"The world-changing doesn't give you opportunities. What gives you opportunities is other people doing dumb things." यानी, दुनिया में बदलाव से आपको अवसर नहीं मिलता. आपको दूसरों की बेवकूफ़ियां अवसर देती हैं.
जितने सालों से मैं बफ़े और मंगर का ओमाहा, अमेरिका वाला शो देख रहा हूं, उनमें से ये वाला सबसे ज़्यादा हंसी-मज़ाक, और दोनों बुज़ुर्गों की सार्थक और सच्ची बातों से भरपूर था. बफ़े ने कहा, वैल्यू इन्वेस्टिंग की सारी थ्योरी एक तरफ़ रख दीजिए. आपको सिर्फ़ दूसरों की बेवकूफ़ी भरे कामों की ज़रूरत है; निवेश की दुनिया में इस एक चीज़ की कभी कमी नहीं होगी.
बफ़े और मंगर का ये सालाना शो, दुनिया के सबसे प्रसिद्ध इन्वेस्टर्स इवेंट यानी बर्कशायर हैथवे की सालाना शेयर होल्डर मीटिंग या AGM के सवाल-जवाब वाले सेशन का हिस्सा है. दोनों बुज़ुर्ग, जिसमें एक 92 और दूसरे 99 साल के हैं, दुनिया के सबसे मशहूर इन्वेस्टर हैं, जिनका बिज़नस और इन्वेस्टमेंट का ज्ञान और अनुभव दशकों लंबा है. इन्वेस्टमेंट, बिज़नस और जीवन के हर पहलू पर होने वाले ये सवाल-जवाब, बिना किसी स्क्रिप्ट के होते हैं. इनमें खुलापन होता है, गहरा नज़रिया झलकता है, और बातों का मज़ाकिया अंदाज़ भी ख़ूब शामिल रहता है.
बेवकूफ़ियां (dumb things) शब्द का इस्तेमाल, ऑडियंस में से किसी के पूछे एक सवाल के जवाब में था, कि AI और दूसरे तेज़ी से बदलाव (disruptive) लाने वाली तकनीक का भविष्य की वैल्यू इन्वेस्टिंग पर कैसा असर होगा, और इस पर निवेशकों के लिए क्या सलाह होगी. दिलचस्प है कि इस सवाल के जवाब को लेकर बफ़े और मंगर में एक राय नहीं थी. जैसे ही सवाल आया, मंगर ने तुरंत कहा, "इस सवाल का जवाब देने में मुझे ख़ुशी होगी," और फिर उन्होंने कहा कि वैल्यू इन्वेस्टर को अब मुश्किल वक़्त का सामना करना होगा क्योंकि अब बहुत से लोग एक ही अवसर को पाने की होड़ में होंगे, और इसलिए उन्हें कम मुनाफ़ा पाने का आदी हो जाना चाहिए.
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इसके बाद, बफ़े ने कमान संभाली और झट से कहा, "चार्ली यही बात मुझे तब से कहते आ रहे हैं जब से हम दोनों एक दूसरे को जानते हैं," इस पर चार्ली ने बात काटते हुए कहा, "पर अब हम कम मुनाफ़ा कमा रहे हैं!" इसके बाद बफ़े ने समझाते हुए कहा कि 1942 में जब से उन्होंने निवेश की शुरुआत की, तब से दुनिया में बहुत सी नई चीज़ें आईं, मगर इनमें से किसी चीज़ ने कुछ नहीं बदला, और न ही टेक (technology) ने. "नई चीज़ों के आने से अवसर ख़त्म नहीं हो जाते. जो बात आपको अवसर उपलब्ध कराती है, वो लोगों द्वारा की जा रही बेवकूफ़ियां हैं. मैं तो कहूंगा कि पिछले 58 साल में, जब से मैं बर्कशायर चला रहा हूं, लोगों द्वारा की जा रही बेवकूफ़ियों में बहुत बड़ा इज़ाफ़ा हुआ है, और अब वो ज़्यादा बड़ी बेवकूफ़ियां करते हैं..."
ये एक ज़बर्दस्त स्टेटमेंट है और एक नई मज़ाकिया परिभाषा गढ़ता है कि वैल्यू इन्वेस्टिंग दूसरे निवेशकों की बेवकूफ़ियों पर निर्भर करती है. पर भले ही ये परिभाषा एक मज़ाक जैसी लगे, मैं मानता हूं कि ये पूरी तरह सही है. आप इस सरल से तथ्य पर ग़ौर करें: सभी निवेश वैल्यू इन्वेस्टिंग हैं, और वैल्यू इन्वेस्टर की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दूसरे लोग एक स्टॉक की क़ीमत का आकलन करने में ग़लती करें. हल्के-फुल्के अंदाज़ में, इस ग़लती को बेवकूफ़ी कहा जा सकता है, हालांकि सुनने में ये शब्द कुछ सख़्त लग सकता है.
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मगर फिर, आप अगर उदासीन और घिसे-पिटे कॉर्पोरेट PR वाला अंदाज़ ही चाहते हैं, तो वो दुनिया भर की तमाम शेयरहोल्डरों की AGM में आपको मिल ही जाता है. बर्कशायर की मीटिंग तो दुनिया की सबसे ख़ास कंपनी की बात है, और ये उन दो बुज़ुर्गों की बात है जिन्हें दुनिया को कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं रह गई है, और ये दोनों किसी भी विषय पर अपने मन की बात बेबाक़ तरीक़े से खुल कर बोलने के लिए जाने जाते हैं.
जो कोई भी थोड़ा-बहुत भी बिज़नस या निवेश में दिलचस्पी रखता है, उसके लिए सवाल-जवाब का ये सेशन सीखने और मनोरंजन का शानदार मौक़ा है. बर्कशायर AGM देखने का मुख्य लक्ष्य ये नहीं होना चाहिए कि ओमाहा के ये दो महारथी किस कंपनी या इंडस्ट्री में दिलचस्पी ले रहे हैं. आख़िरकार, हममें से ज़्यादातर लोगों के लिए बफ़े और मंगर की आधे-ट्रिलियन-डॉलर का पर्स मैनेज करने के लिए ज़रूरी समझ की ज़रूरत तो है नहीं. इसके बजाए, हमारे लिए असली मायने रखते हैं इन दोनों के वो अटल सिद्धांत जिनपर पर वो पिछले छः दशक में क़ायम रहे हैं. उनके सिद्धांतो की कुछ ख़ूबियां हैं: पहली, लंबे समय का नज़रिया रखें, क्योंकि मज़बूत बिज़नस ही आती-जाती मुश्किलों के सामने टिक पाते हैं; दूसरी, स्टॉक मार्कट के उतार-चढ़ाव को स्वीकार करें और अपने फ़ायदे के लिए उसका इस्तेमाल करें; तीसरी, सिर्फ़ उसी बिज़नस में पैसा डालें जिसे आप समझते हैं; और आख़िर में, बिज़नस का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों पर ज़ोर देना, क्योंकि भरोसा और नैतिक आचरण ही क़ारगर तरीक़े से काम करने की सबसे बड़ी शर्त है.
दोनों की उम्र को देखते हुए ज़ाहिर है, कि इस शो की उम्र ज़्यादा लंबी तो नहीं होगी, मगर इन सालाना जलसों ने प्रसिद्धि का जो मुक़ाम पा लिया है, इस तरह का दूसरा कुछ कभी नहीं हो पाएगा.
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