वित्तीय तौर पर मजबूत कौन सी कंपनियों ने पिछले एक दशक में अपने शेयरधारकों को सबसे ज़्यादा कमाई कराई है?
ये एक सामान्य सा सवाल है जिस पर शेयर बाज़ार में निवेश करते समय हर कोई विचार करता है. इस सवाल का उत्तर देने के लिए हमने S&P BSE 500 में शामिल कंपनियों पर नीचे दिए गए फ़िल्टर लागू किए:
-
कम से कम 10 साल की ट्रेडिंग हिस्ट्री हो.
- 10 साल का मीडियन ROE 20 फ़ीसदी से ज़्यादा हो.
कुल 93 कंपनियां हमारे क्राइटीरिया पर ख़री उतरीं. उनमें से, पिछले दशक में अपने शेयरहोल्डर्स को अधिकतम रिटर्न देने वाली 10 कंपनियों का उल्लेख नीचे किया गया है.
दशक के 10 सबसे दमदार मल्टीबैगर
शेयरहोल्डर्स को सालाना आधार पर कम से कम 40% रिटर्न मिला
कंपनी | 10 साल की रेवेन्यू ग्रोथ (% सालाना) | 10 साल की PAT ग्रोथ (% सालाना) | 10 साल का मीडियन ROE(%) | 10 साल का स्टॉक रिटर्न (% सालाना) |
---|---|---|---|---|
APL अपोलो ट्यूब्स | 23.2 | 25.1 | 21.4 | 62 |
कैपलिन प्वाइंट लैबोरेटरीज | 27.7 | 39 | 40.1 | 57.7 |
HLE ग्लासकोट | 28.5 | 34.7 | 22.1 | 56.7 |
टाटा इलेक्सी | 17.6 | 42.2 | 37 | 54.4 |
एल्काइल एमाइन्स केमिकल्स | 16.5 | 25.2 | 25.4 | 53.4 |
बजाज फ़ाइनांस | 29.6 | 34.6 | 20 | 51.3 |
बालाजी एमाइंस | 16.5 | 29.3 | 24.2 | 50.8 |
KPR मिल | 14 | 23 | 20.7 | 47.7 |
सोनाटा सॉफ्टवेयर | 19 | 32 | 34.2 | 47.4 |
विनाती ऑर्गैनिक्स | 14.2 | 20.9 | 24.5 | 43 |
16 अक्टूबर, 2023 तक प्राइस रिटर्न |
ऊंचे मीडियन ROE से प्रॉफ़िटेबिलिटी और बेहतर कैपिटल एलोकेशन में दक्षता का पता चलता है. नतीजतन, इन कंपनियों की बीते 10 साल के दौरान सालाना PAT और रेवेन्यू ग्रोथ दहाई अंकों में रही है.
अब सवाल ये उठता है, अगर मान लिया जाए कि एक निवेशक ने 10 साल पहले इन कंपनियों को निवेश के अच्छे मौकों के रूप में पहचान की थी, तो क्या वे स्टॉक की वैल्यू में बढ़ोतरी की क्षमता का पूरी तरह से फ़ायदा उठाने के लिए बाज़ार के उतार-चढ़ाव के दौरान इसे बनाए रखेंगे?
साहस की परीक्षा
स्टॉक ऊपर जाते हैं, लेकिन नीचे भी जाते हैं. इसलिए, कम समय में बाजार में गिरावट आ सकती है, और क़ीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. निवेशकों के रुख में लगातार बदलाव के कारण बाजार की चाल को प्रभावित होती रहती है. यहां तक कि अच्छी से अच्छी कंपनियों को भी एक निश्चित अवधि में शेयर की कीमतों में भारी गिरावट का अनुभव होता है. इसी तरह, हमारी सूची की सभी कंपनियों के शेयर की कीमतों में भी समय-समय पर गिरावट देखी गई है.
क्या गिरावट का कर सकते हैं सामना?
एक साल के हाई की तुलना में अगले साल निचले स्तर तक गिरावट
कंपनी | शेयर में औसत गिरावट (%) | कितनी बार कम से कम 20% गिरा स्टॉक |
---|---|---|
APL अपोलो ट्यूब्स | -26.9 | 5 |
कैपलिन प्वाइंट लैबोरेटरीज | -40.7 | 9 |
HLE ग्लासकोट | -35.6 | 7 |
टाटा इलेक्सी | -31.9 | 5 |
एल्काइल एमाइन्स केमिकल्स | -26.2 | 6 |
बजाज फ़ाइनांस | -24.1 | 6 |
बालाजी एमाइंस | -41.6 | 9 |
KPR मिल | -30.4 | 7 |
सोनाटा सॉफ्टवेयर | -27.7 | 7 |
विनाती ऑर्गैनिक्स | -25.6 | 6 |
ये भी पढ़िए- जल्दी शुरुआत करना ही निवेश की सबसे अच्छी स्ट्रैटजी
उदाहरण के लिए, नीचे दी गई टेबल दर्शाती है कि पिछले दशक में इन 10 कंपनियों में से प्रत्येक के शेयरों में कितनी बार कम से कम 20 फ़ीसदी की गिरावट आई है. इस गिरावट की कैलकुलेशन किसी ख़ास साल में उच्चतम कीमत और अगले वर्ष की सबसे कम क़ीमत पर ग़ौर करके की जाती है.
सभी कंपनियों के शेयर मूल्य में औसतन 20 फ़ीसदी से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा, पिछले 10 साल में कई बार क़ीमत में कम से कम 20 फ़ीसदी की गिरावट आई है.ये कहना सही है कि इस तरह के उतार-चढ़ाव निवेश का अभिन्न अंग हैं.
किसी भी 10 साल में, ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जहां किसी कंपनी का बिज़नस मुश्किल दौर से गुजर रहा हो. नतीजतन, इसके शेयर की क़ीमत में गिरावट आई. ये ऐसे उदाहरण हैं जो एक निवेशक के रूप में आपके सब्र की परीक्षा लेते हैं. आप अपने शेयरों के साथ क्या करते हैं?
याद रखें- फंडामेंटल ही मायने रखते हैं
किसी कंपनी पर विचार करने और उसके ठोस बुनियादी सिद्धांतों को लेकर सुनिश्चित होने के बाद, आपको सब्र रखना चाहिए. जब आपके शेयर की क़ीमत गिरती है, तो आपको ये याद रखना होगा कि लंबे समय में फंडामेंटल ही मायने रखते हैं.
काफी हद तक, एक निवेशक के किसी कंपनी में निवेश बनाए रखने के प्रति दृढ़ विश्वास और सब्र से ही उससे मिलने वाला अंतिम रिटर्न निर्धारित होता है. इसीलिए, भले ही किसी निवेशक ने इन संभावित मल्टीबैगर्स को जल्दी ही खोज लिया हो, लेकिन अक्सर लोगों को जल्दी बाहर निकलने के कारण असाधारण रिटर्न नहीं मिलता.
ये भी पढ़िए- क़ारोबारियों के लिए क्या SIP से STP बेहतर है?