पिछले 12 महीनों में सरकारी कंपनियों (PSU), इंफ़्रास्ट्रक्चर और इंटरनेशनल स्टॉक्स में म्यूचुअल फ़ंड निवेश किसी सुखद सपने से कम नहीं रहा.
इसमें सेक्टर फ़ंड्स को भी शामिल कर लें, और आपको ऐसे 18 फ़ंड मिलेंगे जिन्होंने 75-110 प्रतिशत का ज़बरदस्त रिटर्न पिछले 12 महीनों में दिया है. सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइसेज़ एक्सचेंज ट्रेडेड फ़ंड ( CPSE ETF ) इस लिस्ट में अव्वल रहा है, जिसने 110 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. दूसरे शब्दों में, अगर 12 महीने पहले इस FTF में आपने निवेश किया होता, तो आपका पैसा दोगुने से भी ज़्यादा हो गये होते!
तो, अब बिना आपका ज़्यादा समय गंवाए, इन 18 पैसा बनाने वालों को देखते हैं और उन बातों को पहचानने की कोशिश करते हैं जिन्होंने इन्हें पिछले 12 महीनों में इतने शानदार नतीजे देने वाला बनाया.
पिछले 12 महीनों में ज़बरदस्त पैसा बनाने वाले फ़ंड
स्कीम | कैटेगरी | रिटर्न (%) |
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CPSE ETF | PSU | 109.69 |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ PSU इक्विटी फ़ंड | PSU | 97.86 |
मोतीलाल ओसवालS&P BSE इनहांस्ड वैल्यू ETF | वैल्यू | 95.04 |
मोतीलाल ओसवाल S&P BSE इनहांस्ड वैल्यू इंडेक्स फ़ंड | वैल्यू | 93.48 |
SBI PSU फ़ंड | PSU | 92.44 |
मिराए एसेट NYSE FANG+ ETF FoF | इंटरनेशनल | 90.38 |
इन्वेस्को इंडिया PSU इक्विटी फ़ंड | PSU | 90.33 |
ICICI प्रूडेंशियल PSU इक्विटी फ़ंड | PSU | 88.15 |
HDFC इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड | इंफ़्रा | 80.67 |
मिराए एसेट NYSE FANG+ ETF | इंटरनेशनल | 80.35 |
कोटक निफ़्टी PSU बैंक ETF | बैंक | 79.54 |
नप्पॉन इंडियाETF निफ़्टी PSU बैंक BeES | बैंक | 79.47 |
क्वांट इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड | इंफ़्रा | 78.52 |
निप्पॉन इंडिया पावर एंड इंफ्रा फ़ंड | इंफ़्रा | 78.49 |
कोटक निफ़्टी अल्फ़ा 50 ETF | लार्ज कैप | 78.02 |
भारत 22 ETF | लार्ज कैप | 75.97 |
बंधन इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड | इंफ़्रा | 75.54 |
ICICI प्रूडेंशियल भारत 22 FOF | लार्ज कैप | 75.11 |
नोट: 4 मार्च 2024 तक के रिटर्न. सिर्फ़ डायरेक्ट प्लान. |
PSU सबसे आगे रहे
पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) के स्टॉक 2021 से ही शानदार रहे, मगर 2023 ख़ासतौर पर प्रभावित करने वाला था. इस दौरान PSU इंडेक्स 55.3 प्रतिशत उछला.
इस तरह के तेज़ रैली ने इनमें निवेश करने वाले कई फ़ंड्स को ब्लॉकबस्टर रिटर्न दिए. आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ PSU इक्विटी फ़ंड और SBI PSU फ़ंड ऐसे एक्टिव फ़ंड हैं, जो अलग दिखाई दिए, और इन्होंने पिछले एक साल में, क्रमशः 97.86 प्रतिशत और 92.44 प्रतिशत के रिटर्न दिए. ये रिटर्न 4 मार्च 2024 तक के हैं.
पैसिव PSU फ़ंड - जैसे कि CPSE ETF , कोटक निफ़्टी PSU बैंक ETF और भारत 22 ETF , के साथ कुछ दूसरे फ़ंड - इन ज़बरदस्त पैसा बनाने वालों की लिस्ट में शामिल रहे.
इस शानदार प्रदर्शन का कारण
पिछले साल, फ़ंड्स की कुछ टॉप पांच होल्डिंग में 106 और 333 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिनमें ये फ़ंड रहे,
हाउसिंग एंड अर्बन डवलपमेंट कॉर्पोरेशन
,
NTPC
और
कोल इंडिया
. आमतौर पर, PSU स्टॉक ने पिछले तीन साल के दौरान रैली की है और इसके कई कारण रहे हैं, जैसे - सरकार का बढ़ा हुआ कैपिटल एक्सपेंडिचर, आकर्षक वैल्युएशन और कमाई में बड़ी बढ़ोतरी.
इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड्स
इंफ़्रास्ट्रक्चर एक साइक्लिकल सेक्टर है, जो अर्थव्यवस्था के अच्छा करने पर बेहतर प्रदर्शन करता है. ये इकोनॉमिक ग्रोथ और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने वाला बड़ा कारण होता है.
पिछले कुछ सालों के दौरान, सरकार ने इंफ़्रास्ट्रक्चर सेक्टर को ताक़त देने के लिए कई क़दम उठाए हैं, जिससे इस सेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
इसका नतीजा ये हुआ कि प्योर इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड जैसे कि बंधन इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड , क्वांट इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड और HDFC इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड ने 75 से 80 प्रतिशत का रिटर्न दिया.
निप्पॉन इंडिया पावर और इंफ़्रा फ़ंड , जो आंशिक तौर पर एनर्जी सेक्टर पर फ़ोकस करता है, इसने भी पिछले साल 78.5 प्रतिशत का बढ़िया रिटर्न दिया.
FANG स्टॉक की डिमांड तेज़
'सात महान स्टॉक्स' (जिन्हें Magnificent Seven कहा जाता है) का AI (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस) सेक्टर में ज़्यादा फ़ोकस होने की वजह से इंटरनेशनल स्टॉक्स में निवेश करने वाले म्यूचुअल फ़ंड्स को बड़ा फ़ायदा हुआ. (
एप्पल
,
एल्फ़ाबेट
,
अमेज़न
,
माइक्रोसॉफ़्ट
,
मेटा प्लेटफ़ॉर्म्स
,
एनवीडिया
, और
टेस्ला
इस 'Magnificent Seven' का हिस्सा हैं.)
क्योंकि ये सात महान स्टॉक NYSE FANG 10 स्टॉक इंडेक्स का हिस्सा है, इसलिए मिराए एसेट NYSE FANG+ETF और इसके फ़ंड ऑफ़ फ़ंड (Fund of Fund) ने, क्रमशः 80.35 प्रतिशत और 90.38 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
इस शानदार प्रदर्शन का कारण
एनवीडिया इसमें सबसे बड़ा योगदान देने वाला रहा, जिसने पिछले साल 256 प्रतिशत का रिटर्न दिया. दूसरे कुछ स्टॉक्स का प्रदर्शन कुछ इस तरह का रहा, जैसे मेटा (फ़ेसबुक) और ब्रॉडकॉम, जो क्रमशः 168 प्रतिशत और 121 प्रतिशत बढ़े.
फ़ैक्टर इंडिक्स स्पॉटलाइट में रहे
फ़ैक्टर फ़ंड ऐसे म्यूचुअल फ़ंड हैं, जो निवेश के लिए उन कंपनियों कुछ पैमानों पर चुनते हैं जैसे कि वैल्यू (value), क्वालिटी (quality) और मोमेंटम (momentum).
पिछले साल, इन फ़ंड्स का प्रदर्शन उभर कर सामने आया. मिसाल के तौर पर, मोतीलाल ओसवाल S&P BSE इनहांस्ड वैल्यू के ETF और इंडेक्स फ़ंड ने क्रमशः 95.04 प्रतिशत और 93.5 प्रतिशत का रिटर्न दिया. ये इनहांस्ड वैल्यू इंडेक्स (Enhanced Value Index) S&P BSE लार्ज और मिड-कैप स्पेस में 30 कंपनियों को लेता है जिनका वैल्यूएशन बेस सबसे ज़्यादा होता है. इसका वैल्यूएशन बेस तय करने का पैमाना होता है - बुक वैल्यू-टू-प्राइस (book value-to-price), अर्निंग्स-टू-प्राइस (earnings-to-price) और सेल्स-टू-प्राइस (sales-to-price).
कोटक निफ़्टी अल्फ़ा 50 ETF ने भी 78.02 प्रतिशत का रिटर्न दिया. निफ़्टी अल्फ़ा 50 इंडेक्स ऐसा 50 कंपनियों को चुनता है जो NSE पर लिस्ट हों और जिनका अल्फ़ा (ज़्यादा रिटर्न) पैदा करने की सबसे ज़्यादा संभावना हो.
क्या आपको इनमें निवेश करना चाहिए?
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सभी फ़ंड्स जिन्होंने ज़बरदस्त रिटर्न दिए हैं, वो थीमैटिक (thematic) या सेक्टोरल (sectoral) स्वभाव के हैं. इनके साथ मुश्किल ये है कि ये बहुत ज़्यादा साइक्लिकल (cyclical) और रिस्क वाले हैं. एक अर्से के दौरान ये अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और मगर दूसरी अवधि में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं भी कर सकते.
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जब अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है तब PSU और इंफ़्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करते हैं. मगर, इन दोनों सेक्टरों ने फ़्लैट या नेगेटिव रिटर्न का एक लंबा दौर देखा है. मिसाल के तौर पर, PSU सेक्टर छे साल तक कमोबेश संघर्ष कर रहा था (2015 से 2020).
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FANG स्टॉक्स (चार पॉपुलर अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियां: फ़ेसबुक (मेटा), अमेज़न, नेटफ़्लिक्स, और गूगल (एल्फ़ाबेट) के फ़ंड निवेश में भी रिस्क का पुट रहता है. क्योंकि इन फ़ंड्स का पोर्टफ़ोलियो सिर्फ़ 10 स्टॉक का होता है जो कि एक संकेंद्रित या कॉन्सनट्रेटेड पोर्टफ़ोलियो (concentrated portfolio) होता है, तो अमेरिका में होने वाले किसी भी आर्थिक मसले से इनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है.
- फ़ैक्टर फ़ंड भी इसी तरह साइक्लिकल (cyclical) होते हैं. कौन सा फ़ैक्टर (वैल्यू, क्वालिटी, मोमेंटम जैसे कुछ फ़ैक्टर) इनके लिए काम करेगा इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है.
हमारा मत
हालांकि इन फ़ंड्स ने शानदर नतीजे दिए हैं, पर बहुत ज़्यादा रिस्क वाला स्वभाव होने के कारण इन्हें नज़रअंदाज़ किया जा सकता है.
पर अगर आप फिर भी इनमें निवेश करना चाहते हैं, तो हमारा सुझाव होगा कि आप अपने पूरे पोर्टफ़ोलियो का 10-15 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा इनमें न लगाएं.
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