Silver Prices: चांदी की कीमतों में इस साल की शुरुआत से ही मजबूती जारी है, जो 2023 में 9.5 फ़ीसदी मजबूत हो चुकी है. दूसरी चीज जो बढ़ गई है, वह है चांदी में निवेश की वकालत करने वालों की तादाद. यहां तक कि एक डेली न्यूजपेपर ने हाल में व्हाइट मेटल को "आपके पोर्टफ़ोलियो के लिए नया गोल्ड" करार दे दिया.
तो, क्या आपको ऐसा करना चाहिए?
हमारे सामने पहले भी ऐसी स्थितियां पैदा हुईं. बीते साल भी ये बात गलत साबित हुई. कीमतें बढ़ीं, कुछ महीनों का प्रचार समाप्त होने से पहले फ़ंड हाउसेज ने सिल्वर ETF को निवेश के एक व्यावहारिक विकल्प के तौर पर बाहर कर दिया था.
जैसे कि पहले ही ख़बर दी जा चुकी है कि सिल्वर ETF में बीते साल 5 से 5.7 फ़ीसदी तक गिरावट दर्ज की गई थी.
लेकिन क्या शेयर इस तरह से उतार-चढ़ाव से नहीं गुजरते हैं? निश्चित रूप से, इक्विटी में भी अक्सर उतार-चढ़ाव रहता है. हालांकि, इक्विटी को लंबे समय में दुनिया की सबसे अच्छी वेल्थ क्रिएट करने वाली एसेट क्लास माना जाता है.
लेकिन चांदी के विपरीत, इन्वेस्टर्स के लिए इक्विटी एक वेल्थ जेनरेटर है. आइए, इसे प्रमाणित करने के लिए इनके 10 साल के प्रदर्शन पर ग़ौर करते हैं.
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पिछले 10 साल में यानी अप्रैल 2013 से मार्च 2023 के बीच निफ्टी में सालाना 13.1 फ़ीसदी की मजबूती दर्ज की गई. इसका मतलब है कि अगर आपने सामान्य इंडेक्स फंड में निवेश किया होता तो आपके इन्वेस्टमेंट में लगभग उतनी बढ़ोतरी हुई होती.
हालांकि, इसकी तुलना में चांदी का प्रदर्शन फीका रहा है. इसमें बीते 10 साल में महज़ 3.1 फ़ीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई. आपको थोड़ा डिटेल में समझाते हैं, अगर आपने 2013 में चांदी में ₹50,000 निवेश किए होते तो आपका निवेश बढ़कर महज़ ₹67,833 होता. वहीं, इंडेक्स फ़ंड में आपका पैसा दोगुने से ज़्यादा बढ़कर ₹1.72 लाख के स्तर पर पहुंच गया होता.
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हमारी रायः परहेज़ करें
एक कमोडिटी के रूप में चांदी का ख़ासा व्यापक इस्तेमाल होता है और समय-समय पर इसकी डिमांड होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपको चांदी को निवेश के विकल्प के रूप में देखना चाहिए.
पिछले 10 साल के प्रदर्शन पर गौर करें तो चांदी निवेश का बेहद मामूली या कोई रिटर्न नहीं देने वाला विकल्प बनी हुई है. इसके अलावा, चूंकि यह एक कमोडिटी है, इसलिए इसकी कीमत डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती हैं.
देखिए ये वीडियो- आपको अगले 10 साल के लिए कहां निवेश करना चाहिए?