मोमेंटम म्यूचुअल फ़ंड ज़रा नई कैटेगरी है. किसी भी नई चीज़ की तरह ये भी आकर्षक लगते हैं. मोमेंटम इन्वेस्टिंग एक ऐसी स्ट्रैटजी है जिसमें ऊंचे दाम पर ख़रीद कर और ज़्यादा ऊंचे दाम पर बेचने पर फ़ोकस किया जाता है. निवेशक ऐसे स्टॉक्स ख़रीदना चाहते हैं, जो लगातार बढ़ते रहें और इससे पहले कि स्टॉक ख़राब प्रदर्शन शुरू करे, उसे बेच देना होता है.
2021 और 2022 के शुरुआती कुछ महीनों में इक्विटी मार्केट में आए उछाल ने म्यूचुअल फ़ंड हाउस को मोमेंटम इन्वेस्टिंग (Momentum Investing) पर दांव लगाने के लिए प्रेरित किया. इसका नतीजा हुआ कि 2022 से अब तक अलग-अलग फ़ंड हाउस 11 मोमेंटम फ़ंड लॉन्च कर चुके हैं. दिलचस्प बात है कि ये सभी पैसिव फ़ंड्स (Passive Funds) हैं. ( सैमको पहला एक्टिव मूमेंटम फ़ंड लॉन्च करने जा रही है, जिसका NFO 29 जून तक खुला है. लेकिन ये कहानी फिर कभी.)
सभी मोमेंटम फ़ंड या तो निफ़्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स, या निफ़्टी मिड कैप 150 मोमेंटम 50 इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. अब हम ये समझेंगे कि ये सूचकांक कैसे काम करता है और इसके बाद इन फ़ंड्स के प्रदर्शन का आकलन करेंगे.
ये भी पढ़िए- Stock Market ऐतिहासिक ऊंचाई पर: अब क्या करें?
कैसे काम करता है मोमेंटम इंडेक्स
निफ़्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स, निफ्टी 200 में शामिल सबसे ऊपर की 30 कंपनियों का प्रदर्शन ट्रैक करता है. निफ़्टी 200 का मोमेंटम स्कोर सबसे ज़्यादा है. इंडेक्स की समीक्षा हर छह महीने पर, जून और दिसंबर में की जाती है.
मोमेंटम स्कोर एक फ़ॉर्मूले से तय होता है. और ये स्टॉक्स की 6 महीने और 12 महीने के प्राइस रिटर्न के इनपुट के मुताबिक़ तय होता है.
मोमेंटम इंडेक्स में क्वालीफ़ाई करने के लिए ज़रूरी है कि स्टॉक एक साल से ज़्यादा समय से लिस्टिड हो और डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो.
इंडेक्स 100 लार्ज-कैप स्टॉक और टॉप 100 मिड-कैप स्टॉक से मिल कर बना है.
निवेशक इस बात को ध्यान में रखें
पैसिव मोमेंटम फ़ंड्स ने सेंसेक्स के 23 प्रतिशत की तुलना में 31-31 प्रतिशत रिटर्न दिया है, लेकिन अभी ये मान लेना जल्दबाज़ी होगी कि ये फ़ंड कैटेगरी लगातार सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन करता रहेगा. निवेशकों को इस बात को ध्यान रखना चाहिए.
मोमेंटम फ़ंड्स का एक साल का रिटर्न
फ़ंड | एक साल का रिटर्न (%) |
---|---|
UTI निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स फ़ंड | 31.36 |
मोतीलाल ओसवाल निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स फ़ंड | 31.15 |
मोतीलाल ओसवाल निफ्टी 200 मोमेंटम 30 ETF | 30.9 |
रिटर्न 16 जून, 2023 तक का है. सिर्फ तीन मोमेंटम फ़ंड ने अब तक अपना पहला साल पूरा किया है. इसका मतलब है कि अभी अलग-अलग मार्केट साइकल में इनका प्रदर्शन परखा नहीं गया है. |
ये भी पढ़िए- निवेश एक बार में करें या क़िश्तों में?
ये मज़बूत प्रदर्शन, इक्विटी मार्केट के लगातार ऊपर जाने की वजह से है. ये स्पष्ट नहीं है कि ये फ़ंड्स अलग- अलग मार्केट साइकल में कैसा प्रदर्शन करेंगे, ख़ास कर मार्केट में गिरावट आने पर और मार्केट के फ़्लैट होने पर. इसके अलावा, जाने-माने वैल्यूएशन गुरू अश्वथ दामोदरन ने अपनी क़िताब "इन्वेस्टमेंट फेबल्स: एक्सपोज़िंग द मिथ्स ऑफ़ 'कान्ट मिस' इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजीज़" में लिखा है कि मोमेंटम इन्वेस्टिंग में, किसी स्टॉक को बहुत कम समय के लिए होल्ड करना या बहुत लंबे समय के लिए होल्ड करना दोनों आपके खिलाफ़ काम कर सकता है. क्या इसका मतलब है कि मोमेंटम फ़ंड्स मार्केट को टाइम करने की कोशिश कर रहे हैं. हां या नहीं.
सबसे मुश्किल काम
एक तरफ़, आप कह सकते हैं ये मार्केट टाइम करने से अलग है. क्योंकि स्टॉक्स उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर चुने जाते हैं. दूसरी तरफ, दामोदरन के मुताबिक़, ये बताना कि कब मोमेंटम शिफ़्ट हो रहा है ये निवेश के सबसे मुश्किल कामों में से एक है.
जैसा कि दामोदरन ने अपनी क़िताब में कहा है, "मोमेंटम बेस्ड स्ट्रैटेजी की एक बड़ी कमी ये है कि जो मोमेंटम आपका दोस्त है, वो कुछ ही पलों में आपका दुश्मन बन सकता है."
देखिए ये वीडियो - आपको अगले 10 साल के लिए कहां निवेश करना चाहिए?