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SIP से जुड़े सात मिथक जो नुक़सान कर सकते हैं

म्यूचुअल फ़ंड SIP को लेकर कई तरह की ग़लत-फ़हमियां हैं. यहां हम इन्हें दूर कर कर रहे हैं.

SIP से जुड़े सात मिथक जो नुक़सान कर सकते हैं

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) पूंजी इकट्ठा करने के सबसे आसान तरीक़ों में से है. आसान होने की वजह से ये निवेशकों के बीच काफ़ी पॉपुलर हो रहा है. अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक, निवेशकों ने SIP के ज़रिए से म्यूचुअल फ़ंड में ₹1.24 लाख करोड़ से ज़्यादा का निवेश किया. हालांकि, इसे लेकर बहुत सी ग़लत-फ़हमियां हैं, जिनकी वजह से कई निवेशक अपना नुक़सान कर बैठते हैं.

इस लेख में, हम SIP से जुड़ी कुछ ऐसे ही मिथक और ग़लत-फ़हमियां दूर कर रहे हैं:

मिथक #1: SIP के ज़रिए म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने से तयशुदा रिटर्न मिलता है

फ़ैक्ट: SIP निवेश में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है. अगर आप इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा शेयर बाज़ार में लगेगा. बाज़ार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, जिससे कुछ हद तक जोख़िम और अस्थिरता बनी रहती है. हालांकि, ऐतिहासिक तौर पर लंबे समय के दौरान बाज़ार ऊपर ही गए हैं, जिससे थोड़े वक़्त में आने वाली गिरावटों का असर ख़त्म हो जाता है, जिससे कुल मिला कर फ़ायदा ही मिलता है.

डेट म्यूचुअल फ़ंड के मामले में, अगर आप अपने निवेश को लंबी अवधि तक बनाए रखते हैं तो आपके निवेश में ज़्यादा उतार-चढ़ाव हो सकते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इन फ़ंड्स के अंतर्निहित एसेट्स अपने साथ ब्याज दर जोख़िम (interest rate risk) लाते हैं.

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मिथक #2: SIP से निवेश करने पर आप कभी पैसा नहीं गंवाएंगे

फ़ैक्ट: SIP आपको नुक़सान से नहीं बचा सकती है और आपके निवेश क़ीमत कभी-कभी नकारात्मक भी हो सकता है, ख़ासकर जब बाज़ार में गिरावट आती है. ये ख़ास तौर से इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फ़ंड के मामले में सच होता है और ऐसा इसलिए क्योंकि ये फ़ंड शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं.

तो फिर सभी फ़ाइनांस गुरु SIP की पूजा क्यों करते हैं? दरअसल, SIP के ज़रिए से निवेश करके, आप लंबे समय में अपनी निवेश की लागत का औसत कर पाते हैं. दूसरी ओर, अगर आप बाज़ार में तेज़ी देखते हैं और एकमुश्त निवेश करते हैं, तो बाज़ार में गिरावट आने पर आपको काफ़ी पैसा गंवाना पड़ेगा.

संक्षेप में कहें तो, SIP जोख़िम को कम कर सकती है और बाज़ार की तेज़ गिरावट से बचा सकती है. हालांकि, बाज़ार की गिरावट का असर तो आपके निवेश पर होता ही है.

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मिथक #3: एक बार शुरू करने के बाद SIP की रक़म, तारीख़, आदि, बदले नहीं जा सकते

फैक्ट: SIP आपको बहुत लचीलापन देती है. आप किसी भी समय निवेश की रक़म और उसकी अवधि बदल सकते हैं. अगर आपकी आमदनी बढ़ती या कम होती है या अगर आप ज़्यादा निवेश करना चाहते हैं तो आप SIP की राशि बदल सकते हैं. असल में तो हम आपको सलाह देंगे कि जैसे-जैसे आपकी सैलरी बढ़े, वैसे-वैसे आप अपनी SIP की रक़म भी बढ़ाते रहें.

आप फ़ंड हाउस से किसी भी महीने अपनी SIP रोकने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं यहां अलग-अलग AMC द्वारा दी जाने वाली इस सुविधा के बारे में जानकारी दी गई है.

मिथक #4: साप्ताहिक SIP मासिक SIP से बेहतर है

फ़ैक्ट: इक्विटी में लगातार निवेश करके, आप अपनी निवेश लागत का औसत कर सकते हैं और बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बेहतर तरीक़े से निपट सकते हैं.

लेकिन हाल ही में, स्मार्ट SIP के एक कॉन्सेप्ट ने इस बात को चरम पर पहुंचा दिया है. कुछ लोगों का दावा है कि SIP की संख्या बढ़ाने से रिटर्न में सुधार होगा. इसके पीछे तर्क ये है कि कुछ निवेशकों को लगता है कि साप्ताहिक SIP से बाज़ार के निचले स्तर को पकड़ने की आपकी संभावना बढ़ जाती है.

इतना करने की ज़रूरत नहीं है और ऐसा करने से निवेश की निगरानी करना मुश्किल हो जाता है. हक़ीकत में, साप्ताहिक और मासिक SIP के बीच रिटर्न में अंतर भी बहुत बड़ा नहीं है. इसलिए साप्ताहिक SIP में मेहनत ज़्यादा है मगर फ़ायदा बहुत कम.

मिथक #5: म्यूचुअल फ़ंड SIP न दे पाने पर जुर्माना लगेगा

फैक्ट: हालांकि आपको अपनी SIP क़िश्त मिस करने से बचना चाहिए, लेकिन आप एक या दो महीने के लिए उन्हें मिस कर सकते हैं. आपको जुर्माना भरने की ज़रूरत नहीं है; न ही आपका निवेश निष्क्रिय हो जाता है.

लेकिन बैंक का ऑटो-डेबिट भुगतान अगर नहीं हो पाता है तो बैंक आपसे फ़ीस ले सकता है. साथ ही, अगर आप लगातार तीन महीनों तक अपना निवेश चूक जाते हैं, तो आपके SIP निवेश के रद्द होने का जोख़िम भी होता है. ऐसे मामले में, आप अपने SIP को फिर से शुरू करने के लिए एक नया मैंडेट बना सकते हैं.

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मिथक #6: SIP केवल इक्विटी फ़ंड के लिए होती है

फ़ैक्ट: ये सच नहीं है क्योंकि ग़ैर-इक्विटी फ़ंड के लिए भी SIP का रास्ता समझदारी भरा होता है. बेशक़, SIP निवेश को आसान बनाती है.

हालांकि, आपका पैसा एक निश्चित तारीख़ पर आपके बैंक अकाउंट से कट जाता है, जिससे आपके पास पूरा महीना होता है अगले महीने की ज़रूरत के पैसों की तैयारी करने के लिए. SIP के ज़रिए निवेश करने से जो अनुशासन बनता है वो लंबे समय में अच्छी-ख़ासी पूंजी हासिल करने में आपकी मदद करता है.

मिथक #7: म्यूचुअल फ़ंड SIP केवल न्यूनतम पूंजी वाले निवेशकों के लिए सही है

फ़ैक्ट: बहुत से लोग सोचते हैं कि SIP सिर्फ़ छोटे निवेशकों के लिए होती है क्योंकि ये आपको 500-1,000 रुपये प्रति माह से भी कम निवेश शुरू करने की सहूलियत देती है.

हालांकि, ये सिर्फ़ न्यूनतम रक़म है. ज़्यादतर म्यूचुअल फ़ंड में अधिकतम SIP रक़म की कोई सीमा नहीं होती है. आप जितना चाहें उतना निवेश कर सकते हैं.

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