पुराने समय में क़िलों के चारों तरफ़ गहरी खाई होती थी. जो पानी से भरी होती थी. इसे 'Moat' यानी सुरक्षा खाई कहते हैं. ये सुरक्षा खाई क़िले को बाहरी हमलों से बचाती थी. इसी तरह से सफ़ल कंपनियां आर्थिक सुरक्षा खाई (economic moat) बनाती हैं. आसान शब्दों में कहें, तो आर्थिक सुरक्षा खाई का मतलब है, अपने प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त हासिल होना. प्रतियोगी कंपनियों से बचाव करने वाली ये सुरक्षा या तो क्वालिटेटिव हो सकती है या क्वांटिटेटिव. कुछ आम तरह की सुरक्षा हैं - टेक्नोलॉजी, पेटेंट्स, मापे न जा सकने वाली एसेट्स, कास्ट एडवांटेज, कस्टमर स्विचिंग कास्ट, नेटवर्क आदि.
सुरक्षा खाई को पहचानें कैसे
एक ही तरह की कंपनियों में जिनके पास किसी क़िस्म की बढ़त है उनमें कौन निवेश नहीं करना चाहेगा? इसीलिए में निवेशक हमेशा सुरक्षा खाई वाली कंपनियों की तलाश में रहते हैं.
अब सवाल है कि सुरक्षा खाई वाली कंपनियों को पहचाना कैसे जाए?
मार्निंगस्टार के पैट डॉर्से जैसे एक्सपर्ट मानते हैं कि ये सुरक्षा खाइयां आम तौर पर कंपनी के लंबे समय के फ़ाइनेंशियल में दिखती हैं. अपनी क़िताब, द फ़ाइव रूल्स फ़ॉर सक्सेज़फ़ुल स्टॉक इन्वेस्टिंग में उन्होंने, सुरक्षा खाई वाली कंपनियों की पहचान करने के लिए कुछ स्टैंडर्ड तय किए हैं.
क्वांटिटी के आधार पर मोट की पहचान
पैट डॉर्से के मुताब़िक इकोनॉमिक मोट्स वाली कंपनियों की पहचान के लिए क्वालिटेटिव और क्वांटिटेटिव दोनों फैक्टर देखने चाहिए.
उनका सुझाव है कि अगर एक कंपनी ने मज़बूत सुरक्षा खाई बनाई है, तो वो कम से कम 5 साल के लिए कुछ तय क्वांटिटेटिव स्टैंडर्ड को पूरा करेगी. और अगर कंपनी 10 साल तक अपने फ़ाइनेंशियल क्राइटेरिया को पूरा करती है, तो इसका मतलब है कि उसकी सुरक्षा खाई बहुत मज़बूत है.
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डॉर्से द्वारा तय किए स्टैंडर्ड नीचे दिए गए है:
- मार्केट कैप > 100 करोड़
- सेल्स द्वारा फ्री कैश फ्लो (FCF) > 5 प्रतिशत
- PAT मार्जिन>15 प्रतिशत
- ROE> 15 प्रतिशत
- रिटर्न ऑन एसेट्स (ROA) > 6 प्रतिशत
ऐसे में, हमने BSE कंपनियों को देखने का फ़ैसला किया है जो 10 साल के लिए इन स्टैंडर्ड को पूरा करती हैं और हमने पाया:
क्वालिटी के आधार पर सुरक्षा खाई की पहचान
क्वांटिटी के आधार पर स्क्रीनिंग एक अच्छा शुरुआती क़दम हो सकता है, वहीं सुरक्षा खाई वाली कंपनियों की पहचान करने में क्वालिटेटिव फ़ैक्टर्स पर भी ग़ौर किया जाना चाहिए.
इसके लिए भी डॉर्से ने कई तरह के क्वालिटेटिव मोट्स, फ़ैक्टर्स के बारे में लिखा है, जिनको मात्रा के आधार पर मापा नहीं जा सकता लेकिन ये कंपनियों को बढ़ने में मदद करते हैं.
- बेहतर प्रोडक्ट
ये अच्छी क्वालिटी की तकनीक या प्रोडक्ट की बात है. जिसके लिए उपभोक्ता अधिक रक़म का भुगतान करने के लिए तैयार रहते हैं.
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- मज़बूत ब्रांड
बेहतर प्रोडक्ट वाली कंपनियों को मार्केट में मज़बूत ब्रांड की ज़रूरत भी होती है. कस्टमर को बनाए रखने और रिपीट ऑर्डर के पीछे कस्टमर लॉयल्टी एक अहम फ़ैक्टर होता है.
- कम लागत
कम लागत वाले प्रोडक्ट कंपनी को एक अलग कतार में रखते हैं. इसकी वजह से प्रोडक्ट ग्राहकों के लिए काफ़ी आकर्षक हो जाते हैं.
- स्विच करने की ऊंची लागत
जब एक कस्टमर को किसी और कंपनी पर स्विच करने में ऊंची लागत वहन करनी पड़ती है तो इससे कंपनी को फ़ायदा होता है.
- नई कंपनियों की एंट्री मुश्किल
कुछ कंपनियां मार्केट में बहुत मज़बूत जगह बना लेती हैं. ऐसे में नई कंपनियों के लिए मार्केट में एट्री बहुत कठिन हो जाती है.
तो ये सुरक्षा खाई (moat) के लिए क्वालिटेटिव और क्वांटिटेटिव पहलू लेकिन जैसा कि डॉर्से का कहना है, ये स्टैंडर्ड सिर्फ़ सामान्य नियम हैं. इसलिए निवेश से पहले कंपनियों की दूसरे मानको पर जांच पड़ताल ज़रूरी है. मोट किसी कंपनी में निवेश से पहले देखे जाने वाले तमाम फ़ैक्टर्स में से एक फ़ैक्टर है.
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