हर बिज़नस को वक़्त के साथ बदलती हुई ज़रूरतों के मुताबिक़ ख़ुद को बदलना ही चाहिए. जो बिज़नस ऐसा करने में नाक़ाम होते हैं, वो जल्दी ही दम तोड़ देते हैं. निवेश के लिए जब आप कंपनी पर रिसर्च कर रहे होते हैं, तो ये भी बहुत अहम फ़ैक्टर है जिसपर आपको ध्यान देना चाहिए. अब आप AI को ही ले लीजिए. कई लोग डर रहे हैं कि अगर वो अपने बिज़नस में AI को शामिल नहीं करते हैं, तो दौड़ में पिछड़ सकते हैं.
उनका ये डर जायज़ हो सकता है और इसकी कई वजह भी हैं.
Chegg का पतन
Chegg, इंटरनेशनल एजुकेशन-टेक्नोलॉजी की एक दिग्गज कंपनी है जिसका 2022 का रेवेन्यू 76.7 करोड़ डॉलर था.
ये किसी भी लिहाज़ से छोटी उपलब्धि नहीं है. हालांकि, कुछ ही समय में हालात ऐसे बदले कि मौजूदा समय में कंपनी का भविष्य अंधेरे में नज़र आ रहा है.
ऐसा क्यों हुआ?
इसके लिए चैट-GPT को ज़िम्मेदार माना जा रहा है. लोगों का मानना है कि ओपन AI ChatGPT के चलते, Chegg की सर्विस पर सवाल खड़े हो गए हैं.
सीधे-सीधे कहें, तो Chegg आपको होमवर्क करने में मदद करती है. अगर आप किसी सवाल पर अटक जाएं, तो उसकी एक फ़ोटो लीजिए और और Chegg पर अपलोड कर दीजिए, बस कुछ मिनटों में जवाब आपको मिल जाएगा.
लेकिन ओपन AI इस सब के साथ-साथ और भी बहुत कुछ करती है. वो तेजी से, बेहतर तरीक़े से और मुफ़्त में काम करती है. तो अब आप समझ सकते हैं कि निवेशकों को ये चिंता क्यों सता रही है कि Chegg बिज़नस से बाहर होने वाली है.
यहां तक कि कंपनी के CEO डैन रोसेनवाइग ने कहा कि ChatGPT में छात्रों की बढ़ती दिलचस्पी के कारण कंपनी की ग्रोथ में सुस्ती देखी जा रही है. मैनेजमेंट ने फ़ाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए कोई रेवेन्यू गाइडेंस भी नहीं दिया है क्योंकि वो भी फ़ाइनेंशियल ईयर 2024 को लेकर पक्का कुछ नहीं कह सकते. इसके अलावा पिछली तिमाही के मुक़ाबले, 2023 की पहली तिमाही में कंपनी का सालाना रेवेन्यू गिर गया है.
कंपनी के शेयरों की क़ीमत में काफ़ी गिरावट भी देखने को मिली है. इसमें सालाना आधार पर 64 फ़ीसदी और बीते एक महीने में 49 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. जिस दिन कंपनी ने अपने चौथी तिमाही के नतीजे घोषित किए, इसमें 48 फ़ीसदी की भारी गिरावट आई!
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बदलो या ख़त्म हो जाओ?
“बदलो या ख़त्म हो जाओ” नियम की ताज़ा मिसाल बन गई है Chegg. मगर इतिहास में ऐसी ढेरों कंपनियों की मिसालें हैं, जो तकनीकी बदलावों को अपनाने में फेल हुए और ख़त्म हो गईं.
हिंदुस्तान मोटर्स (Hindustan Motors) - एम्बेसडर कार बनाने वाली और भारत की पहली दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी दिवालिया हो गई, क्योंकि वो मारुति सुज़ूकी जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी रूप से बेहतर कारों के साथ मुक़ाबला नहीं कर सकी.
मोज़र बेयर (Moser Baer) - एक समय CD और DVD की सबसे बड़ी मैन्युफैचरर रही कंपनी दिवालिया हो गई, क्योंकि कॉम्पैक्ट डिस्क का इस्तेमाल बहुत कम हो गया.
दूसरी तरफ़, आपको ऐसी कंपनियां मिलेंगी जिन्होंने बहुत तेज़ी से ग्रोथ की क्योंकि उन्होंने नई तकनीक को अपनाया और अपने बिज़नस मॉडल में लगातार सुधार किया.
फूजीफ़िल्म (Fujifilm)- भले ही इसकी प्रतिद्वंदी कंपनी, कोडक (Kodak) ने समय के साथ चलने से इनकार कर दिया, लेकिन फूजीफ़िल्म को यक़ीन था कि आने वाला कल डिजिटल फोटोग्राफ़ी का है, और उसने एनालॉग फोटोग्राफी छोड़कर डिजिटल कैमरों की बिक्री शुरू कर दी. आज फुजीफ़िल्म कैमरा बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है, जबकि कोडक दिवालिया हो चुकी है.
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नेटफ़्लिक्स (Netflix) - नेटफ़्लिक्स और ब्लॉकबस्टर (Blockbuster) की मशहूर कहानी तो सभी जानते हैं. ब्लॉकबस्टर 2000 के दशक की शुरुआत में नेटफ़्लिक्स ख़रीदने की कगार पर थी. लेकिन उसने इस सौदे को नहीं करने का फैसला किया, क्योंकि इसे लगा कि कोई भी कंटेंट को ऑनलाइन किराए पर लेने में दिलचस्पी नहीं लेगा. आज, नेटफ्लिक्स दुनिया भर में कंटेंट के लिए जानी जाती है, जबकि ब्लॉकबस्टर यादों में सिमटकर रह गई है.
इस सब में हमारे लिए क्या सीख है?
Chegg और ऊपर लिस्टिड बाक़ी कंपनियां इस बात का बड़ा उदाहरण हैं कि बिज़नसज को क्यों तकनीकी बदलाव अपनाने चाहिए. AI असल में कई बिज़नस मॉडलों के लिए एक बड़ा ख़तरा है. लेकिन जब पर्सनल कंप्यूटर पहली बार मार्केट में आए तब भी ऐसा ही हुआ था. लेकिन कंप्यूटर आने के बाद कई बिज़नस फले-फूले.
इस तरह से, एक निवेशक के तौर पर आपको हमेशा इस बात पर ग़ौर करना चाहिए कि क्या कोई कंपनी तकनीकी बदलावों को अपने कामकाज में अपना रही है या नहीं. लंबे समय में तभी पूंजी बनाई जा सकती है जब आपका बिज़नस नई और उभरती ज़रूरतों के हिसाब से ख़ुद को ढालता रहे.
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