Small cap funds: स्मॉल-कैप फ़ंड्स के बारे में ये मानना काफ़ी मुश्किल है कि वो अभाव की समस्या से जूझ रहे हैं. ये बात हैरत में डालने वाली है कि म्यूचुअल फ़ंड (mutual funds) की इस कैटेगरी को पिछले 12 महीने में सबसे ज़्यादा निवेश (₹24,000 करोड़) मिला है, म्यूचुअल फ़ंड की इस कैटेगरी ने पिछले 10 साल में सबसे ज़्यादा रिटर्न दिया है. इस कैटेगरी को पिछले हफ़्ते भारतीय बाज़ारों के ऑल-टाइम-हाई पर पहुंचने का ख़ासा फ़ायदा मिला. तो आइए, स्मॉल-कैप फ़ंड्स की इस समस्या को समझते हैं.
विजेता की मुसीबत
नाम से ही पता चलता है, स्मॉल-कैप फ़ंड मुख्य रूप से स्मॉल-कैप स्टॉक्स (small cap stocks) में निवेश करते हैं. लेकिन एक अच्छा स्मॉल कैप स्टॉक खोजना भूसे के ढेर में सुई खोजने जैसा है.
भले ही म्यूचुअल फ़ंड को अच्छे स्मॉल-कैप स्टॉक मिल जाएं, लेकिन उनमें एक सीमा तक ही निवेश किया जा सकता है. दरअसल, म्यूचुअल फ़ंड किसी शेयर में जितना पैसा निवेश करते हैं, उस शेयर के दाम और उसका वैलुएशन उतना ही बढ़ जाता है. यही वजह है जिसके कारण म्यूचुअल फ़ंड किसी दूसरे 'अच्छे' शेयर में ख़रीदारी को मजबूर हो जाते हैं.
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निवेशक म्यूचुअल फ़ंड्स (mutual funds) में बड़े पैमाने पर पैसा लगा रहे हैं और इससे म्यूचुअल फ़ंड्स पर 'अच्छे' स्टॉक खोजने का दबाव बढ़ रहा है. दिलचस्प है कि ऐसे स्टॉक खोजना मुश्किल होता जा रहा है जिनमें अच्छा रिटर्न देने का माद्दा हो.
दुकान बंद, मुंह पर ताला
इसी को ध्यान में रखते हुए टाटा म्यूचुअल फ़ंड (Tata Mutual Fund) सख़्त फैसला लेने वाला पहला फ़ंड हाउस हो गया है. उसने पहली जुलाई से टाटा स्मॉल कैप फ़ंड (Tata Small Cap Fund) के लिए एकमुश्त निवेश को अस्थायी रूप से रोक दिया है. ये रोक सभी नए इन्वेस्टर्स और नई एप्लीकेशन पर है. (हालांकि, मौजूदा SIP और STP फ़िलहाल जारी रहेगी).
एक बेहद लोकप्रिय स्मॉल-कैप फ़ंड के एक चर्चित फ़ंड मैनेजर ने स्मॉल-कैप कैटेगरी के इन्वेस्टमेंट फ़्लो को लेकर आगाह किया है. नाम नहीं छापने की शर्त पर इस फंड मैनेजर ने कहा, "बीते साल स्मॉल-कैप फ़ंड्स के इनफ़्लो देखें, तो ये काफ़ी ज़्यादा रहा. अब हमारी नज़र में कई स्टॉक्स का वैलुएशन काफ़ी ज़्यादा हो गया है. ऐसी हालत में, हम आगे बढ़कर पैसे नहीं लगा सकते. स्मॉल-कैप सेगमेंट में, स्टॉक्स की ऊंची वैलुएशन के चलते हम समझ नहीं पा रहे हैं कि निवेश कहां किया जाए."
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आपको क्या करना चाहिए
अगर आप SIP के ज़रिये स्मॉल-कैप के लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो हम आपको अपने निवेश को बनाए रखने की सलाह देते हैं.
अगर आपकी स्मॉल-कैप फ़ंड में एकमुश्त निवेश की योजना है, तो हम आपको सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. स्मॉल-कैप फ़ंड के पिछले प्रदर्शन (नीचे दिया ग्राफ़ देखें) पर ग़ौर करें, तो आप देख सकते हैं कि कमज़ोर प्रदर्शन के आंकड़े आकर्षक रिटर्न से ज़्यादा पीछे नहीं हैं.
आखिर में हम यही कहेंगे, मान लीजिए कि आपके लिए अपने जोश को थामना मुश्किल हो रहा है और साथी इन्वेस्टर्स को स्मॉल-कैप फ़ंड्स में ज़्यादा से ज़्यादा पैसा लगाते देख दुखी हैं, तो हम आपको दुनिया के दिग्गज इन्वेस्टर वॉरेन बफ़े (Warren Buffett) की कही बात याद दिलाते हैं, "जब समंदर का उफ़ान कम हो जाता है तभी आपको पता चलता है कि कौन बिना कपड़ों के तैर रहा था."
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