दूसरे फ़ैक्टर्स के बारे में सोचे बिना केवल रिटर्न के आधार पर म्यूचुअल फ़ंड चुनना किसी कार को सिर्फ़ उसकी टॉप स्पीड के आधार पर ख़रीदने जैसा है. हालांकि स्पीड महत्वपूर्ण है, लेकिन ये ईंधन की दक्षता, सुरक्षा और कार के इस्तेमाल जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को नज़रअंदाज कर देती है. कल्पना कीजिए कि आप मुंबई की व्यस्त सड़कों पर सब्ज़ी ख़रीदने के लिए F1 कार ख़रीद रहे हैं.
यही हाल म्यूचुअल फ़ंड का भी है. केवल उनके रिटर्न के आधार पर फ़ंड में निवेश करना - और उनके जोख़िम, आपकी समय सीमा और लक्ष्यों को न देखना - संभावित मुश्किलों का कारण बन सकता है.
उसकी वजह यहां है:
स्मॉल कैप फ़ंड
यहां तक कि सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले
स्मॉल-कैप फ़ंड
ने भी पिछले दशक में लगभग 20 प्रतिशत का सालाना रिटर्न दिया है. और ये सबसे ख़राब फ़ंड है.
माना कि हम भी ऐसे फ़ंड का हाथ काट देंगे, लेकिन अगर आप फ़ंड के रिटर्न से आगे जा कर विस्तार से देखेंगे, तो पता चलेगा कि ये नंबर बरसों की निराशा को छिपाए हुए हैं.
ये सही है कि स्मॉल-कैप फ़ंड्स में लंबे समय तक ज़ीरो रिटर्न देने का स्वभाव होता है. असल में, 10 साल के इतिहास वाले 10 स्मॉल-कैप फ़ंड्स में से छह ने तीन साल या उससे ज़्यादा के लिए ज़ीरो रिटर्न दिया! इसी बात को इस तरह से दोहराते हैं, सबसे अच्छे स्मॉल-कैप फ़ंड भी 36 महीने या उससे ज़्यादा समय तक ख़त्म हो सकते हैं.
कहानी का सार: अगर आपको स्मॉल-कैप फ़ंड चुनना है, तो ये पक्का करें कि आपके पास कम से कम सात साल का लंबा समय है और आप उतार-चढ़ाव सहने के लिए तैयार हैं.
स्मॉल-कैप फ़ंड लंबे समय के लिए सुस्त हो सकते हैं
10 में से छह सबसे लंबे समय तक रहने वाले स्मॉल-कैप फ़ंड्स ने पिछले दशक में तीन साल या इससे ज़्यादा के लिए ज़ीरो रिटर्न दिए
स्कीम का नाम | 10-साल के रिटर्न (%) | ज़ीरो रिटर्न का सबसे लंबा अर्सा |
---|---|---|
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ स्मॉल कैप | 19.26 | 3 साल 4 महीने |
DSP स्मॉल कैप | 25.23 | 3 साल |
फ़्रैंकलिन इंडिया स्मॉलर कंपनीज़ | 23.7 | 3 साल 1 महीने |
HDFC स्मॉल कैप | 22.5 | 3 साल |
निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप | 28.74 | 3 साल |
सुंदरम स्मॉल कैप | 22.46 | 3 साल 4 महीने |
नोट: दिसंबर 31, 2023 तक डायरेक्ट प्लान के रिटर्न |
शॉर्ट से मीडियम-ड्यूरेशन डेट फ़ंड्स
ये म्यूचुअल फ़ंड फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FDs) का आकर्षक विकल्प हैं, और थोड़े से ज़्यादा रिस्क पर ऊंचे रिटर्न का वादा करते हैं. बेहतर विकल्प के तौर पर हम भी
शॉर्ट-ड्यूेशन फ़ंड्स
रेकमेंड करते हैं.
जब निवेशक शॉपिंग पर निकलते हैं, तो अक्सर वो सबसे ज़्यादा रिटर्न देने वाले फ़ंड को चुन लेते हैं. नीचे दी गई टेबल देखिए, और आप पाएंगे कि इनमें से कुछ फ़ंड - जो आमतौर पर सिंगल डिजिट के रिटर्न देते हैं - वो 27 प्रतिशत जैसा रिटर्न ऑफ़र कर रहे हैं!
भ्रम में डालने वाले डेट फ़ंड्स
डेट फ़ंड बहुत ज़्यादा हाई रिटर्न दे सकते हैं जिसका कारण डिफ़ॉल्ट करने वालों से रिकवरी हो सकता है, जो एक बार होने वाली घटना हो सकती है (% में)
स्कीम का नाम | कैटेगरी | 2019 | 2020 | 2021 | 2022 | 2023 |
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BOI शॉर्ट टर्म इनकम फ़ंड | शॉर्ट ड्यूरेशन | -12.86 | -0.51 | 3.46 | 27.43 | 6.43 |
JM लो ड्यूरेशन फ़ंड | लो ड्यूरेशन | -11.96 | 26.91 | 3.44 | 4.58 | 7.05 |
निप्पॉन इंडिया स्ट्रेटेजिक डेट फ़ंड | मीडियम ड्यूरेशन | -2.59 | -23.07 | 18.09 | 2.6 | 7.62 |
ABSL मीडियम टर्म फ़ंड | मीडियम ड्यूरेशन | -3.78 | 8.94 | 7.69 | 25.73 | 7.69 |
नोट: पिछले पांच कैलेंडर ईयर में डायरेक्ट प्लान के रिटर्न |
हालांकि, क़रीब से देखने पर पता चलता है कि ये प्रभावित करने वाले रिटर्न पिछली ग़लतियों का नतीजा हैं.
आपने सही पढ़ा. इन फ़ंड का डिफ़ॉल्ट करने वालों में अच्छा ख़ासा एक्सपोज़र था, जिसका नतीजा कई साल के नेगेटिव रिटर्न के बाद हाई रिटर्न के पीरियड में हुआ है. ये बढ़े हुए रिटर्न, असल में, रिकवरी का नतीजा हैं.
कहानी का मर्म : डेट फ़ंड्स में उनके ज़्यादा रिटर्न के लिए निवेश मत करें; इनमें आप अपने पैसे की सुरक्षा के लिए निवेश करें. असल में, अगर डेट फ़ंड में आपको हाई रिटर्न नज़र आता है तो उसे तुरंत ही ख़तरे का सिग्नल समझें.
इक्विटी सेविंग फ़ंड्स और कंज़रवेटिव हाइब्रिड
ये दो तरह के फ़ंड दो कारणों से कंज़रवेटिव और पहली बार निवेश करने वालों के पंसदीदा हैं:
-
ये फ़ंड स्थिर रिटर्न दे सकते हैं
- इन फंड्स का इक्विटी में एवरेज इन्वेस्टमेंट 40 प्रतिशत से कम है, यानी ये कम उतार-चढ़ाव वाले हैं.
हालांकि, इन्हीं कैटेगरी में, कुछ फ़ंड्स में बहुत ज़्यादा हाई डबल-डिजिट के रिटर्न देखने को मिलते हैं. जहां ये काफ़ी आकर्षक लग सकते हैं, वहीं ये हाइब्रिड फ़ंड इक्विटी जैसे रिटर्न देते हैं, गहराई से देखने पर इनमें चिंताजनक ट्रेंड दिखाई देता है: यही फ़ंड अपनी कैटेगरी में सबसे ख़राब रिटर्न देने के लिए भी ज़िम्मेदार हैं.
दूसरे शब्दों में कहें, तो ये तथाकथित स्थिर फ़ंड इक्विटी फ़ंड जितने ही उतार-चढ़ाव वाले हैं, और इसलिए, आपके निवेश के लक्ष्य से मेल नहीं खाते. एक सुरक्षित निवेशक के तौर पर, आप नहीं चाहेंगे कि कोई फ़ंड एक साल में आपको 18 प्रतिशत का रिट्रन दे और अगले साल आपके 13 प्रतिशत गंवा दे, क्या ऐसा नहीं है?
फ़ंड जो उतने स्थिर नहीं
हालांकि डेट फ़ंड्स का इक्विटी में औसत निवेश 40% से कम होता है, पर कुछ फ़ंड दूसरों से ज़्यादा उतार-चढ़ाव वाले हो सकते हैं
स्कीम का नाम | कैटेगरी | 2023 के रिटर्न(%) | पिछले 5 साल का सबसे ख़राब प्रदर्शन (%) |
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HSBC इक्विटी सेविंग्स | इक्विटी सेविंग | 18.09 | -12.68 |
निप्पॉन इंडिया इक्विटी सेविंग्स | इक्विटी सेविंग | 13.33 | -27.82 |
DSP इक्विटी सेविंग्स | इक्विटी सेविंग | 13.17 | -10.5 |
निप्पॉन इंडिया हाइब्रिड बॉन्ड | कंज़रवेटिव हाइब्रिड | 11.14 | -15.49 |
नोट: डायरेक्ट प्लान के रिटर्न. सबसे ख़राब प्रदर्शन का कैलकुलेशन पिछले पांच साल में कम-से-कम एक साल के रिटर्न के आधार पर किया गया है, जिसका कैलकुशनेशन महीने के आधार पर किया गया है. |
कुल मिला कर, जब आप म्यूचुअल फ़ंड चुन रहे हों, तो याद रखें कि हाई रिटर्न इस पहेली का एक हिस्सा भर हैं. जैसे कि एक कार को उसके प्रैक्टिकल इस्तेमाल के चुनें बजाए उसकी स्पीड के लिए, ठीक वैसे ही आपको निवेश के अपने उद्देश्य, रिस्क सहने की क्षमता और निवेश की अवधि जैसी बातों को ध्यान में रखना चाहिए, न कि सिर्फ़ निवेश के रिटर्न पर.
क्योंकि ये अविश्वसनीय लगता है, इसलिए शायद ऐसा असलियत में हो भी.
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