हॉवर्ड मार्क्स वैल्यू रिसर्च में हमारे पसंदीदा निवेशकों में से हैं। उनके मेमो (memos
बेहतर रिटर्न का रास्ता लीक से हटकर ही मिलता है
"मार्केट के भागीदारों की आम राय मार्केट की क़ीमतों में पक कर तैयार होती है। इसलिए, अगर निवेशकों की अंतर्दृष्टि की कमी आम राय बनाने वाले औसत लोगों से ज़्यादा है, तो उन्हें औसत रिस्क-एडजस्ट किए हुए परफ़ॉर्मेंस की उम्मीद ही करनी चाहिए।"
"अगर आप औसत से बेहतर होना चाहते हैं, तो आपको आम राय के व्यवहार से दूर हटना होगा। आपको कुछ सेक्योरिटीज़, एसेट क्लास, या मार्केट को ज़्यादा और कुछ को कम आंकना होगा। दूसरे शब्दों में, आपको कुछ अलग करना होगा।"
"चुनौती इस बात में है कि (a) मार्केट प्राइज़ हर किसी की सामूहिक सोच का नतीजा है और (b) ये किसी भी एक शख्स के लिए मुश्किल है कि वो लगातार पता कर पाए कि आम राय ग़लत है और कोई एसेट बहुत ऊंचा या बहुत कम दामों पर है।"
दूसरे-स्तर का विचारक होने की अहमियत
"पहले-स्तर के विचार सरल और सतही होते हैं, और इसे हर कोई कर सकता है (बेहतर करने की कोशिश में लगे होने पर ये ख़राब संकेत है)। पहले-स्तर के विचारक को सिर्फ़ भविष्य के विषय में राय की ज़रूरत होती है, जैसे 'इस कंपनी का भविष्य अच्छा लग रहा है, यानि स्टॉक ऊपर जाएगा।'"
"दूसरे-स्तर के विचार गहरे, जटिल, और गुंथे हुए होते हैं। दूसरे-स्तर का विचारक बहुत सी बातों को अपने फ़ैसले में शामिल करता है:
· भविष्य के नतीजों की संभावित रेंज क्या है?
· मैं क्या सोचता हूं कि नतीजे क्या होंगे?
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· दामों में शामिल आम राय का मनोविज्ञान क्या बहुत ज़्यादा तेज़ी लिए है या दी लिए हुए है?
· एसेट के दाम का क्या होगा अगर आम राय सही हुई, और क्या होगा अगर मैं सही हुआ?"
"कोई भी जो ये सोचता है कि निवेश के लिए एक फॉर्मूला है जो सफलता की गारंटी देता है (and that they can possess it) ज़ाहिर है निवेश की प्रकृति में शामिल जटिलता, गतिशीलता, और इसकी प्रतिद्वंद्विता को नहीं समझता।"
विरोधाभासिता
"इसका मतलब सिर्फ़ भीड़ से उलटा करना ही नहीं होता। मगर हां, अच्छे निवेश जो बेहतरीन अवसरों पर किए जाते हैं - जब मार्केट अपने चरम पर हो - तब उनमें विरोधाभास की सोच का पुट होता ही है।"
बेहतर रिटर्न कि लिए क्या चाहिए?
"अलग ढ़ंग का बर्ताव ही निवेश के बेहतर नतीजे हासिल करने का इकलौता रास्ता है, मगर ये हर किसी के लिए नहीं है। बेहतरीन कौशल के अलावा, सफल निवेश में कुछ समय के लिए ग़लत दिखने की क़ाबिलियत और ग़लतियों से उबरने का माद्दे की ज़रूरत होती है। इसलिए हर किसी को ये आकलन करना होता है कि वो मानसिक तौर पर ये सब करने में सक्षम है या नहीं और कहीं उसके हालात - उसके कर्मचारियों, क्लायंट और दूसरों के नज़रिए का उस पर असर - उसे मौक़ा देगा... जब हालात मुश्किल हों और पहल करना उसे ग़लत दिखा रहा हो, जैसा कि होगा ही।"
"आप दोनों ही तरीक़े नहीं अपना सकते। और जैसा कि निवेश के कई पहलुओं में होता है, कि वहां कुछ सही या ग़लत नहीं होता, केवल आपके लिए सही और ग़लत होता है।"
लॉन्ग-टर्म निवेश के बदले में शॉर्ट-टर्म निवेश छोड़ना
"मुझे लगता है कि ज़्यादातर निवेशकों की नज़र ग़लत निशाने पर होती है। एक क्वार्टर या एक साल का प्रदर्शन बहुत हुआ तो कोई मायने नहीं रखेगा और बढ़ गया तो एक नुकसान देने वाला भटकाव हो जाएगा। मगर ज़्यादातर निवेश की कमेटियां फिर भी हर मीटिंग का पहला घंटा हालिया क्वार्टर और पिछले साल से अब तक की चर्चा में बिताती हैं। अगर हर कोई इस बात पर फ़ोकस कर रहा है जो मायने नहीं रखती और उसे नज़रअंदाज़ कर रहा है जो रखती है, निवेशक बाक़ियों से फ़ायदेमंद तौर पर अलग हो सकते हैं अगर वो शॉर्ट-टर्म की चिंताओं को ब्लॉक कर दें और अपने कैपिटल के लॉन्ग-टर्म निवेश पर लेज़र फ़ोकस बनाए रखें।"