Bill Ackman: मौजूदा दौर के सबसे प्रसिद्ध इन्वेस्टर्स में से एक ऑकमैन के इन्वेस्टमेंट स्टाइल को समझना किसी भी इन्वेस्टर के लिए बड़े फ़ायदे की बात होगी. इनकी ख़ास बात ये है कि दुनिया के दिग्गज एक्टिविस्ट इन्वेस्टर्स में शामिल हैं. ये ऐसे इन्वेस्टर होते हैं, जो पब्लिकली ट्रेड होने वाली कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी ख़रीदते हैं ताकि उनके ऑपरेशन और मैनेजमेंट को अपने मुताबिक़ प्रभावित कर सकें. यहां हम उनकी कही कुछ अहम बातों पर चर्चा कर रहे हैं.
पर्शिंग स्क्वायर कैपिटल मैनेजमेंट (Pershing Square Capital Management) एक हेज फ़ंड है जिसके वो संस्थापक और सीईओ हैं. साथ ही, वो अपने आक्रामक इन्वेस्टमेंट स्टाइल के लिए जाने जाते हैं.
दिसंबर, 2022 तक उनके फ़ंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट 18 अरब डॉलर से ज़्यादा था. हमने हाल ही में एक पॉडकास्ट सुना, जिसमें उनके इन्वेस्टमेंट स्टाइल और कंपनियों के चुनाव के तरीक़े के बारे में बात की गई थी.
बिज़नस की क्वालिटी और कैश-फ़्लो की अहमियत
ऑकमैन हाई क्वालिटी, आसान, पहले से अंदाज़ा लगाने वाले और फ़्री कैश फ्लो वाले बिज़नस में निवेश पर भरोसा करते हैं. वो दलील देते रहे हैं कि अगर कोई बिज़नस जटिल है तो उसके कैश फ़्लो के बारे में अंदाज़ा लगाना क़रीब-क़रीब असंभव है. यही वजह है कि ऐसी कंपनियों की वास्तविक क़ीमत तय करना ख़ासा मुश्किल होता है.
उनके शब्दों में, "एक फ़ाइनेंशियल एसेट की क़ीमत उस कैश की मौजूदा वैल्यू है, जो आप उसकी पूरी लाइफ़ के दौरान उसमें से निकाली जा सकती है. एक कम ब्याज दर के माहौल में आपको किसी कंपनी की अनुमानित वैल्यू पता लगाने में उसके कई साल के संभावित कैश-फ़्लो का पता करने की ज़रूरत होती है. जिन कंपनियों के बिज़नस जटिल हैं, उनमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती कि तीन साल बाद बिज़नस का कैश-फ़्लो क्या होगा, चार या 15 साल की तो बात ही छोड़ दें, जो अर्सा किसी कंपनी की वैल्यू पता लगाने के लिहाज़ से असल में मायने रखता है."
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एक कॉन्सन्ट्रेटेड पोर्टफ़ोलियो के फ़ायदे
निवेश के मामले में, ऑकमैन का क्वांटिटी की तुलना में क्वालिटी पर पक्का भरोसा रहा है. वो मानते हैं कि कॉन्सन्ट्रेटेड पोर्टफ़ोलियो से किसी इन्वेस्टर के लिए चुनिंदा स्टॉक्स पर अच्छी तरह से ध्यान देना संभव होता है और इससे हर कंपनी की गहरी रिसर्च आसान हो जाती है. हालांकि, उनके मुताबिक़ एक अच्छे निवेश के लिए कई महीनों लंबी रिसर्च की ज़रूरत नहीं होती.
वो कहते हैं, "हम सिर्फ़ वही काम करना चाहते हैं जो ये तय करने के लिए ज़रूरी है कि कौन सा निवेश पोर्टफ़ोलियो के लिए सही है. हम एक फ़ैसला लेने में छह महीने का वक़्त नहीं लगाना चाहते. असल में, अगर हमें किसी फ़ैसले पर ज़्यादा समय लगाना पड़े, तो इसका मतलब है कि वो एक अच्छा निवेश नहीं है."
लंबे समय के लिए सिर्फ़ फंडामेंटल देखें
लंबे समय के लिए निवेश करने वाले हर सफल निवेशक की तरह, ऑकमैन कम समय के शोर-शराबे को ख़ारिज करते हैं और बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर ख़रीदने या बेचने के फ़ैसले लेते हैं.
उनके मुताबिक़, "हम इस बात पर ध्यान देते हैं कि किसी कंपनी की पूरी लाइफ़ में उसकी क़ीमत क्या है. आमतौर पर मार्केट लगातार बदल रही ख़बरों पर ही प्रतिक्रिया देता है. दरअसल, कई बायर्स और सेलर्स स्टॉक में मार्जिन पर ट्रेड करते हैं या शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टर्स इसी तरह की अटकलें लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या कोई स्टॉक किसी तिमाही में ऊपर या नीचे आएगा."
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वॉरेन बफ़े से लिए सबक़
Warren Buffett: बफ़े ने दुनिया भर के निवेशकों को प्रभावित किया है और ऑकमैन भी इस मामले में अलग नहीं हैं.
ऑकमैन कहते हैं, "एक इन्वेस्टर के तौर पर मैंने ज़्यादातर बातें बफ़े द्वारा लिखी गई बातों को पढ़कर और उनकी कही गई बातों को सुनकर सीखीं. जब मैं स्टूडेंट था तो वो हावर्ड स्कूल आए थे और उन्होंने कहा था- अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो आपको बस इतना करना है कि कमरे के चारों ओर देखें और उन क्लासमेट्स के बारे में सोचें जिनकी आप सबसे ज़्यादा तारीफ़ करते हैं और उनमें क्या ख़ूबियां हैं और बस उन ख़ूबियों को अपनाने का फ़ैसला करें. अगर आप ऐसा कर लेते हैं तो आपके सफ़ल होने की संभावनाएं ख़ासी बढ़ जाएंगी."
इसके अलावा, इस पॉडकास्ट में इन्वेस्टर्स के लिए कई दूसरे दिलचस्प सबक़ भी हैं. आप यहां पूरा पॉडकास्ट सुन सकते हैं.