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Tobias Carlisle के साथ वैल्यू इन्वेस्टिंग को गहराई से समझें

जानिए कि क्यों ये जाना-माना वैल्यू इन्वेस्टर, बफ़े के मंत्र को फ़ॉलो नहीं कर रहा है.

Tobias Carlisle के साथ वैल्यू इन्वेस्टिंग को गहराई से समझें

Tobias Carlisle: टोबियस कार्लाइल निवेश के क्वांटिटेटिव (quantitative) यानी डेटा संबंधी पहलुओं पर जोर देने वाले एक जाने माने वैल्यू इन्वेस्टर हैं. उन्होंने क्वांटिटेटिव वैल्यू (Quantitative Value), डीप वैल्यू (Deep Value), कंसन्ट्रेटेड इन्वेस्टिंग (Concentrated Investing) और द एक्वायरर्स मल्टीपल (The Acquirer's Multiple) जैसी कई क़िताबें लिखी हैं.

मिलेनियल इन्वेस्टिंग (Millennial Investing) के साथ एक पॉडकास्ट में, उन्होंने एक अलग संदर्भ में वॉरेन बफ़े (Warren Buffett) की वैल्यू इन्वेस्टिंग स्टाइल और अपनी एक्वायरर्स मल्टीपल स्ट्रैटजी की तुलना की.

वॉरेन बफे़ के तरीक़े में ख़ामी

कार्लाइल ने बफे़ की ‘निवेश की गई पूंजी (ROIC) पर ऊंचे रिटर्न के साथ अपनी आंतरिक वैल्यू (intrinsic value) से नीचे ट्रेड करने वाली कंपनियों को चुनने’ की निवेश स्ट्रैटजी पर ग़ौर करने के साथ चर्चा शुरुआत की. उन्होंने कहा कि “बफ़े जिस चीज़ की तलाश करते हैं, वो एक ऐसी कंपनी है जो समय के साथ-साथ बढ़ती है. जिसमें आपको आंतरिक वैल्यू में सुधार देखने को मिलता है; साथ ही, आपने जो क़ीमत चुकाई है, उसकी और आंतरिक वैल्यू के बीच छूट मिलने की उम्मीद करते हैं.”

कार्लाइल बफ़े के इस तरीक़े में एक ग़लती की ओर इशारा करते हैं. वो कहते हैं कि मार्केट कुशलता के साथ ऐसी कंपनियों की पहचान करता है. इसलिए, इन्वेस्टर्स अक्सर इनके लिए ऊंची क़ीमत चुकाते हैं. हालांकि, ऐसा करना तभी फ़ायदेमंद होगा, जब कंपनियां अपना ROIC (return on invested capital) क़ायम रख सकें. साथ ही, कार्लाइल का कहना है कि लंबे समय में इस तरह के ऊंचे रिटर्न, अक्सर इंडस्ट्री एवरेज पर वापस लौट आते हैं. और निवेशक पूंजी पर प्रीमियम रिटर्न के लिए जो भुगतान करते हैं, वो लंबे समय में ग़ायब हो जाता है. इसके चलते, निवेशक अक्सर कम रिटर्न कमाते हैं.

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एक संभावित समाधान

इसके लिए कार्लाइल ने एक समाधान सुझाया है. बिज़नस कितना अच्छा है, उससे ज़्यादा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम कितना भुगतान कर रहे हैं. उनके शब्दों में, “अगर हमारे पास ये अंदाज़ा लगाने की क्षमता नहीं है कि फ़्यूचर कैसा होने जा रहा है, तो जो तरीक़ा मैं बता रहा हूं, उससे ही आप अपनी पूंजी की सुरक्षा कर सकते हैं. वो तरीक़ा है कि जितना संभव हो, उतना कम भुगतान कीजिए और उसे छेड़ने की कोशिश मत कीजिए जो वास्तव में बेहतर बिज़नस हैं.” इस बात से, उनका ये मतलब नहीं कि निवेशकों को ख़राब कंपनियों के स्टॉक ख़रीदने चाहिए, बल्कि ये कि उन बिज़नस को मौका देना चाहिए जो अच्छी क़ीमतों पर उपलब्ध हों.

कार्लाइल कहते हैं, “अक्सर सबसे अच्छे निवेश के मौके वो नहीं होते, जिनमें इक्विटी पर असाधारण रिटर्न मिलता है. ये केवल वो होते हैं, जो औसत से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करते हैं.” इस तरह, आपको तुलनात्मक रूप से कम क़ीमत चुकाते हुए औसत से बेहतर रिटर्न मिलता है.

एक्वायरर्स मल्टीपल

कार्लाइल ने कहा कि उनका मूल्य के प्रति पूर्वाग्रह है, क्योंकि उनके अनुभव में शुद्ध वैल्यू पोर्टफ़ोलियो ने लगातार अच्छी गुणवत्ता वाले पोर्टफ़ोलियो से बेहतर प्रदर्शन किया है. इसने, उन्हें एक्वायरर्स मल्टीपल विकसित करने में मदद की, जिसका कैलकुलेशन एंटरप्राइज़ वैल्यू (EV) को ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (EV/EBIT) से विभाजित करके किया जाता है.

एक्वायरर्स मल्टीपल के फ़ायदे

एक्वायरर के मल्टीपल को P/E रेशियो के एक संशोधित वर्जन के रूप में देखा जा सकता है, जिसका कैलकुलेशन, कंपनी की मार्केट कैप को उसके नेट प्रॉफ़िट से विभाजित करके किया जाता है. ये ध्यान रखना चाहिए कि मार्केट कैप में किसी कंपनी की क़र्ज़ देनदारियों को शामिल नहीं किया जाता. इसी तरह, नेट प्रॉफ़िट पूरी तरह से इस बात पर निर्भर नहीं है कि कंपनी अपने मुख्य ऑपरेशन से कितनी कमाई करती है क्योंकि इसमें निवेश से हासिल इनकम पर विचार किया जाता है. मार्केट कैप को एंटरप्राइज़ वैल्यू (enterprise value) के साथ बदलने से निवेशक को कंपनी की देनदारियों का आकलन करने में मदद मिलती है. इसी तरह, ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (EBIT; ब्याज और करों से पहले की कमाई) से इस बात का बेहतर अनुमान लगता है कि कंपनी अपने मुख्य ऑपरेशन से कितना पैसा कमाती है.

कार्लाइल अपने निवेश तक पहुंचने के लिए प्राइमरी स्क्रीनर के रूप में एक्वायरर्स मल्टीपल का इस्तेमाल करते हैं, जहां वह क्वालिटी फ़ैक्टर्स जोड़ते हैं.

डाइवर्सिफ़िकेशन और बहुत कुछ…

उन्होंने बहुत डाइवर्सिफ़िकेशन के ख़िलाफ़ सलाह दी और कहा कि एक निवेशक के लिए 20-30 स्टॉक पर्याप्त होने चाहिए.

ये पॉडकास्ट, निवेश संबंधी सबक़ का खजाना है. हम आपको पूरा पॉडकास्ट सुनने की सलाह देते हैं. भले ही, हर दिलचस्प जानकारी को इस लेख में शामिल करना संभव नहीं है, लेकिन कार्लाइल की निवेश की फ़िलॉसफ़ी का उल्लेख नीचे दिए गए एक वाक्य के ज़रिये किया जा सकता है.

“आपको जितना ज़्यादा कैश फ़्लो मिलेगा, आप जितनी कम क़ीमत चुकाएंगे, आपको उतना ही बेहतर रिटर्न मिलेगा.”

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