HDFC और स्टैंडर्ड लाइफ़ (अब Abrdn के नाम से जानी जाती है) के ज्वाइंट वेंचर के तौर पर वर्ष 2000 में स्थापित HDFC लाइफ इंश्योरेंस ने अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है. लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की मंजूरी हासिल करने वाली ये पहली प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी थी.
हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान Abrdn ने धीरे-धीरे कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाई थी. जून 2020 में 10 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी से शुरू होकर, Abrdn के हाल ही में अपनी 1.7 फ़ीसदी हिस्सा बेचने के साथ, कंपनी से पूरी तरह से अलग हो गई है.
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रणनीतिक हिस्सेदारी की ये बिक्री अचानक नहीं हुई थी, क्योंकि ये 2021 में स्टैंडर्ड लाइफ़ और एबरदीन एसेट (Aberdeen Asset) के बीच विलय के बाद वो Abrdn के अपने निवेश पोर्टफ़ोलियो को व्यवस्थित करने के लक्ष्य के साथ जुड़ी रही है. Abrdn ने स्टेक की बिक्री के लिए दो वजह बताई हैं:
- अपनी मुख्य क्षमताओं पर ध्यान देना.
- अपने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए ज़्यादा व्यवस्थित तरीक़े से पूंजी को लगाया.
हिस्सेदारी बेचने की घोषणा के बावजूद, HDFC लाइफ़ के शेयरों की क़ीमतों में कोई ख़ास उतार-चढ़ाव नहीं दिखा है. BSE की वेबसाइट पर मौजूद डेटा से पता चलता है कि इसके शेयरों को लेकर विदेशी और घरेलू दोनों इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स में ख़ासा जोश देखने को मिला है.