जबसे इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (long-term capital gains tax) की पेशकश हुई है, तब से इन्वेस्टर्स अक्सर पूछते रहते हैं कि क्या इससे बचने का कोई रास्ता है. कुछ समय पहले एक सब्सक्राइबर ने मुझे भेजे एक ई-मेल में कहा कि वो इक्विटी शेयरों में अपने निवेश को बेचकर एक घर ख़रीदने की प्लानिंग कर रहे हैं. उन्होंने ख़ासतौर पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54F की बात की, और पूछा कि क्या मकान ख़रीदते समय कैपिटल गेन्स पर छूट मिल सकती है.
इस सवाल का सीधा जवाब है - हां, आप ऐसा कर सकते हैं. लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें जुड़ी हुई हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस छूट का दावा करने के लिए आपके पास एक से ज़्यादा घर नहीं होना चाहिए, यानी केवल वही घर होना चाहिए जिसे आप ख़रीदने वाले रहे हैं. इसके अलावा, आप इस घर को तीन साल के भीतर नहीं बेच सकते, ऐसा करने पर छूट वापस ले ली जाती है.
आइए, थोड़ा विस्तार से जानते हैं कि सेक्शन 54F क्या कहता है. ये सेक्शन रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी के अलावा कोई भी कैपिटल एसेट बेचने पर मिलने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर छूट का दावा करने की इजाज़त देता है, अगर आप इसका इस्तेमाल रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी ख़रीदने के लिए करते हैं. इसका मतलब है कि फ़ायदा इक्विटी, ज्वैलरी, बॉन्ड आदि कहीं से भी हो, तो कैपिटल गेन्स् टैक्स लगता है, लेकिन अगर इस फ़ायदे का इस्तेमाल रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी ख़रीदने के लिए किया जाता है तो छूट का दावा किया जा सकता है.
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छूट का दावा करने के लिए पूरी करनी होंगी ये शर्तें
- ये छूट सिर्फ़ व्यक्तिगत तौर पर और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUFs) के लिए ही है.
- आपके पास एक से ज़्यादा घर नहीं होना चाहिए (उसके अलावा जिसे आप ख़रीद रहे हैं).
- छूट का फ़ायदा उठाने के लिए, इस कैपिटल एसेट को बेचने की तारीख़ से एक साल पहले या दो साल बाद तक घर ख़रीदा जा सकता है. घर बनाने के मामले में, इस कैपिटल एसेट की बिक्री से 3 साल के भीतर उसे पूरा करना होता है.
- अगर आप उस फ़ाइनेंशियल ईयर का इनकम टैक्स रिटर्न दाख़िल करने की तय की गई तारीख़ से पहले, ऊपर बताए गए मक़सद के लिए बिक्री से हुई आमदनी का इस्तेमाल करने में असमर्थ हैं, जिसमें ऐसी पूंजीगत संपत्ति बेची जाती है, तो उस रक़म को बैंक के 'कैपिटल गेन्स अकाउंट' में ट्रांसफ़र कर दीजिए.
- आप इस घर को 3 साल के भीतर नहीं बेच सकते, वरना छूट वापस ले ली जाएगी.
- अगर आप ऐसी एसेट बेचने की तारीख़ से एक साल के भीतर कोई अन्य घर (छूट का दावा करने के लिए ख़रीदे गए घर के अलावा) ख़रीदते हैं, या तीन साल के भीतर दूसरा घर बनाते हैं, तो छूट वापस ले ली जाएगी.
कैपिटल गेन्स के कितने भाग पर मिलती है छूट
इसे समझने के लिए, मान लेते हैं कि एक इन्वेस्टर ने लगभग ₹60 लाख की एसेट बेची है, जिसमें से उनका कैपिटल गेन ₹10 लाख है. इन्वेस्टर इस रक़म को रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की ख़रीद/ कंस्ट्रक्शन के लिए फिर से निवेश करता है, तो छूट के लिए कैपिटल गेन्स की धनराशि की कैलकुलेशन इस तरह की जाती है:
केस 1: जब पूरी रक़म दोबारा निवेश की जाती है
ऐसे मामले में जब एसेट्स की बिक्री से मिली पूरी रक़म को रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी की ख़रीद/ कंस्ट्रक्शन के लिए फिर से निवेश किया जाता है, तो निवेशक इस मामले में पूरे कैपिटल गेन्स यानी ₹10 लाख पर छूट का दावा कर सकते हैं.
केस 2: जब बिक्री से मिली रक़म का एक भाग निवेश किया जाता है
अगर बिक्री से मिले पैसे का एक भाग फिर से निवेश किया जाता है, तो सेक्शन 54F के तहत कैपिटल गेन्स पर छूट की कैलकुलेशन फिर से निवेश की गई रक़म के रेशियो पर की जाती है. मिलाल के तौर पर, अगर इन्वेस्टर ₹40 लाख का दोबारा निवेश करता है, तो कैपिटल गेन्स पर छूट का कैलकुलेशन (40 लाख/ 60 लाख) गुणा 10 लाख = ₹6.67 लाख के तौर पर किया जाता है.
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