Direct plans: डायरेक्ट प्लान शुरू हुए क़रीब एक दशक से ज़्यादा हो गए हैं. 10 साल पहले, हमने अपने रीडर्स के सवालों के जवाब में बताया था कि डायरेक्ट प्लान उनकी बचत को कैसे प्रभावित कर सकते हैं . 10 साल बाद, निवेशक और पाठकों के पास इनकी काफ़ी जानकारी मौजूद हैं.
फिर भी, डाइवर्सिफ़ाइड इक्विटी फ़ंड्स के एसेट्स में रेगुलर स्कीम की 76 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. क्या ये परिदृश्य बदलना चाहिए? क्या डायरेक्ट प्लान की वकालत करना सही है? आइये देखते हैं.
एक्सपेंस रेशियो
Expense ratio: ये पहली बात है जिस पर ध्यान देना चाहिए. औसतन, आपके डायरेक्ट प्लान का ख़र्च,
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के मामले में 1 फ़ीसदी कम होता है. भले ही ये एक छोटा अमाउंट लगे, लेकिन लॉन्ग टर्म में 1 फ़ीसदी का कंपाउंड एक बड़ा अंतर ला सकता है.
टैक्स के लिहाज़ से असर
यह दूसरा बड़ा फ़ैक्टर है जिसके कारण कभी-कभी निवेशक स्विच करने में झिझकते हैं. इसलिए, हमने स्विच करने के फ़ायदों का पता लगाने और कुछ नहीं करने और रेग्युलर प्लान के साथ बने रहने के नुक़सान का आकलन करने का भी फ़ैसला लिया.
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अगर यही एकमात्र चीज़ आपको स्विच करने से रोक रही है तो आइए आपको दिखाते हैं कि आप अपना टैक्स कैसे मैनेज करेंगे. याद रखिए,
- आप पर केवल हर साल ₹1 लाख से अतिरिक्त लॉन्ग टर्म गेन पर टैक्स लगेगा. तो, आप आसानी से कुछ सालों में स्विचिंग को बढ़ा सकते हैं और हर फ़ाइनेंशियल ईयर में प्रॉफ़िट को ₹1 लाख तक लिमिटेड कर सकते हैं.
- अब अगर आपके पास एक बड़ा पोर्टफ़ोलियो है, तो मान लीजिए कि आप 10 साल से ज़्यादा समय से निवेश कर रहे हैं और स्विच को टैक्स-फ़्री बनाने में कई साल लग सकते हैं. ऐसे में, हमारा सुझाव है कि आप टैक्स का झटका सहन करें और आगे बढ़ें. हम आपको आंकड़े भी दिखाएंगे, जिससे पता चलेगा कि टैक्स की मार से उबरने में कितना समय लगेगा.
- सबसे ज़रूरी बात यह है कि ग्रैंडफादरिंग क्लॉज़ (grandfathering clause) को न भूलें, जिसमें 31 जनवरी, 2018 तक का आपका प्रॉफ़िट टैक्स-फ़्री है.
स्विचिंग की पावर: लंबे समय में बेहतर नतीजे
अब जब आप स्विचिंग के दो बड़े फ़ैक्टर - 1 फ़ीसदी और टैक्स के बारे में समझ गए हैं, तो आइए कुछ आंकड़ों पर विचार करते हैं.
मान लीजिए कि आपने 1 अगस्त, 2013 को HDFC फ़्लेक्सी कैप फ़ंड के रेग्युलर प्लान में ₹1 लाख का निवेश किया था और 10 साल बाद यानी 31 जुलाई, 2023 को आपने डायरेक्ट प्लान में स्विच कर लिया.
डायरेक्ट प्लान | रेग्युलर प्लान | |
---|---|---|
निवेश की वैल्यू (31 जुलाई, 2023) | ₹5.22 लाख | ₹5.22 लाख |
डायरेक्ट प्लान में स्विच करने पर टैक्स-लायबिलिटी | ₹0.15 लाख | - |
स्विच करने के बाद निवेश की वैल्यू | ₹5.07 लाख | ₹5.22 लाख |
रिटर्न (% प्रति वर्ष) | 18.8 | 18 |
10 साल बाद निवेश की वैल्यू | ₹28.46 लाख | ₹27.28 लाख |
20 साल बाद निवेश की वैल्यू | ₹159.77 लाख | ₹142.46 लाख |
नोट: माना गया रिटर्न 1 अगस्त, 2013 से 31 जुलाई, 2023 के पीरियड के लिए HDFC फ़्लेक्सी कैप फ़ंड का 10 साल का रिटर्न है. टैक्स लायबिलिटी निकालने करने में ग्रैंडफादरिंग क्लॉज़ के प्रभाव पर विचार किया गया है. |
इस तरह से आप चार साल में ही ब्रेक ईवन कर गए. ये देखते हुए कि शुरुआती निवेश ₹10 लाख था, हमने भी यही नंबर लिए. ऐसे में, ब्रेक ईवन होने में सात साल से कम समय लगेगा.
इससे साफ़ पता चलता है कि आने वाले समय में 1 फ़ीसदी से कितना फ़र्क़ पड़ सकता है. हालांकि, अगर मान लें कि शुरुआती निवेश ₹10 लाख था तो 20 साल के बाद का अंतर लगभग ₹1.45 करोड़ होगा. यानी अमीर बनने के लिए आपको बस इतना करना है कि अपने निवेश पर समझदारी से कंट्रोल रखें.
तो आप किस बात का इंतज़ार कर रहे हैं? आगे बढ़ें, और स्विच करें!
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