यूचुअल फ़ंड (Groww Mutual Fund) में डीलर - फ़िक्स्ड इनकम के तौर पर काम किया.

हमारी सलाह

हमने हमेशा इस बात की वकालत की है कि निवेशकों को एसेट एलोकेशन प्लान को मानना चाहिए, और अपनी रिस्क लेने की क्षमता के मुताबिक़ अपने पोर्टफ़ोलियो को इक्विटी (equity) और डेट (debt) के बीच बांटना चाहिए. इसे, इक्विटी और डेट फ़ंड्स में अलग-अलग एलोकेशन के ज़रिए या फिर एक ही हाइब्रिड फ़ड में निवेश करके हासिल किया जा सकता है. हाइब्रिड फ़ंड दोनों तरह की एसेट कैटेगरी में निवेश से ख़ुद ही डाइवर्सिफ़ाइड होते हैं. हालांकि, हम तयशुदा एलोकेशन एलोकेशन वाले फ़ंड्स को प्राथमिकता देते हैं.

डायनामिक एसेट एलोकेशन कैटेगरी में भी, हम उन फ़ंड्स को बेहतर समझते हैं जिनका इक्विटी और डेट का एलोकेशन में कम फ़र्क़ होता है, जिससे निवेशकों को फ़ंड के तौर-तरीक़ों को लेकर बेहतर समझ बनी रहती है.

किसी भी दूसरे NFO की तरह, हमारी सलाह है कि आप निवेश करने का फ़ैसला लेने से पहले कुछ वक़्त इंतज़ार करें.

ये भी पढ़िए: NFO में निवेश से पहले खुद से पूछें ये 3 सवाल


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