“रिस्क है तो इश्क है” ये डायलॉग था एक हिट रहे टीवी शो, ‘स्कैम-1992’ का जो बहुत लोकप्रिय हुआ था. ये जुमला एक औसत स्मॉल-कैप फ़ंड निवेशक पर भी बहुत सटीक बैठता है.
स्मॉल-कैप म्यूचुअल फ़ंड्स की रणनीति ज़्यादा रिस्क और ज़्यादा रिवार्ड वाली होती है. ये फ़ंड्स कम-से-कम 65 प्रतिशत रक़म स्मॉल-कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं. लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि ये अपेक्षाकृत सुरक्षित लार्ज-कैप में भी निवेश करते हैं और ये बात कुछ लोगों को चौंका सकती है.
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और इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात ये हो सकती है कि कुछ स्मॉल-कैप फ़ंड्स लार्ज-कैप में आमतौर पर जो चलन है उससे कहीं ज्यादा निवेश करते हैं, आप इसे नीचे दिए ग्राफ़ में देख सकते हैं.