DOMS Industries IPO: स्टेशनरी बनाने वाली अग्रणी कंपनी डोम्स इंडस्ट्रीज़ 13 दिसंबर 2023 को अपना IPO पेश करने जा रही है. अगर आप इसमें निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो हम यहां इस कंपनी की क्षमताओं, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं से जुड़ी डिटेल दे रहे हैं. इससे आपके लिए उसके इशू में निवेश से जुड़ा फैसला लेना आसान हो सकता है. जानिए 10 बड़ी बातें
IPO डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 1200 |
ऑफ़र फ़ॉर सेल (करोड़ ₹) | 850 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 350 |
प्राइस बैंड (₹) | 750-790 |
सब्सक्रिप्शन डेट | 13-15 दिसंबर 2023 |
इशू का उद्देश्य | एक नई मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों की कॉस्ट का वित्तपोषण |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 4794 |
नेटवर्थ (करोड़ ₹) | 772 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 75 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 50 |
प्राइस/ बुक रेशियो (P/B) | 6.2 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
प्रमुख आंकड़े | 2 साल की ग्रोथ (% सालाना) | FY23 | FY22 | FY21 |
---|---|---|---|---|
रेवेन्यू (करोड़ ₹) | 73.5 | 1212 | 684 | 403 |
EBIT (करोड़ ₹) | 220 | 146 | 32 | -5 |
PAT (करोड़ ₹) | 167.2 | 10 | 2 | -1 |
नेटवर्थ (करोड़ ₹) | 21.3 | 355 | 258 | 242 |
कुल कर्ज़ (करोड़ ₹) | 1.4 | 100 | 85 | 97 |
EBIT यानी अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट और टैक्स
PAT यानी प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का एवरेज (%) | FY23 | FY22 | FY21 |
---|---|---|---|---|
ROE (%) | 12.6 | 33.5 | 6.9 | -2.47 |
ROCE (%) | 14.6 | 33.3 | 10.04 | 0.4 |
EBIT मार्जिन (%) | 5.1 | 12 | 4.6 | -1.2 |
डेट टू इक्विटी | 0.3 | 0.3 | 0.3 | 0.4 |
ROE यानी रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE is return on capital employed |
1. क्वालिटी
इसका तीन साल का एवरेज ROE और ROCE क्रमशः लगभग 14 फ़ीसदी और 15 फ़ीसदी रहा है. पिछले तीन में से दो फ़ाइनेंशियल ईयर के दौरान कंपनी ने पॉजिटिव फ़्री कैश फ़्लो जेनरेट किया है.
2. ग्रोथ
पिछले तीन साल में, डोम्स इंडस्ट्रीज़ का रेवेन्यू और नेट प्रॉफ़िट, क्रमशः 23 और 42 फ़ीसदी की सालाना ग्रोथ रेट से बढ़ा है. इसके अलावा, पिछले दो फ़ाइनेंशियल ईयर में उसके EBIT और PAT मार्जिन तेज़ी से बढ़े हैं.
3. वैल्युएशन
स्टॉक की वैल्यू 50 गुना P/E और 6.2 गुना P/B आंकी गई है, जबकि उसकी जैसी दूसरी कंपनियों के लिए ये आंकड़ा औसतन, क्रमशः 30.5 और 4.7 गुना है.
ये भी पढ़िए- Regular Funds vs Direct Funds: क्या स्विच करना सही?
4. क्या करती है कंपनी
2006 में स्थापित DOMS इंडस्ट्रीज़ स्टेशनरी और आर्ट प्रोडक्ट बनाने वाली देश की अग्रणी कंपनियों में से एक है. इसका प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो ख़ासा बड़ा है. उसके प्रमुख प्रोडक्ट्स में पेंसिल और मैथमेटिकल इंस्ट्रुमेंट बॉक्स शामिल हैं.
एजुकेशन और साक्षरता पर सरकारी ख़र्च में बढ़ोतरी से कंपनी की ग्रोथ को रफ़्तार मिलने की संभावना है. हालांकि, ज़्यादा कॉम्पीटिशन वाली इंडस्ट्री होने से कंपनी के लिए चुनौती पैदा हो सकती हैं.
5. DOMS इंडस्ट्रीज़ की ताकत
-
ये फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 तक 12 फ़ीसदी मार्केट शेयर के साथ भारतीय स्टेशनरी और आर्ट मैटेरियल इंडस्ट्री में मार्केट लीडर है; इसका मार्केट शेयर पेंसिल में 29 फ़ीसदी और मैथमैटिकल इंस्ट्रुमेंट बॉक्स में 30 प्रतिशत है.
-
प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो ख़ासा बड़ा है. 30 सितंबर 2023 तक ये 3,800 से ज़्यादा विशेष प्रोडक्ट्स की पेशकश कर चुकी है.
- स्टेशनरी बनाने वाली दुनिया की कंपनी FILA के साथ इसकी रणनीतिक साझेदारी इसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंच प्रदान करती है और कंपनी को उभरते वैश्विक रुझानों का लाभ उठाने में सक्षम बनाती है.
6. DOMS की कमज़ोरियां
रेवेन्यू का केंद्रित होनाः इसके प्रमुख प्रोडक्ट्स में से एक लकड़ी की पेंसिल की FY23, FY22 और FY21 के उसके कुल रेवेन्यू में हिस्सेदारी क्रमशः 32, 34 और 37 फ़ीसदी रही. साफ़ है कि ज़्यादा कॉम्पीटिशन और कम डिमांड के रूप में इस सेक्शन में किसी भी तरह की मुश्किल का कंपनी पर ख़ासा असर होगा.
FILA पर निर्भरताः ये बिज़नस ऑपरेशन संचालन और R&D क्षमताओं के लिए FILA पर निर्भर है. इसलिए, अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के साथ इसके संबंधों में किसी भी तरह की गिरावट से इसके फ़ाइनेंशियल परफ़ॉर्मेंस पर असर पड़ेगा.
ये भी पढ़िए- बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड के लिए चेक करें हमारी स्टार रेटिंग
7. प्रॉफ़िट और MOAT
31 मार्च 2023 को समाप्त 12 महीने के दौरान कंपनी की टैक्स के पहले की कमाई टैक्स ₹139 करोड़ रही थी. हालांकि, कंपनी का MOAT ख़ासा भरोसमंद नहीं है, जिसे अपनी जैसी दूसरी कंपनियों की तरफ़ से तगड़े कॉम्पीटिशन का सामना करना पड़ता है.
8. मैनेजमेंट
IPO के बाद प्रमोटर्स की कंपनी में स्टेक लगभग 75 फ़ीसदी होगी. DOMS के शीर्ष स्तर के 3 मैनेजर्स को 15 साल से ज़्यादा का तजुर्बा है. इसके मैनेजमेंट के भरोसेमंद नहीं होने जैसी कोई जानकारी नहीं है, हालांकि, कंपनी कोकुयो कैमिलन (Kokuyo Camlin) के खिलाफ डिज़ाइन से जुड़ा केस लड़ रही है.
ख़ास बात ये है कि प्रमोटर्स ने अभी तक कोई शेयर गिरवी नहीं रखा है.
9. कंपनी पर क़र्ज़
सितंबर 2023 तक कंपनी का डेट टू इक्विटी रेशियो 0.3 था. कंपनी की इस इशू से मिली रकम को वर्किंग कैपिटल से जुड़ी ज़रूरतों पर इस्तेमाल करने की योजना है.
10. IPO से मिली पूंजी का क्या करेगी कंपनी
कंपनी इशू से मिली 80 फ़ीसदी रक़म को एक नई मैन्युफैक्चरिंग फ़ैसिलिटी की स्थापना में इस्तेमाल करेगी. इसके साथ ही, उसका मज़बूत कैश फ़्लो आगे की विस्तार गतिविधियों के लिए पर्याप्त होना चाहिए.
ये भी पढ़िए- म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कैसे करें? निवेश शुरू करने वालों के लिए इन्वेस्टमेंट गाइड