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एक परफ़ेक्ट इन्वेस्टमेंट क्या होगा?

मैं पैसे निवेश करूं और ये निवेश कई-कई गुना हो जाए, ऐसा शानदार निवेश कौन नहीं चाहता. पर एक परफ़ेक्ट इन्वेस्टमेंट है क्या और आपकी ये तलाश ख़त्म कहां होगी.

एक परफ़ेक्ट इन्वेस्टमेंट क्या होगा?

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अभी हाल ही में मैंने आप सब के लिए एक वीडियो किया, जिसका शीर्षक था "आपको 10 साल के लिए कहां निवेश करना चाहिए". ये विषय नया नहीं है. इस सवाल का जवाब मैं तीन दशक पहले से यानी जब वैल्‍यू रिसर्च की स्थापना हुई है तब से देता आ रहा हूं. देखा जाए तो ये निवेशकों की बड़ी समस्या है और वैल्‍यू रिसर्च का काम ही है ऐसी समस्याओं का समाधान करना. असल में, निवेशकों के इस सवाल का मतलब है कि वो लंबे समय के लिए कहां निवेश करें? इस वीडियो में मैंने 'बतौर एनेलिस्‍ट' जवाब दिया है. और ये जवाब निवेश की ग्रोथ, बाज़ार के उतार-चढ़ाव, जोख़िम सहने की एक निवेशक की क्षमता जैसी तमाम चीज़ों पर सोच-विचार के बाद लिया गया था. आख़िर निवेश के किसी भी फ़ैसले को लेने का यही तरीक़ा भी है. हालांकि आज इस कॉलम में, मैं इसके अलग पहलू पर बात करूंगा. ये पहलू है लोगों के मनोविज्ञान का. ख़ासतौर पर उनका मनोविज्ञान, जो निवेश की शुरुआत कर रहे हैं.

नए निवेशक अक्सर बहुत चिंता करते हैं कि कहीं वो ग़लत निवेश न कर बैठें. ये कोई बुरी बात नहीं, लेकिन कुछ लोगों के लिए ये 'लकवा मार जाने' जैसी स्थिति बन जाती है जिसे अंग्रेज़ी में analysis paralysis कहते हैं. उनको लगता है कि उनका निवेश एकदम शानदार हो - ऐसा निवेश हो जिसमें किसी तरह का समझौता नहीं करना पड़े. अफ़सोस के साथ कहना होगा कि ऐसा होना क़रीब-क़रीब नामुमकिन है. और जैसा कि अंग्रेज़ी में कहा भी जाता है, "perfection is the enemy".

इसके लिए मेरे पास एक नुस्ख़ा है. इस नुस्ख़े का लक्ष्य है, इस बीमारी का इलाज और वो ये कि जिन्हें परफ़ेक्शन की तलाश है वो तुरंत किसी म्‍यूचुअल फ़ंड में निवेश शुरू कर दें. शर्त ये है‍ कि ये इक्विटी पर आधारित फ़ंड होना चाहिए. और इस काम के लिए बस दो ही आसान से नियम हैं. पहला, बजाए थीमैटिक या सेक्‍टोरल फ़ंड होने के आपका फ़ंड डायवर्सीफ़ाईड होना चाहिए. और दूसरा नियम है कि आप अपना निवेश हर महीने किश्तों में SIP के ज़रिए करें. यानी सारा निवेश एक ही बार में न करें. बस, आपको इतना ही करना है. आप - लार्ज-कैप फ़ंड या फ़्लेक्‍सी-कैप या मिड-कैप या इंडेक्‍स फ़ंड जो चाहे चुन सकते हैं. आपको ये भी जानने की ज़रूरत नहीं है कि इन नामों का मतलब क्‍या है. आप धनक पर आएं और इक्विटी फ़ंड देखें, और जो ठीक-ठाक हों उनमें अपना SIP से निवेश शुरू कर दें.

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मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्‍योंकि निवेश की शुरुआत करने जा रहे निवेशक के लिए जड़ता से बाहर निकलना सबसे ज़रूरी होता है. आप आसानी से ख़ुद ही समझ सकते हैं कि इस तरह की जड़ता की वजह क्या है. क्‍या आपने कभी इस बात पर ग़ौर किया है कि जब आप निवेश और पर्सनल फ़ाइनेंस की ख़बरें सुन या पढ़ रहे होते हैं, तो यही बताया जा रहा होता है कि लोगों का सही स्‍टॉक या म्‍यूचुअल फ़ंड नहीं चुनना ही सबसे बड़ा मसला है. इसे निवेशकों की असल समस्‍या का नाम दिया जाता है.

पर ये असली समस्‍या ये नहीं है. असली समस्‍या है कि ज़्यादातर लोग या तो निवेश कर ही नहीं रहे हैं, या निवेश कर भी रहे हैं तो इतना कम कि उनका निवेश उनकी ज़रूरतों के लिए काफ़ी नहीं है. वो एक परफ़ेक्ट निवेश के इंतज़ार में हैं. और इसी वजह से बहुत से लोग बहुत-बहुत देर से अपना निवेश शुरू कर रहे हैं या फिर कभी शुरू ही नहीं कर पाते हैं. और अगर निवेश शुरू करते भी हैं, तो उसमें इतना पैसा नहीं डालते जो उनकी ज़रूरतों को पूरा कर सके. तो बात ये नहीं है कि बेस्‍ट मयूचुअल फ़ंड या सबसे हॉट स्‍टॉक्स कैसे चुनें. सबसे अहम बात है, निवेश शुरू करना और लंबे समय तक लगातार निवेश करते रहना.

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एक कहावत है "कभी नहीं से देर भली" और ये बात जीवन की ज़्यादातर बातों के लिए सही हो सकती है. हालांकि, बचत और निवेश में देर करने का नतीजा, जल्दी निवेश शुरू करने की तुलना में बहुत बुरा हो सकता है. कितना बुरा? इसकी एक मिसाल पर ग़ौर कीजिए. मान लेते हैं कि आप अपना पैसा 10 गुना बढ़ाना चाहते हैं. ऐसा करने के लिए आपको 30 साल के लिए सालाना 8 प्रतिशत रिटर्न पर, 20 साल के लिए 12.2 प्रतिशत रिटर्न पर, और 15 साल साल के लिए 16.6 प्रतिशत रिटर्न पर लगाना होगा. यानी आपकी रक़म 10 गुना बढ़ेगी अगर आपको इन सालों के दौरान इस तरह निवेश करते हैं. आप कृपया इसे एक बार और पढ़ें और सोचें. मैं जो कह रहा हूं उसे समझें. देर से निवेश शुरू करना, किसी ख़राब निवेश को शुरू करने और बाद में उसे ठीक करने की तुलना में एक बहुत बड़ी समस्‍या है. यानी, जड़ता ही आपकी असली और बड़ी समस्‍या है.

युवाओं के लिए, निवेश के रास्ते में दूसरी रुकावटें भी हैं. एक है हमारे समाज में उपभोक्‍तावादी चलन का बढ़ना. बहुत सी चीज़ें हैं जिन पर आप ख़र्च कर सकते हैं. और न सिर्फ़ अपनी कमाई ख़र्च करना बहुत आसान हो गया है, बल्कि वो पैसा भी ख़र्च करना आसान हो गया है जो अभी आपके पास नहीं है मगर जिसे आप भविष्य में कमाएंगे. इन सभी समस्याओं से उबरने के लिए निवेश की शुरुआत करना सबसे अहम है. आप किसी भी तरह शुरुआत करें, और किसी भी निवेश के साथ करें. बस आपको यही करने की ज़रूरत है. बाक़ी सब अपने आप हो जाएगा.

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