बड़े सवाल

फ़ंड की स्टार रेटिंग गिरने पर आप क्या करें?

वैल्यू रिसर्च रेटिंग उन कई मेट्रिक्स में से है जिस पर निवेश से पहले आपको सोचना चाहिए.

फ़ंड की स्टार रेटिंग गिरने पर आप क्या करें?

back back back
5:41

उस फ़िल्म को कौन देखना चाहेगा, जिसे IMDb पर 10 में से 5 की रेटिंग मिली हो?

इसी तरह वैल्यू रिसर्च पर ख़राब रेटिंग वाले म्यूचुअल फ़ंड्स की अगर आप अनदेखी करते हैं तो इसमें कुछ ग़लत नहीं है. (आप कह सकते हैं कि वैल्यू रिसर्च की रेटिंग वैसी ही है, जैसे IMDb की फिल्मों की रेटिंग)

हालांकि, तब और भी बुरा होता है जब ऐसा फ़ंड, जिसमें आपने निवेश किया है उसकी रेटिंग गिर जाती है. लगता है जैसे एक ख़राब फ़ंड चुन लिया. दिन ही ख़राब हो जाता है और निवेश से ही भरोसा उठने लगता है. मगर, इसके लिए आप तो दोषी नहीं हैं?

तो क्या इसका मतलब ये है कि आपको इस ख़राब प्रदर्शन करने वाले फ़ंड को छोड़ देना चाहिए और मुनाफ़ा कमाने का दूसरा विकल्प तलाशना चाहिए?

इस सवाल का जवाब देने से पहले, चलिए, आपको बताते हैं कि हम म्यूचुअल फ़ंड्स की रेटिंग कैसे करते हैं, और इनमें किए जाने वाले बदलावों की वजह क्या होती है.

स्टार सिस्टम

अगर आप हमारी वेबसाइट देखते हैं - या ग्रो और ET मनी जैसे लोकप्रिय फ़िनटेक पर जाते हैं - तो आप देखेंगे कि हर म्यूचुअल फ़ंड को पांच स्टार में से रेटिंग दी गई है. इन सभी प्लेटफ़ॉर्म पर दिखने वाली रेटिंग, हमारी ही दी हुई हैं.

इन फ़ंड्स को, अपने जैसे दूसरे फ़ंड्स के साथ रिस्क एडजस्टेड परफ़ॉरमेंस की तुलना करके स्टार दिए जाते हैं. मिसाल के तौर पर, एक 'डायरेक्ट' स्मॉल-कैप फ़ंड के रिटर्न की तुलना दूसरे 'डायरेक्ट' स्मॉल-कैप फ़ंड से की जाएगी.

इसलिए, अगर किसी फ़ंड का प्रदर्शन गिरता है, तो उसके स्टार भी कम हो जाते हैं. (इस लिहाज़ से हमारे नंबर तेज़ी से बदलते हैंं.)

ये भी पढ़िए- Mutual Funds के लिए डीमैट अकाउंट सही नहीं

रेटिंग में बदलाव आपकी सोच से कहीं ज़्यादा तेज़ होता है. उदाहरण के लिए, एक्सिस मिड-कैप फ़ंड और SBI स्मॉल-कैप फ़ंड जैसे चर्चित फ़ंड को लेते हैं. पिछले 12 और 06 महीनों में उनके स्टार, क्रमशः 5 से 3 और 4 से 3 हो गए.

अब, आइए उस सवाल का जवाब दें जिसके लिए आप यहां आए हैं.

उन फ़ंड्स का क्या करें जिनकी रेटिंग गिर जाए?

दिलचस्प ये है कि टॉप फ़ंड्स भी रेटिंग के मामले में उतार-चढ़ाव से अछूते नहीं रहते हैं. पिछले 10 साल के दौरान, कई अच्छा परफ़ॉरमेंस करने वाले फ़ंड्स को कुछ वक़्त के लिए तीन स्टार से नीचे जाते देखना भी असामान्य नहीं है. इस तरह की अस्थायी गिरावट, म्यूचुअल फ़ंड मार्केट का हिस्सा है - ठीक वैसे ही, जैसे कई बार एक A-लिस्ट फिल्म निर्देशक कुछ भूलने लायक़ फिल्में बना देता है.

यहां तक कि HDFC मिड-कैप अपॉर्च्युनिटीज फ़ंड के डायरेक्ट प्लान की रेटिंग 2019 में 4 स्टार से घटकर 3 रह गई और 2023 में 4 स्टार तक पहुंचने से पहले 4 साल तक वहीं रही. ये AUM के मामले में एक बड़ी कंपनी है.

इस बदलाव से पता चलता है कि रेटिंग में गिरावट से किसी फ़ंड की स्थायी क्वालिटी या संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ता है.

असल में, यहां तक ​​कि सबसे अच्छे म्यूचुअल फ़ंड भी तेज़ ग्रोथ दर्ज कर सकते हैं, और बिना सोचे-समझे जल्दबाज़ी में दी गई प्रतिक्रिया से आपको पछतावा हो सकता है.

इसके बजाय, बाज़ार के संदर्भ को समझना ज़रूरी है. एक फ़ंड कई कारणों से ख़राब प्रदर्शन कर सकता है. हो सकता है कि उनके निवेश का स्टाइल कुछ समय के लिए चलन से बाहर हो गया हो या उसके निवेश वाले स्टॉक बहुत ज़्यादा मुश्किलों से जूझ रहे हों. वहीं, कम समय की उछाल के कई कारण होते हैं.

इसलिए, केवल रेटिंग में बदलाव के आधार पर फ़ैसले लेना जल्दबाज़ी हो सकती है. धीरज रखना अक्सर ज़्यादा समझदारी भरा नज़रिया होता है.

ये भी पढ़िए- मनी मैनेजमेंट: आपके निवेश को बढ़ाने के 7 मंत्र

आपको क्या करना चाहिए

फ़ंड कितने साल पहले शुरू हुआ था, इसके बारे में सोचें.

तुलनात्मक रूप से एक नया फ़ंड, जो अगर चार या पांच साल पुराना हो, और जिसकी रेटिंग में तेज़ी से गिरावट आ रही हो, उस पर बारीक़ी से निगरानी की ज़रूरत हो सकती है.

अगर ऐसे फ़ंड में बड़ी गिरावट आती है, तो अगले तीन से छह महीने में अपने निवेश का दोबारा आकलन करने के बारे में सोचना चाहिए.

15-20 साल के मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड वाले फ़ंड्स के लिए कुछ रियायत रखनी चाहिए.

अगर किसी तरह की चिंता का संकेत नहीं है और फ़ंड ने अतीत में लगातार अच्छा परफ़ॉरमेंस किया है, तो रेटिंग में गिरावट से उबरने के लिए एक या दो साल का समय देना चाहिए.

जैसा कि कहा गया है, फ़ंड के परफ़ॉरमेंस पर नज़र रखें, क्योंकि ये फ़ंड, मैनेजर में बदलाव, फ़ंड साइज़ के तेज़ी से बढ़ने, या इनफ़्लो में अचानक उछाल से प्रभावित हो सकता है. दरअसल, ये चिंता करने वाली बातें हैं.

आख़िरी लेकिन अहम बात

वैल्यू रिसर्च रेटिंग उन बहुत से मीट्रिक्स में से एक है जिसके बारे में निवेश से पहले सोचना चाहिए. मगर असल में, ये तो एक ट्रेलर है, पूरी फिल्म नहीं.

धनक प्रीमियम में एंटर करें.

यहां, हमारे पास एनेलिस्ट की पसंद नाम का सेक्शन है. जहां, हम न केवल मात्रात्मक डेटा (quantitative data) देखते हैं, बल्कि क्वालिटी से जुड़े पहलुओं को भी ध्यान में रखते हैं. अनुभवी एनेलिस्ट्स की हमारी टीम आपके लिए सबसे सही फ़ंड की पहचान करती है. इसलिए, 'बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड' (Best Mutual Funds) की हमारी पहले से तैयार लिस्ट पाने के लिए आप हमारी प्रीमियम सर्विस की सदस्यता लेने के बारे में ज़रूर सोचें.

ये भी पढ़िए- फ़्लेक्‍सी-कैप बनाम मल्‍टी-कैप: आपके लिए क्या है बेहतर


टॉप पिक

उतार-चढ़ाव वाले मार्केट के लिए बेहतरीन म्यूचुअल फ़ंड

पढ़ने का समय 3 मिनटPranit Mathur

म्यूचुअल फ़ंड पोर्टफ़ोलियो को कैसे गिरावट से सुरक्षित करें?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

वैल्यू रिसर्च एक्सक्लूसिव: मल्टी-कैप फ़ंड्स पर हमारी पहली रेटिंग जारी!

पढ़ने का समय 4 मिनटआशीष मेनन

चार्ली मंगर की असली पूंजी

पढ़ने का समय 5 मिनटधीरेंद्र कुमार

लंबे समय के निवेश के लिए म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें?

पढ़ने का समय 2 मिनटरिसर्च डेस्क

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

AI तो है, पर AI नहीं

ऑटोमेटेड, मशीन से मिलने वाली फ़ाइनेंस पर सलाह कैसी होनी चाहिए.

दूसरी कैटेगरी