एक इक्विटी निवेशक की हैसियत से, हम निवेश करने से पहले कंपनी के परफ़ॉर्मेंस का ज़्यादा व्यापक नज़रिया चाहते हैं. इसीलिए हम किसी बिज़नस की ग्रोथ का इवैलुएशन करते समय, सिंपल ग्रोथ रेट के मुक़ाबले कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) को तरजीह देते हैं.
सिंपल ग्रोथ रेट हमारी इन्वेस्टमेंट वैल्यू का बदलाव सिर्फ़ प्रतिशत में दिखाती है. इसके उलट, CAGR हमें एवरेज एनुअल ग्रोथ रेट देता है और इस तरह, एक बेहतर ग्रोथ मीट्रिक है क्योंकि ये शॉर्ट-टर्म के उतार-चढ़ाव का असर बैलेंस कर देता है.
अडानी एंटरप्राइजेस की मिसाल लें. FY17-22, FY16-21, FY15-20, FY14-19 और FY13-18 के लिए इसका पांच साल का रेवेन्यू CAGR, क्रमशः 13.3, 3.1, -7.6, -6.0 और -5.0 है. क्या यहां कुछ अजीब दिख रहा है?
वित्त वर्ष 2012 में अदानी एंटरप्राइज़ेज़ के राजस्व में 76 फ़ीसदी की बेजोड़ बढ़ोतरी देखी गई. और इस तरह, वित्त वर्ष 2017-22 के लिए इसका CAGR दूसरी अवधियों के CAGR से कहीं ज़्यादा है.
यहां कोई बेईमानी नहीं हुई है. ये प्योर डेटा क्रंचिंग है. लेकिन ये ग्रोथ के आंकड़ों पर आंख मूंदकर भरोसा करने का जोख़िम है; ये गलत धारणाओं की ओर ले जाता है. अगर निवेशक दूसरी अवधि के आंकड़ों को देखे बिना सिर्फ़ वित्त वर्ष 2017-22 के CAGR को देखते हैं, तो उन्हें यक़ीन होगा कि कंपनी हर साल औसतन दो अंकों की टॉपलाइन ग्रोथ दर्ज करती है. हालांकि, ये सच्चाई से बहुत दूर है.
कैसे एक शानदार साल CAGR को बनाता है दमदार
रेवेन्यू ग्रोथ (%)
कंपनी | FY 17-22 | FY 16-21 | FY 15-20 | FY 14-19 | FY 13-18 |
---|---|---|---|---|---|
अडानी एंटरप्राइजेस | 13.3 | 3.1 | -7.6 | -6 | -5 |
IOC | 10.6 | 1.4 | 1.6 | 1.6 | -1.8 |
BPCL | 11.5 | 4.2 | 3.2 | 2.4 | -0.5 |
हैवेल्स इंडिया | 17.8 | 6.6 | 2 | 4.2 | 2.4 |
GAIL | 13.8 | 2 | 3.6 | 4.2 | 1.3 |
HPCL | 13.3 | 5.6 | 4.4 | 3.3 | 0.3 |
पेट्रोनेट LNG | 11.9 | -0.8 | -2.2 | 0.3 | -0.6 |
कोरोमंडेल इंटरनेश्नल | 13.8 | 4.3 | 3 | 5.6 | 4.2 |
Elgi इक्विपमेंट | 13 | 6.6 | 6.8 | 6.7 | 7 |
लॉयड मेटल्स | 13.6 | -7.6 | -10.3 | -3.4 | -11.9 |
और अदानी एंटरप्राइज़ेज़ तो सिर्फ़ एक मिसाल है. यहां ऐसे ही कुछ दूसरी मिसालें दी गई हैं.
इन कंपनियों (M-कैप>500 करोड़ रुपये) ने पिछले पांच साल में 10 फ़ीसदी से ज़्यादा का रेवेन्यू CAGR दर्ज किया है, लेकिन इससे पहले के पांच साल में 8 फ़ीसदी से कम की ग्रोथ दर्ज की है.
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और इसका उलटा भी उतना ही संभव है. हो सकता है कि कोई कंपनी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हो, लेकिन फिर उसके एक या दो साल ख़राब रहे और अचानक उसका CAGR आंकड़ा एक अलग कहानी बताने लगता है.
मिसाल के तौर पर, इन कंपनियों ने पिछले पांच साल के लिए 8 फ़ीसदी से कम का राजस्व CAGR दर्ज किया है, लेकिन दूसरे पांच सालों में 10 फ़ीसदी से ज़्यादा का राजस्व CAGR दर्ज किया है.
आपको क्या करना चाहिए
निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि CAGR का इस्तेमाल करने में बुनियादी तौर पर कुछ गड़बड़ है. इसके अलावा, यहां दी गई टेबल इस बात का इवैलुएशन नहीं करती कि इन कंपनियों ने कितना अच्छा परफ़ॉर्मेंस किया है.
कैसे एक ख़राब साल में घट जाता है CAGR
रेवेन्यू ग्रोथ(%)
कंपनी | FY 17-22 | FY 16-21 | FY 15-20 | FY 14-19 | FY 13-18 |
---|---|---|---|---|---|
अम्बुजा सीमेंट | 7.5 | 21 | 22.1 | 23.2 | 19.3 |
नैटको फ़ार्मा | -0.8 | 12.5 | 18.3 | 23.2 | 27 |
सेंटम इलेक्ट्रोनिक्स | 2.4 | 15.1 | 13.7 | 21.2 | 24.7 |
मेडीकेमन बायोटेक | 7 | 10.9 | 10 | 10.9 | 11.7 |
ग्लोस्टर | 7.8 | 213.6 | 212.2 | 242.1 | 215.1 |
AGI इंफ़्रा | 6.2 | 12.7 | 17.4 | 19.5 | 202.5 |
इस एक्सरसाइज़ का मक़सद ये दिखाना था कि CAGR आंकड़ों पर आंख मूंदकर यक़ीन करना बहुत अच्छी निवेश रणनीति नहीं है. मेट्रिक्स का इस्तेमाल किसी बिज़नस के प्रदर्शन और ग्रोथ को मापने के लिए किया जाता है. लेकिन वे कभी भी आपके निवेश के लिए इकलौते ट्रिगर नहीं होने चाहिए.
नोट: हमने बैंकिंग, फ़ाइनांस और इंश्योरेंस कंपनियों को अपनी टेबल्स से बाहर कर दिया है क्योंकि उनकी प्रज़ेंटेशन नॉन-BFSI कंपनियों से अलग हैं. BFSI कंपनियों के लिए ग्रोथ रेट से ज़्यादा ग्रोथ की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए.
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