ITR Filing: “मुझे तो टैक्स सीज़न बहुत पसंद है!” शायद ही किसी ने ये बात कही हो. लेकिन जो आप चाहते हैं वो हमेशा आपको मिले, ऐसा ज़रूरी भी नहीं. और टैक्स चुकाना भी कुछ ऐसी ही बात है. और कहा भी तो जाता है कि ये उन सभी ज़िम्मेदार नागरिकों की ड्यूटी है जो एक मज़बूत राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं.
अब हम अपने पढ़ने वालों को टैक्स से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब दे रहे हैं, जिनसे उन्हें रिटर्न फ़ाइल करने में मदद मिलेगी और हर साल अकाउंटैंट को दिया जाने वाला पैसा भी बचेगा.
सबसे पहले जानिए, इस साल 31 जुलाई तक किन लोगों को ITR यानी income tax returns फ़ाइल करने की ज़रूरत है
अगर आपकी इनकम बिना किसी डिडक्शन के लिए एग्ज़मशन की सबसे निचली सीमा से ज़्यादा है, तो आपके लिए ITR फ़ाइल करना अहम है.
यदि पहली लाइन आपको फ़िजूल लगी, तो एक और तरीक़े से पढ़िए. आपको यहां बताया गया है कि बाद में पेनल्टी और गंभीर परिणामों से बचने के लिए किसे अपना ITR दाखिल करना चाहिए.
ओल्ड टैक्स रिज़ीम
अगर आपकी उम्र है... | कुल ग्रॉस इनकम है | क्या आपको ITR फ़ाइल करने की ज़रूरत है? |
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60 वर्ष से कम | ₹2.5 लाख प्रति वर्ष | हां |
60-80 वर्ष | ₹3 लाख प्रति वर्ष | हां |
80 वर्ष से ज़्यादा | ₹5 लाख प्रति वर्ष | हां |
न्यू टैक्स रिज़ीम
अगर इससे ज़्यादा है ग्रॉस इनकम | क्या आपको ITR फ़ाइल करने की ज़रूरत है? | |
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उम्र का बेनिफ़िट नहीं | ₹3 लाख | हां |
ध्यान रखिए, भले ही आपकी कुल इनकम टैक्स की सीमा से कम हो, लेकिन कुछ मामलों में आपके लिए टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना ज़रूरी होता है. इनमें से कुछ मामले इस तरह हैं:
- अगर आपने विदेश में यात्रा के दौरान ₹2 लाख से ज़्यादा रकम ख़र्च की हो
- अगर आपने एक साल में ₹1 लाख से ज़्यादा का बिजली का बिल जमा किया हो
- अगर आपने अपने एक या ज़्यादा बैंक खातों में ₹1 करोड़ से ज़्यादा पैसा जमा किया हो
- अगर आपकी कमाई विदेश से हुई हो
- अगर आप अपने बैंक खाते में ₹10 लाख से ज़्यादा जमा करते हैं
- अगर आप टैक्स रिफ़ंड क्लेम करना चाहते हैं
- अगर आप निवेश पर हुए लॉस को अगले फ़ाइनेंशियल ईयर के लिए कैरी फ़ॉरवर्ड करना चाहते हैं
ध्यान रखिए, ऐसे क़ारोबारियों और पेशेवरों जिनका टर्नओवर या कुल रिसीट, क्रमशः ₹1 करोड़ और ₹50 लाख से ज़्यादा हों, तो उन्हें 31 जुलाई तक ITR फ़ाइल करने की ज़रूरत नहीं. उनके लिए 31 अक्टूबर की डेडलाइन है.
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आपको कौन सा ITR फ़ॉर्म भरना चाहिए?
ITR-1 SAHAJ फ़ाइल कीजिए, अगर…
- अगर आप सालाना ₹50 लाख तक इनकम के साथ भारतीय नागरिक हैं
- आपको सैलरी, पेंशन, एक मकान या ब्याज, डिविडेंड आदि दूसरे सोर्सेज से इनकम होती है
- आपको खेती से ₹5,000 तक की इनकम होती है
हालांकि, NRIs के द्वारा ITR-1 फ़ॉर्म नहीं भरा जा सकता.
ITR-2 फ़ॉर्म फ़ाइल कीजिए, अगर…
- आप और आपके HUF (Hindu Undivided Family) को बिज़नेस या प्रोफ़ेशन को होने वाले प्रॉफ़िट से कोई इनकम नहीं होती
- अगर आपकी इनकम ₹50 लाख से ज़्यादा है
- आप सैलरी पाते हैं, एक NRI हैं, अपने इक्विटी इन्वेस्टमेंट (capital gains) या रियल एस्टेट प्रॉपर्टी को बेचने से फ़ायदा हुआ है
- आपको किसी विदेशी सोर्स से कमाई हो रही है
- आप एक से ज़्यादा हाउस प्रॉपर्टी (भारत और विदेश दोनों) से कमाई कर रहे हैं
- आप एक कंपनी में निदेशक हैं
- आप अनलिस्टेड शेयरों में ट्रेड करते हैं
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ITR-3 फॉर्म भरें, अगर…
- आपको ITR-2 फॉर्म से जुड़ी हर तरह की इनकम होती है
- आप और आपके HUF को बिज़नस या प्रोफ़ेशन से प्रॉफ़िट/ कमाई होती है
- आप सैलरी पाने वाले शख्स हैं और आपको फ़्यूचर एंड ऑप्शंस (futures and options) ट्रेडिंग के ज़रिये कमाई होती है
- अगर आप किसी कंपनी में पार्टनर हैं
ITR-4 फॉर्म भरें, अगर…
- आपको ITR-1 में बताई गईं हर तरह की इनकम होती हैं.
- आप, आपके HUF या आपकी कंपनी (अगर ये LLP न हो) की सालाना इनकम ₹50 लाख तक हो
- बिज़नस और प्रोफ़ेशन से होने वाली आपकी इनकम सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत टैक्स के दायरे में आती है
कुछ और फ़ॉर्म भी हैं, लेकिन वो बिज़नस, चैरिटेबिल ट्रस्ट, कॉलेज, न्यूज़ एजेंसी पर ज़्यादा लागू होते हैं. यानी, आम व्यक्ति पर लागू नहीं होते हैं.
अगर आप ग़लत डिटेल के साथ ITR फ़ाइल करते हैं तो क्या होगा? क्या आप इसे रिवाइज़ कर सकते हैं?
खुशकिस्मती से आप ऐसा कर सकते हैं.
स्टेप 1: इनकम टैक्स पोर्टल (income tax portal) पर लॉग-इन करें
स्टेप 2: डैशबोर्ड को देखिए
स्टेप 3: ‘फ़ाइल रिवाइज्ड रिटर्न’ पर क्लिक करें
मैं कब तक ITR फाइलिंग से जुड़े बदलावों को रिवाइज़ कर सकता हूं?
अगर आपको अपनी ग़लती पता चल गई है तो आपको जल्द से जल्द बदलाव करने चाहिए.
हालांकि, क़ानून आपको 31 दिसंबर तक या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक्सेस करने से पहले सभी बदलाव करने का समय देता है. उदाहरण के लिए, अगर टैक्स डिपार्टमेंट अक्टूबर में आपके फॉर्म को रिव्यू करता है, तो इसके बाद आपको रिवीज़न करने का मौका नहीं मिलेगा.
साथ ही, आप कितनी भी बार ITR को रिवाइज़ कर सकते हैं, लेकिन ये पक्का करें कि ऐसा डेडलाइन के बाद नहीं हो.
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अगर आप ITR फ़ाइलिंग की 31 जुलाई की डेडलाइन से चूक गए?
अगर आप 31 जुलाई की डेडलाइन से चूक जाते हैं, लेकिन 31 दिसंबर तक फ़ाइल कर देते हैं तो आप को पेनल्टी देनी होगी.
अगर इनकम ₹5 लाख से ज़्यादा है | पेनल्टी: ₹5,000 |
अगर इनकम ₹5 लाख से कम | पेनल्टी: ₹1,000 |
इसके अलावा, आपको टैक्स की रक़म पर हर महीने 1 फ़ीसदी ब्याज देना होगा.
उदाहरण के लिए, अगर आप पर ₹10,000 का टैक्स बनता है और आप इसे समय पर जमा नहीं करते हैं तो आप पर ₹100 प्रति महीने पेनल्टी लगती जाएगी.
साथ ही, 31 दिसंबर तक ITR फ़ाइल करने में फ़ेल रहने वालों को जेल सहित गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
जेल जाने से बचने के अलावा, क्या टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने के दूसरे बेनिफ़िट भी हैं?
आइए, ऐसे कुछ फ़ायदों पर ग़ौर करते हैंः
- टैक्स रिफ़ंड. दूसरे शब्दों में, अगर आपने ज़रूरत से ज़्यादा टैक्स दे दिया है तो आपको सरकार से कुछ पैसा वापस मिल सकता है.
- वीज़ा प्रोसेसिंग में तेज़ी आएगी.
- आसानी से मिलेगा लोन.
- भविष्य में निवेश में होने वाले लॉस की भरपाई हो सकेगी. इस तरह आप भविष्य में अपनी कैपिटल गेन टैक्स (capital gain tax) की लायबिलिटी कम कर सकते हैं.